किसान आंदोलन: 12 मांगों के साथ दिल्ली कूच करेंगे किसान, 8 महीने से धरने पर बैठे हैं
Sarwan Singh Pandher ने कहा है कि वो Shambhu Border पर पिछले 8 महीने से बैठे हैं. उन्होंने कहा कि किसानों पर ट्रैक्टरों को मॉडिफाई करने का आरोप लगाया गया. इसलिए किसानों ने अब पैदल ही दिल्ली जाने का फैसला लिया है.

दिल्ली के शंभू बॉर्डर पर पिछले 8 महीने से धरने पर बैठे किसान (Farmer Protest) अब राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की ओर कूच करने वाले हैं. करीब 100 किसानों का एक जत्था आज यानी 6 दिसंबर को पैदल मार्च शुरू करेगा. इस मार्च का नेतृत्व किसान नेता सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल करेंगे.
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पंधेर ने कहा है कि वो यहां पिछले 8 महीने से बैठे हैं. उन्होंने कहा कि किसानों पर ट्रैक्टरों को मॉडिफाई करने का आरोप लगाया गया. इसलिए किसानों ने अब पैदल ही दिल्ली जाने का फैसला लिया है. किसान नेता ने बताया कि किसानों के आंदोलन को हरियाणा के खाप पंचायतों और व्यापारिक समुदाय का भी समर्थन प्राप्त है.
किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी गारंटी की मांग की है. साथ ही उन्होंने लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग रखी है. सरवन सिंह पंधेर ने बताया कि हरियाणा की प्रशासन ने किसानों पर हथियार रखने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि किसान शांतिपूर्ण तरीके से मार्च करेंगे. किसानों की कुल 12 मांग है.
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पंधेर ने बताया कि फरवरी महीने में केंद्र और किसानों की 4 दौर की बात हुई थी. लेकिन 18 फरवरी के बाद सरकार से कोई बातचीत नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि सरकार को फिर से बातचीत शुरू करनी चाहिए.
किसान आंदोलन को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने अंबाला में BNS की धारा 163 को लागू किया है. इसके तहत सार्वजनिक सभाओं और जुलूसों पर रोक लगा दी है. सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. अर्धसैनिक बलों की तैनाती और वाटर कैनन की व्यवस्था की गई है. ड्रोन कैमरों से आसपास के इलाकों पर नजर रखी जा रही है.
IG अंबाला और SP अंबाला ने शंभू बॉर्डर का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने मीडिया से भी बात की. SP ने कहा कि किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर किसानों के पास दिल्ली पुलिस की अनुमति होगी तो उन्हें दिल्ली जाने दिया जाएगा. उन्होंने किसानों से शांति बनाए रखने की अपील की.
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