एकनाथ शिंदे की पार्टी के नेता का मोदी सरकार के मंत्री पर भ्रष्टाचार का आरोप, महायुति में सब ठीक है?
बात सिर्फ दो नेताओं के बीच की नहीं है, शिंदे की पार्टी के कोटे से महाराष्ट्र सरकार में मंत्री उदय सामंत भी इस विवाद में कूद गए हैं.

महाराष्ट्र के महायुति गठबंधन में सब ठीक है? ये सवाल इसलिए क्योंकि, एकनाथ शिंदे की पार्टी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के एक मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. शिवसेना के एक नेता ने केंद्रीय मंत्री और BJP सांसद मुरलीधर मोहोल के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. लेकिन ये आरोप-प्रत्यारोप सिर्फ दो नेताओं के बीच तक सीमित नहीं हैं. इस मामले में दोनों पार्टियों के नेता आमने-सामने आ गए हैं.
Ravindra Dhangekar ने क्या आरोप लगाए?रवींद्र धांगेकर शिवसेना की पुणे महानगर इकाई के प्रमुख हैं. उन्होंने 2024 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में पुणे से लड़ा था. लेकिन मुरलीधर मोहोल से हार गए थे. शुक्रवार, 24 अक्टूबर को रवींद्र ने मुरलीधर पर पुणे के मेयर रहते हुए रियल एस्टेट एजेंट्स के लिए काम करने का आरोप लगाया. उन्होंने आगे कहा,
मुरलीधर के कार्यकाल के दौरान एक रियल एस्टेट डेवलपमेंट फर्म ने मेयर के स्टिकर लगाए थे. तब से उस रियल एस्टेट फर्म के साथ उनके संबंध और भी बेहतर हो गए हैं.
रवींद्र धांगेकर ने दावा किया कि गाड़ी एक बिल्डर भधेकर की थी. उन्होंने आरोप लगाया,
ये वही बिल्डर है, जिसने जैन हॉस्टल की खरीद के लिए एक संदिग्ध नीलामी आयोजित की थी. और ये बिल्डर मुरलीधर मोहोल का पार्टनर भी है.
शिवसेना नेता ने पूछा,
पुणे नगर निगम में मेयर के संवैधानिक पद पर रहते हुए क्या मेयर के लिए एक निजी व्यवसायी की गाड़ी का इस्तेमाल करना नैतिक है? क्या नौ हज़ार करोड़ के बजट वाला नगर निगम अपने मेयर के लिए एक साधारण गाड़ी नहीं खरीद सकता?
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, रवींद्र धांगेकर ने आगे जोड़ा कि उनके आरोपों का ठाणे या नवी मुंबई में BJP और शिवसेना के बीच चल रहे झगड़े से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा,
मैं मुरलीधर द्वारा सत्ता के दुरुपयोग का पर्दाफाश करना बंद नहीं करूंगा, चाहे मुझे व्यक्तिगत या पेशेवर रूप से हारना ही क्यों न पड़े.
राज्य के मंत्री और शिवसेना नेता उदय सामंत ने रवींद्र धांगेकर को पार्टी में शामिल कराने के लिए अहम भूमिका निभाई थी. जब इसे लेकर रवींद्र धांगेकर के खिलाफ कार्रवाई की मांग हुई, तो उनकी भी प्रतिक्रिया आई. उदय सामंत ने कहा,
हम ठाणे और नवी मुंबई में शिवसेना के खिलाफ BJP नेताओं के हमले को नजरअंदाज नहीं कर सकते. अगर धांगेकर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है, तो ठाणे और नवी मुंबई में भी यही मांग होनी चाहिए.
यानी उनका कहना है कि ठाणे और नवी मुंबई में भी BJP नेताओं पर कार्रवाई होनी चाहिए.
Murlidhar Mohol जवाबआरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री मुरलीधर मोहोल ने कहा कि मीडिया को धांगेकर को तवज्जो नहीं देनी चाहिए. क्योंकि वो बार-बार झूठ बोल रहे हैं. उन्होंने अपनी सफाई में कहा,
रियल एस्टेट कंपनी ने अपनी गाड़ी पर मेयर का स्टिकर इसलिए लगाया, क्योंकि मैं उस फर्म का पार्टनर था और मैंने उस गाड़ी का इस्तेमाल पार्टनर के तौर पर किया था. दरअसल, मेयर के तौर पर अपने ढाई साल के कार्यकाल के दौरान मैंने सरकारी गाड़ी की बजाय अपनी गाड़ी का इस्तेमाल किया था.
उन्होंने आगे कहा कि इसमें कुछ भी गैरकानूनी नहीं है, क्योंकि ये उनके चुनावी हलफनामे में भी बताया गया है. केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि धांगेकर के पास करने के लिए कोई काम नहीं है, क्योंकि चुनावों में नागरिकों ने उन्हें नकार दिया है और इस वजह से वो परेशान हैं.
इस बीच, स्थानीय BJP नेताओं ने धांगेकर को लेकर एक और दावा कर दिया. बोले कि एकनाथ शिंदे ने गठबंधन सहयोगी BJP के नेताओं के खिलाफ आरोप लगाने के कारण उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया है.
जबकि रवींद्र धांगेकर ने कहा कि BJP नेता ये अफवाह फैला रहे हैं कि उन्हें शिवसेना से निकाला जा रहा है. उनका कहना है कि उन्हें पार्टी से इस तरह के कोई निर्देश नहीं मिले. शिवसेना नेता ने आगे जोड़ा कि वो ‘गलत चीजों का पर्दाफाश’ करते रहेंगे. उन्होंने दावा किया कि ‘उनकी पार्टी हमेशा अन्याय के खिलाफ’ खड़ी रही है.
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