कौन हैं एश्ले टेलिस? जिनकी गिरफ्तारी ने हिला दिया अमेरिका-भारत रिश्ता
Ashley Tellis पर आरोप है कि उन्होंने सीक्रेट मैटेरियल्स, अमेरिकी सैन्य विमानों की क्षमताओं से संबंधित गोपनीय फाइलें प्रिंट करने के बाद उसे ले गए.

भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों को लेकर लंबे समय तक अमेरिका के सलाहकार रहे भारतीय मूल के एश्ले टेलिस (Ashley Tellis) को अमेरिका में गिरफ्तार कर लिया गया है. वो लंबे समय तक दक्षिण एशियाई मामलों पर अमेरिकी प्रशासन के सलाहकार के तौर पर काम करते रहे. लेकिन अब उन पर एक गंभीर आरोप लगा है. प्रशासन का आरोप है कि एश्ले सीक्रेट दस्तावेजों को अपने पास इकट्ठा कर रहे थे. साथ ही उन्होंने चीनी सरकार के कुछ लोगों से मुलाकात की. ये सभी आरोप तब सामने आए हैं, जब कोर्ट में फाइल हुई चीजें सार्वजनिक तौर पर सामने आईं.
अमेरिकी न्याय विभाग (Justice Department) ने कहा कि 64 साल के एश्ले टेलिस ने गलत तरीके से राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी जानकारी हासिल की. इसमें हजारों पन्नों के वो सीक्रेट डॉक्यूमेंट्स भी शामिल हैं जो विएना, वर्जीनिया में उनके घर से मिले थे.
अमेरिका-भारत संबंधों पर टेलिस को एक प्रतिष्ठित व्यक्ति के रूप में जाना जाता है. उन्होंने अमेरिका के कई प्रशासनों के अधीन काम किया है. उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के कार्यकाल में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (National Security Council) में काम किया था. एफबीआई (FBI) के एक हलफनामे में उन्हें विदेश विभाग का एक अनपेड सलाहकार बताया गया है. पेंटागन के नेट असेसमेंट ऑफिस ने उन्हें अपने साथ कॉनट्रैक्ट पर काम करने वाला एक व्यक्ति बताया है. इसके अलावा टेलिस वाशिंगटन के एक थिंक टैंक, कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस में एक सीनियर फेलो भी हैं. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार विदेश विभाग के एक अधिकारी ने गिरफ्तारी की पुष्टि तो की है. लेकिन अधिकारी ने आगे कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है. पेंटागन ने कहा कि वह किसी भी एक्टिव यानी चल रहे केस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे.
डेमोक्रेट और रिपब्लिकन; टेलिस ने दोनों के साथ काम किया2001 में अमेरिकी सरकार में शामिल हुए एश्ले टेलिस एक अनुभवी नीति रणनीतिकार के तौर पर जाने जाते हैं. टेलिस ने भारत और दक्षिण एशिया पर रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक, दोनों प्रशासनों को सलाह दी है. उनकी गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है जब ट्रंप प्रशासन और नेशनल इंटेलिजेंस की डायरेक्टर तुलसी गबार्ड ने सीक्रेट जानकारी के दुरुपयोग पर कड़ा रुख अपनाना शुरू किया है. ट्रंप और गबार्ड ने ‘बिना किसी अपवाद के’ अपराधियों पर मुकदमा चलाने का वादा किया है.
मुंबई में हुआ जन्ममुंबई में जन्मे टेलिस ने पहले सेंट जेवियर्स कॉलेज से पढ़ाई की. इसके बाद वो शिकागो यूनिवर्सिटी से पीएचडी करने से अमेरिका गए. उन्होंने शिकागो यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल साइंस में एमए भी किया है. बीते कई सालों से टेलिस को अमेरिका-भारत-चीन नीतिगत मुद्दों पर एक स्थायी सदस्य के रूप में जाना जाता है. कई पैनल्स में वह एक जाना-पहचाना चेहरा हैं. उनके लेखन पर वाशिंगटन, नई दिल्ली और बीजिंग, सभी जगह बारीकी से नजर रखी जाती थी.
राष्ट्रीय सुरक्षा में चूक का मामला, सीक्रेट डॉक्यूमेंट्स का एक्सेस थाअदालती रिकॉर्ड्स के मुताबिक टेलिस पर आरोप है कि उन्होंने सितंबर और अक्टूबर 2025 में अमेरिकी रक्षा और विदेश विभाग, दोनों के ऑफिस से सीक्रेट मैटेरियल्स तक पहुंच बनाई. उसे प्रिंट किया और फिर हटा दिया. सर्विलांस फुटेज में कथित तौर पर उन्होंने सीक्रेट मैटेरियल्स, अमेरिकी सैन्य विमानों की क्षमताओं से संबंधित गोपनीय फाइलें प्रिंट करने के बाद एक चमड़े के ब्रीफकेस के साथ बाहर निकलते हुए दिखाया गया था.
जांचकर्ताओं का कहना है कि टेलिस ने तलाशी के दौरान सहयोग किया, अपने फिंगरप्रिंट से एक लैपटॉप खोला और फाइलिंग कैबिनेट की चाबियां दीं. एफबीआई के हलफनामे के अनुसार, टेलिस के पास अपनी सरकारी भूमिकाओं के कारण संवेदनशील सूचना तक पहुंच के साथ एक अति गोपनीय सुरक्षा मंजूरी थी. वो कहीं भी पहुंच सकते थे. और उन्होंने इसी पावर का दुरुपयोग किया.
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