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'सनातनियों की संगति से बचें, RSS से रहें सावधान', CM सिद्धारमैया ने इतना तीखा विरोध क्यों किया?

Siddaramaiah On RSS: कर्नाटक के सीएम ने लोगों को 'सनातनियों' और संघ परिवार से जुड़े लोगों से बचने की सलाह दी है. सिद्धारमैया ने दावा किया कि RSS और उससे जुड़े लोग संविधान के विरोधी रहे हैं.

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Karnataka CM Siddaramaiah On RSS Sangh Parivar Ppposed Ambedkar Constitution
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया. (फाइल फोटो- PTI)
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रिदम कुमार
19 अक्तूबर 2025 (Updated: 19 अक्तूबर 2025, 02:01 PM IST)
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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शनिवार, 18 अक्टूबर को RSS पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने लोगों को ‘सनातनियों’ और संघ परिवार से जुड़े लोगों से बचने की सलाह दी है. सिद्धारमैया ने दावा किया कि RSS और उससे जुड़े लोग ऐतिहासिक रूप से बी. आर. आंबेडकर और उनके द्वारा बनाए गए संविधान के विरोधी रहे हैं. उन्होंने स्कूलों और कॉलेजों में RSS के कार्यक्रम बैन करने के फैसले पर भी सफाई दी. यू-टर्न लेते हुए सिद्धारमैया ने कहा कि उनका मकसद RSS को निशाना बनाना नहीं है.

RSS पर बरसे कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, सिद्धारमैया शनिवार को मैसूर यूनिवर्सिटी के सिल्वर जूबली सेलिब्रेशन का उद्घाटन करने पहुंचे थे. यहां अपने संबोधन के दौरान उन्होंने उन समूहों से जुड़ने के खिलाफ चेतावनी दी, जिन्हें उन्होंने सामाजिक सुधार का विरोधी बताया था. इसके मद्देनजर उन्होंने खासतौर से RSS और संघ परिवार का जिक्र किया.

सिद्धारमैया ने कहा, 

“अपनी संगति सही रखें. उन लोगों के साथ जुड़ें जो समाज के लिए खड़े हैं. ऐसे लोगों से जुड़ने से बचें जो सामाजिक परिवर्तन का विरोध करते हैं या सनातनी हैं.”

बता दें कि कर्नाटक सरकार ने हाल में नियम बनाया है कि अब किसी भी संगठन को सार्वजनिक जगहों पर कार्यक्रम करने के लिए पहले से इजाजत लेनी होगी. इसे RSS के कार्यक्रमों को बैन करने से जोड़कर देखा गया. ऐसा इसलिए भी क्योंकि कर्नाटक IT मंत्री प्रियंक खड़गे ने खुद RSS की गतिविधियों को सार्वजनिक जगहों पर बैन करने की मांग की थी. इसी के बाद राज्य में मुख्य विपक्षी दल BJP और सत्तारूढ़ कांग्रेस एक-दूसरे पर हमलावर हैं.

नए कानून पर सिद्धारमैया की सफाई

इस मामले पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने सफाई दी है. उन्होंने बताया कि बीजेपी के नेतृत्व वाले जगदीश शेट्टार वाली कैबिनेट द्वारा भी ऐसा ही एक आदेश पारित किया गया था. नया नियम पिछली बीजेपी सरकार की ओर से पारित 2013 के एक सर्कुलर का ही विस्तार है. 

सिद्धारमैया ने कहा, 

“हम RSS को निशाना नहीं बना रहे हैं. यह हर संगठन पर लागू होता है. यह आदेश मूल रूप से 2013 में जगदीश शेट्टार के कार्यकाल के दौरान जारी किया गया था. जब जगदीश शेट्टार यह कानून लाए थे, तब उन्होंने (बीजेपी ने) इसका विरोध क्यों नहीं किया? हमारा निशाना RSS या किसी विशेष समूह पर नहीं है. अगर कानून-व्यवस्था भंग होती है तो राज्य की पुलिस आवश्यक कार्रवाई करेगी.”

CJI पर ‘जूता फेंकने’ पर क्या बोले?

भारत के चीफ जस्टिस बी. आर. गवई पर जूता फेंके जाने की घटना पर सिद्धारमैया ने कहा, 

“एक सनातनी द्वारा मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंकना यह दिखाता है कि समाज में अभी भी सनातनी और रूढ़िवादी तत्व मौजूद हैं. इस कृत्य की निंदा सिर्फ दलितों द्वारा ही नहीं, बल्कि सभी को करनी चाहिए. तभी हम कह सकते हैं कि समाज परिवर्तन की राह पर आगे बढ़ रहा है.”

सिद्धारमैया ने यह भी आरोप लगाया कि RSS और संघ परिवार ने आंबेडकर के संविधान का विरोध किया था. वे अब भी यही कर रहे हैं. उन्होंने लोगों से सतर्क रहने की अपील की. 

वीडियो: RSS के 100 साल: 'भारत का समय आ गया है,' हिंदू राष्ट्र पर क्या बोले मोहन भागवत?

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