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केरल सरकार ने निकाय चुनाव के बीच SIR न कराने की मांग की, HC ने कहा- 'SC जाओ', वजह ये बताई

SIR In Kerala: केरल सरकार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मांग की है कि वो राज्य में निकाय चुनाव पूरे होने तक SIR पर रोक लगा दे. लेकिन हाईकोर्ट ने सरकार की याचिका सुनने से इनकार कर दिया है.

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Kerala High Court Dismisses Kerala Govt Plea to Postpone SIR Till Local Body Elections
केरल हाईकोर्ट. (फाइल फोटो- इंडिया टुडे)
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रिदम कुमार
15 नवंबर 2025 (Published: 10:10 AM IST)
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केरल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) से जुड़ी याचिका खारिज कर दी है. सरकार ने मांग की थी कि राज्य में लोकल चुनावों के मद्देनजर SIR की प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए. लेकिन हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की याचिका सुनने से इनकार करते हुए उससे सुप्रीम कोर्ट जाने को कहा. कोर्ट ने कहा कि इस विषय पर सुप्रीम कोर्ट में कई अर्जियां पेंडिंग हैं, ऐसे में वह इस पर सुनवाई नहीं कर सकता. 

केरल में कब होने हैं निकाय चुनाव?

इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, केरल सरकार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मांग की है कि राज्य में 13 दिसंबर को निकाय चुनाव पूरे होने तक SIR पर रोक लगे. याचिका में चुनावी पुनरीक्षण कर रहे भारत चुनाव आयोग (ECI) और स्थानीय निकाय चुनाव प्रक्रिया का प्रबंधन कर रहे राज्य चुनाव आयोग (SEC) को पार्टी बनाया गया है. 

हाईकोर्ट ने क्या पूछा?

मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस वीजी अरुण की पीठ ने पूछा कि जब सुप्रीम कोर्ट SIR की वैधता पर विचार कर रहा है तो इस याचिका पर विचार कैसे किया जा सकता है? केरल सरकार का मानना ​​था कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में सिर्फ इतना कहा है कि हाईकोर्ट उन मामलों की सुनवाई रोकें, जो SIR की वैधता से जुड़े हैं. सुप्रीम कोर्ट ने यह नहीं कहा कि सभी तरह की याचिकाएं रोकी जाएं. 

चुनाव आयोग का तर्क

केरल सरकार ने यह भी तर्क दिया कि वह SIR की वैधता को चुनौती नहीं दे रही है. वह याचिका सिर्फ स्थानीय निकायों के चुनाव पूरे होने तक प्रक्रिया को रोकने के लिए कह रही है. दूसरी तरफ चुनाव आयोग के वकील ने कोर्ट में कहा कि सुप्रीम कोर्ट में कुछ याचिकाकर्ता खराब मौसम और इसी तरह के कई अन्य कारणों का हवाला देते हुए SIR प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं.

हाईकोर्ट ने याचिका खारिज की

सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट की बेंच ने साफ शब्दों में कहा कि सुप्रीम कोर्ट में पहले से मामले पेंडिंग होने की वजह से इस याचिका पर विचार करना न्यायिक अनुशासन के खिलाफ होगा, इसलिए इसे नहीं सुना जा सकता. कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर राज्य सरकार को जरूरी लगे तो वह सुप्रीम कोर्ट में जा सकती है या फिर वहां के फैसले के बाद दोबारा हाईकोर्ट आ सकती है. 

क्या है SIR?

SIR यानी विशेष गहन पुनरीक्षण, वोटर लिस्ट को अपडेट करने की एक प्रक्रिया होती है. इसके माध्यम से चुनाव आयोग यह पता लगाता है कि जिन मतदाताओं के अभी लिस्ट में नाम हैं, वे अब भी उस जगह पर रह रहे हैं या जीवित हैं या नहीं. इसके अलावा, फर्जी या डुप्लीकेट नामों को भी लिस्ट से हटाया जाता है. 

इसके लिए घर-घर जाकर मतदाताओं का दोबारा वेरिफिकेशन किया जाता है. चुनाव आयोग को संविधान से ये अधिकार मिले हैं कि वह समय-समय पर वोटर लिस्ट अपडेट करने के लिए विशेष अभियान चला सकता है.

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