‘बिना कार वाले लड़कों से शादी नहीं करते लोग...’ बेंगलुरु में इस बात पर क्यों भिड़े कांग्रेस-बीजेपी?
Bengaluru Tunnel Road Project: बीजेपी सांसद का तर्क है कि इस प्रोजेक्ट से जनता का पैसा बर्बाद होगा. यह जाम या भीड़भाड़ कम नहीं करेगा और कार मालिकों को फायदा पहुंचाएगा. उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के बजाय पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मजबूत बनाना चाहिए.

बेंगलुरु टनल रोड प्रोजेक्ट को लेकर सत्तारूढ़ कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने आ गए हैं. कर्नाटक सरकार के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने प्रोजेक्ट का बचाव करते हुए कहा था कि आजकल लोग अपनी बेटियों की शादी ऐसे लड़कों से नहीं करते जिनके पास कार नहीं होती. कार रखना अब सामाजिक जिम्मेदारी बन गई है. लोग अपने परिवार के साथ आराम से सफर करना चाहते हैं. शिवकुमार के इस बयान पर बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, बेंगलुरु साउथ से बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने बुधवार 29 अक्टूबर को कहा,
“ऐसा लगता है कि डिप्टी CM एक सामाजिक समस्या को सॉल्व करने के लिए टनल रोड चाहते हैं. उन्हें लगता है कि पूरे शहर में सिर्फ कारें हैं. लेकिन RTO रिकॉर्ड के मुताबिक, बेंगलुरु के सिर्फ 12% लोगों के पास कारें हैं. बाकी का क्या? क्या वे शादी नहीं कर रहे हैं या फैमिली लाइफ नहीं जी रहे हैं?”
उन्होंने कहा कि सरकार को टनल प्रोजेक्ट छोड़ देना चाहिए. सूर्या ने कहा कि जितनी ज्यादा सड़कें चौड़ी की जाएंगी और नई बनाई जाएंगी, उतनी ही ज्यादा गाड़ियां आएंगी. सिर्फ एक भरोसेमंद और अच्छा पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम ही हमारी सड़कों से जाम कम कर सकता है.
वहीं जब इस बारे में डिप्टी सीएम डी के शिवकुमार से पूछा गया तो उन्होंने कहा,
“न तो तेजस्वी सूर्या और न ही मैं टनल रोड के टेक्निकल एक्सपर्ट हैं. एक्सपर्ट्स की एक टीम है जो प्रोजेक्ट को सपोर्ट करती है. हमें अर्बन रेल प्रोजेक्ट को लागू करने में कोई दिक्कत नहीं है बर्शते सूर्या केंद्र से फंड दिलवा दें. इसके लिए वह केंद्रीय मंत्री सोमन्ना की मदद ले सकते हैं.”
यह पूछे जाने पर कि क्या टनल रोड प्रोजेक्ट भी अब बंद हो चुके स्टील-ब्रिज प्रोजेक्ट की तरह होगा तो डीके ने कहा कि वे अपना काम कर रहे हैं. लोग उनकी पहल का समर्थन कर रहे हैं. उन्हें विश्वास है कि इसे लागू किया जाएगा.
वहीं, बीजेपी सांसद का तर्क है कि इस प्रोजेक्ट से जनता का पैसा बर्बाद होगा. यह जाम या भीड़भाड़ कम नहीं करेगा और कार मालिकों को फायदा पहुंचाएगा. उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के बजाय पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मजबूत बनाना चाहिए.
सूर्या ने कहा,
“यह तो कॉमन सेंस की बात है कि कौन-सा ऑप्शन शहर के लिए ज्यादा अच्छा है. कार से आने-जाने वाला एक तरफ के सफर के लिए 330 रुपये देगा, जबकि मेट्रो का पैसेंजर सिर्फ 50-60 रुपये खर्च करेगा. मेट्रो से सबको फायदा होता है, जबकि टनल रोड से सिर्फ कुछ ही लोगों को फायदा होगा, जिनके पास कार है.”
बीते दिनों सूर्या ने उपमुख्यमंत्री शिवकुमार से मिलकर सुझाव दिया था कि बेंगलुरु के लिए बड़े पब्लिक ट्रांसपोर्ट की योजना बनाई जाए. इसमें 300 किमी. की मेट्रो लाइन, 314 किमी. की उपनगरीय रेल प्रणाली और छोटी दूरी के लिए मॉर्डन ट्राम सर्विस शामिल हों. उन्होंने आउटर रिंग रोड (ORR) पर हर 5-10 मिनट में चलने वाली हाई-फ्रीक्वेंसी शटल सर्विस की भी मांग की, ताकि लोगों को आखिरी मील तक कनेक्टिविटी मिले और कार पर निर्भरता कम हो.
उन्होंने यह भी कहा कि BJP लोकसभा और राज्य विधानसभा में बेंगलुरु टनल रोड प्रोजेक्ट का विरोध करेगी. इसके साथ ही कर्नाटक हाईकोर्ट में इसके खिलाफ याचिका भी दाखिल की जाएगी.
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