सामने आए DSP ऋषिकांत शुक्ला, '100 करोड़ के साम्राज्य' पर भी बोले
DSP Rishikant Shukla को 'एनकाउंटर स्पेशलिस्ट' के तौर पर जाना जाता है. उन्होंने बताया कि वे अब तक 20-22 फुल एनकाउंटर कर चुके हैं. लेकिन अब उन पर कई गंभीर आरोप लगे हैं. SIT की जांच में पता चला है कि ऋषिकांत शुक्ला ने कथित तौर पर भ्रष्टाचार, धमकी और आपराधिक गठजोड़ के जरिये करीब ‘100 करोड़ रुपये की संपत्ति इकट्ठा की’ है.

उत्तर प्रदेश पुलिस के निलंबित डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (DSP) ऋषिकांत शुक्ला ने ‘गैरकानूनी तरीके से’ करोड़ों रुपये की संपत्ति बनाने के आरोपों को खारिज कर दिया है. स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) की जांच में पता चला है कि ऋषिकांत शुक्ला ने कथित तौर पर भ्रष्टाचार, धमकी और आपराधिक गठजोड़ के जरिये कानपुर में करीब ‘100 करोड़ रुपये की संपत्ति इकट्ठा की’ है. लेकिन ऋषिकांत शुक्ला ने सभी आरोप नकार दिए हैं.
आजतक से जुड़े सिमर चावला से बात करते हुए निलंबित पुलिस अधिकारी ने कहा,
"मुझे ऐसा लगता है कि जिस गैंग के खिलाफ मैंने बड़ी कार्रवाई की है, उन लोगों ने पूर्व पुलिस कमिशनर साहब को कुछ बेबुनियाद सूचनाएं दी हैं. कुछ आपराधिक तत्व के लोगों ने सूचनाएं दीं. इसके कारण जो मेरी रिपोर्ट गई है, उसमें बहुत सी चीजें बढ़ा-चढ़ाकर ऐसी कर दी गईं, जो मेरी जानकारी में झूठ है और उसका कोई तथ्य नहीं है."
रिपोर्ट के मुताबिक एक पीड़ित मनोहर शुक्ला ने ऋषिकांत शुक्ला के खिलाफ ‘गनपॉइंट पर वसूली’ का आरोप लगाया है. हालांकि, DSP शुक्ला ने ऐसे आरोपों को नकारते हुए मनोहर शुक्ला को कुख्यात ‘गैंगस्टर श्री प्रकाश शुक्ला का रिश्तेदार’ बताया है.
वहीं, कानपुर के वकील और कथित क्रिमिनल मास्टरमाइंड अखिलेश दुबे के साथ नाम जुड़ने पर उन्होंने कहा कि दुबे से उनका रिश्ता एक पुलिस वाले और लीगल एडवाइजर का है. ऋषिकांत शुक्ला ने आगे कहा कि पुलिस में कोई एनकाउंटर होता था, तो सब अधिकारी उनसे कानूनी सलाह लेते थे.
निलंबित पुलिस अधिकारी ने कहा कि उन्हें SIT का कोई नोटिस नहीं आया है और ना उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया गया है. 'करोड़ों का साम्राज्य बनाने' के आरोप पर उन्होंने कहा कि ये उनकी पैतृक संपत्ति है.
ऋषिकांत शुक्ला के बेटे की शादी कानपुर के एक लग्जरी रिजॉर्ट में हुई थी. इसे लेकर भी वो सवालों के घेरे में हैं. अब उन्होंने कहा है कि इस रिजॉर्ट में शादी का आयोजन लड़की वालों ने किया था.
DSP ऋषिकांत शुक्ला को 'एनकाउंटर स्पेशलिस्ट' के तौर पर जाना जाता है. उन्होंने बताया कि वे अब तक 20-22 फुल एनकाउंटर कर चुके हैं. अब उन पर कई गंभीर आरोप लगे हैं. जांच में यह सामने आया कि शुक्ला ने पुलिस में होने की अपनी ताकत का इस्तेमाल लोगों से जमीन और संपत्तियां हड़पने के लिए किया. इन आरोपों की वजह से उन्हें निलंबित किया गया है.
जमीन हड़पने के लिए झूठे केस की धमकियां
SIT की जांच में सामने आया कि ऋषिकांत शुक्ला ने कई बिल्डरों, व्यापारियों और संपत्ति मालिकों को धमकी दी थी. आरोप है कि वो अपने 'एनकाउंटर स्पेशलिस्ट' के तमगे से उन्हें डराते थे और फिर उनसे संपत्तियां हथिया लेते थे.
पीड़ितों का कहना है कि आरोपी पुलिस अधिकारी झूठे केस में लोगों को फंसाते थे और बाद में उनसे जमीन हड़पते थे. ये भी आरोप है कि शुक्ला कभी-कभी ‘कनपटी पर बंदूक’ तानकर पीड़ितों से जमीन कब्जा लेते थे.
एक पीड़ित मानोहर शुक्ला ने बताया कि कैसे उन्होंने 60-70 करोड़ रुपये की जमीन का प्रॉफिट गंवा दिया. उन्होंने कहा कि शुक्ला ने उन्हें गन पॉइंट पर धमकाकर उनका पूरा हिस्सा छीन लिया. मनोहर शुक्ला ने कहा,
"हमने मिलकर जमीन खरीदी थी. जब कीमत बढ़ी, तो ऋषिकांत ने मेरे हिस्से के बदले 7 करोड़ रुपये देने के लिए कहा. मैं मान गया क्योंकि मेरी पत्नी कैंसर से जूझ रही थी. लेकिन जब मैं पैसे लेने गया, तो उसने मुझ पर पिस्तौल तान दी और कहा, 'तुम्हें कोई पैसा नहीं मिलेगा.' उसने सब कुछ लूट लिया."
मनोहर शुक्ला ने बताया कि वे अकेले पीड़ित नहीं हैं, और भी कई लोग हैं जो ऋषिकांत शुक्ला के डर से सामने नहीं आ रहे हैं.
अखिलेश दुबे के साथ जुड़ा नाम
जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि शुक्ला की कथित तौर पर कानपुर के वकील अखिलेश दुबे से भी गहरा संबंध है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश दुबे ऋषिकांत शुक्ला समेत कई अधिकारियों के साथ मिलकर एक पावरफुल सिंडिकेट चलाता है.
आरोप है कि दुबे ने कानूनी और पुलिसिया नेटवर्क के जरिये कई लोगों को फर्जी केसों में फंसाया और फिर उनसे मोटी रकम वसूली. यह भी आरोप लगा कि कानपुर में इंस्पेक्टर रहते हुए ऋषिकांत शुक्ला ने दुबे के कहने पर ही फर्जी रेप और जमीन हड़पने के केस दर्ज किए, ताकि पीड़ितों पर दबाव डालकर जमीन या पैसे छीने जा सकें. दोनों ने मिलकर कथित तौर पर धमकी, जबरन वसूली और धोखाधड़ी के जरिये कई जमीनी विवाद सुलझाने के नाम पर बड़े पैमाने पर संपत्ति इकट्ठा की.
मनी लॉन्ड्रिंग का खेल
आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक SIT की जांच में यह भी सामने आया कि शुक्ला ने कथित अपनी काली कमाई को पाक-साफ करने के लिए दुबे की कंस्ट्रक्शन कंपनी में निवेश किया था. इस कंपनी में ऋषिकांत की पत्नी प्रभा शुक्ला को पार्टनर बनाया गया. अधिकारियों के मुताबिक, यह कंपनी उनकी अवैध कमाई को एक नंबर की कमाई बनाने का एक तरीका थी.
कानपुर में तैनात दो अन्य DSP भी इसी कंपनी में पार्टनर बताए जा रहे हैं. आरोप है कि जब इनकी तैनाती दूसरे जिलों में हुई, तब भी इन्होंने अपना कारोबार जारी रखा. एक SIT अधिकारी ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया,
"इन अधिकारियों ने कंस्ट्रक्शन कंपनी में करोड़ों रुपये का निवेश किया और इसका इस्तेमाल अपनी काली कमाई को कानूनी बनाने के लिए किया."
मजबूत राजनीतिक पकड़
रिपोर्ट के मुताबिक ऋषिकांत शुक्ला का बहुत मजबूत राजनीतिक कनेक्शन था, जिसने उन्हें कई सालों तक बचाए रखा. हाल ही में कानपुर के सबसे लग्जरी रिजॉर्ट में से एक में शुक्ला के बेटे की शादी हुई. इसमें कई बड़े पुलिस अफसरों, विधायकों, सांसदों और नेताओं को बुलाया गया था. ये गेस्ट लिस्ट ब्यूरोक्रेसी और पॉलिटिकल सर्कल में उनकी ताकत का सीधा सबूत बताई जा रही है.
सूत्रों के मुताबिक, शुक्ला के खिलाफ कई बार आरोप लगे, लेकिन मजबूत राजनीतिक पकड़ की वजह से उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई. SIT की शुरुआती रिपोर्ट में कानपुर और आसपास के जिलों की 12 जगहों पर बेनामी संपत्तियों का खुलासा हुआ है, जिनकी कीमत लगभग 92 करोड़ रुपये है.
जांच करने वाले अधिकारी मानते हैं कि ऋषिकांत शुक्ला का असली साम्राज्य इससे कहीं बड़ा हो सकता है, क्योंकि अभी और संपत्तियों की जांच चल रही है. उनका दावा है कि आरोपी ने 1998 से 2009 के बीच कानपुर में अपनी एक दशक लंबी तैनाती के दौरान आय से अधिक संपत्ति बनाई है. इस दौरान शुक्ला सब-इंस्पेक्टर से लेकर सर्किल ऑफिसर तक के पदों पर रहे.
जांच के नतीजों को देखते हुए सरकार ने उनके खिलाफ बड़ी जांच बिठा दी है. इसके अलावा उनकी संपत्ति जब्त करने का भी निर्देश दिया गया है.
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