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पटाखों से दिल्ली में बढ़ा प्रदूषण, BJP के मंत्री ने लोगों पर फोड़ा ठीकरा, AAP का दावा- 'डेटा गायब है'

Delhi Air Pollution: आम आदमी पार्टी (AAP) के सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि पहले उन्हें शक था, लेकिन अब लगभग निश्चित है कि BJP की दिल्ली सरकार का कई करोड़ रुपये की 'पटाखा लॉबी' के साथ समझौता है.

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दिल्ली में प्रदूषण को लेकर BJP और AAP ने लगाए एक-दूसरे पर आरोप. (PTI)
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मौ. जिशान
21 अक्तूबर 2025 (Updated: 21 अक्तूबर 2025, 07:00 PM IST)
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दिवाली के अगले ही दिन दिल्ली वालों को जहरीली हवा का सामना करना पड़ा. 21 अक्टूबर की सुबह दिल्ली के आसमान पर जहरीली धुंध छाई तो सियासी आबोहवा में भी गुबार उठने लगा. आम आदमी पार्टी (AAP) ने BJP के नेतृत्व वाली रेखा गुप्ता सरकार को निशाने पर लिया. कहा कि BJP सरकार प्रदूषण रोकने में ‘नाकाम’ रही है. वहीं BJP ने खराब हुए मौसम के लिए पड़ोसी राज्यों को जिम्मेदार ठहराया.

दरअसल, इस साल प्रतिबंधों के साथ दिवाली पर ग्रीन पटाखों की इजाजत दी गई थी. अब इसका तो कोई सबूत नहीं है कि कितने लोगों ने ग्रीन पटाखे छुड़ाए और कितनों ने सिर्फ पटाखे छुड़ाए. फिलहाल तो जो सामने है, वो ये कि दिल्ली में सांस लेना मुश्किल है.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार, 21 अक्टूबर को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) बिगड़कर 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गया. आंकड़ों के अनुसार, त्योहारों के बीच प्रदूषण का स्तर बिगड़ने के कारण सुबह-सुबह दिल्ली का औसत AQI 451 रहा, जो राष्ट्रीय औसत से 1.8 गुना ज्यादा है. सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के एक बुलेटिन के अनुसार, बाद में दिल्ली का AQI सुधरकर 'बेहद खराब' श्रेणी में पहुंच गया और सुबह 9 बजे 352 दर्ज किया गया.

ऐसे में सत्तारूढ़ दल BJP और विपक्षी पार्टी AAP आमने-सामने आ गईं. AAP के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एक वीडियो शेयर करके दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर ये तंज कसा,

"जिस CM को लेकर 'AQI' बोलना नहीं आता, आप उनसे क्या उम्मीद कर सकते हैं?"

सौरभ भारद्वाज ने कहा,

"ऐसा लगता है सरकार ने AQI के डेटा में गड़बड़ी की है. मेरे फोन में 600 AQI दिखा रहा है. जिस मुख्यमंत्री को AQI तक बोलना नहीं आता, 'AIQ, IQ…' बोलती हैं, उनसे क्या उम्मीद कर सकते हैं?"

उन्होंने आरोप लगाया कि पहले उन्हें शक था, लेकिन अब लगभग निश्चित है कि BJP की दिल्ली सरकार का कई करोड़ रुपये की 'पटाखा लॉबी' के साथ समझौता है. उन्होंने आगे लिखा,

"पहले यह संदेह था कि BJP की दिल्ली सरकार का मल्टी-करोड़ 'पटाखा लॉबी' के साथ कुछ समझौता था, लेकिन अब यह लगभग निश्चित है.

दिल्ली सरकार के जिला मजिस्ट्रेट, उनकी टीमें और दिल्ली पुलिस ने सामान्य पटाखों की अवैध बिक्री को नहीं रोका, हालांकि सुप्रीम कोर्ट की अनुमति केवल 'हरे पटाखों' के लिए थी.

दिवाली की रात दिल्ली के प्रदूषण स्तरों PM2.5 और PM10 के CPCB डेटा उपलब्ध क्यों नहीं है?

(20 अक्टूबर की शाम 7 बजे से 21 अक्टूबर की सुबह 6 बजे तक)

दिवाली की रात अधिकांश DPCC (दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी) वायु प्रदूषण निगरानी स्टेशनों पर डेटा क्यों गायब था?

क्या सरकार अब प्रदूषण डेटा में हेराफेरी कर रही है?"

AAP के विधायक गोपाल राय ने भी दिल्ली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा,

"दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति बेहद खराब हो गई है. आधे से ज्यादा क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर 'रेड जोन' में जा चुका है. लेकिन BJP की सरकार हाथ पर हाथ रखकर बैठी है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री (मनजिंदर सिंह सिरसा) बहाने बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसलिए प्रदूषण बढ़ गया कि दिल्ली के आसपास से प्रदूषण दिल्ली में आ रहा है. ये सबको पता है. लेकिन आज उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और केंद्र में BJP की सरकार है. 20 दिन से क्या कर रहे थे आप? आपकी सरकार क्या कर रही थी? 20 दिनों से सबके साथ बात करने की जगह आप बयानबाजी कर रहे थे."

कांग्रेस की प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने भी BJP सरकार को निशाने पर लिया और कहा,

"दिल्ली के ज्यादातर हिस्सों में AQI 400 को पार कर गया है, हवा दम घोट रही है और लोग बाहर कदम भी नहीं रख पा रहे हैं.

नरेंद्र मोदी 11 साल से प्रधानमंत्री हैं और अब दिल्ली में BJP की एक ऐसी मुख्यमंत्री भी हैं जो पटाखों की इजाजत के लिए कोर्ट गई थीं. फिर भी, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और दिल्ली पुलिस अदालत के आदेश का पालन कराने में नाकाम रहे और आधी रात तक पटाखे फोड़े गए. यह जहरीली हवा बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरा बन रही है.

BJP सरकार दिल्ली और उसके लोगों के साथ पूरी तरह से नाकाम रही!"

विपक्ष के आरोपों पर BJP ने पलटवार किया है. उसका कहना है कि प्रदूषण का बड़ा कारण पड़ोसी राज्यों में पराली जलाना है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने एक वीडियो दिखाते हुए कहा,

"ये देखिए (पंजाब के) तरनतारन और बठिंडा में एक चीज कॉमन है. इन सब (लोगों) के मुंह बंद करके पराली जलवाई जा रही है. किसान पराली नहीं जलाना चाहता. लेकिन किसानों को ये सारा माहौल बनाने के लिए कहा गया. बकायदा उनके मुंह पर कपड़े बांधे गए. उनसे पराली जलवाई जा रही है, ताकि दिल्ली के अंदर इस पराली का असर हो."

मनजिंदर सिंह सिरसा ने लिखा,

"2023 में दिवाली वाले दिन AQI था 218, और अगली सुबह बढ़कर 301 पहुंचा, यानी 83 अंकों की बढ़ोतरी!

2024 में दिवाली वाले दिन AQI था 328, और अगले दिन 360 यानी 32 अंकों का अंतर, वो भी पटाखा बैन और तमाम पाबंदियों के बावजूद.

लेकिन 2025 में जब पटाखों पर कोई बैन नहीं था, लोगों ने अपनी आस्था और परंपरा के साथ दिवाली मनाई, पटाखे भी जलाए, तब दिवाली वाले दिन 345 से अगले दिन 356 पहुंचा, यानी महज 11 अंकों की बढ़ोतरी!"

उन्होंने आगे लिखा,

"अब बताइए, आंकड़े क्या कह रहे हैं?

पिछले दस सालों में जो सरकार कभी ऑड-ईवन, कभी पटाखा बैन, कभी तमाम पाबंदियां लगाकर भी हालात नहीं संभाल पाई, वो दिल्लीवासियों की आस्था पर सवाल उठाने या आरोप-प्रत्यारोप का खेल खेलने का कोई हक नहीं रखती.

क्योंकि इस साल दिल्ली ने पर्व और पर्यावरण, दोनों का संतुलन बनाते हुए दिवाली मनाई है."

BJP के IT सेल हेड अमित मालवीय ने भी पंजाब सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा,

"जब तक अरविंद केजरीवाल शासित पंजाब पराली जलाना बंद नहीं करता, दिल्ली और NCR का दम घुटता रहेगा.

आम आदमी पार्टी (AAP) के पापों के लिए दिवाली को दोष देना बंद करो - दिल्ली के आसमान को काला करने वाला 'त्योहार के दीये या पटाखे' नहीं, बल्कि उनका 'धुआं' है.

उनका काला साया अभी भी राजधानी पर मंडरा रहा है."

वहीं, BJP के मंत्री आशीष सूद ने माना कि दिल्ली के लोगों को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत ही पटाखे फोड़ने चाहिए थे. दिल्ली के प्रदूषण पर उन्होंने कहा,

"दिल्ली में प्रदूषण के कारक केवल पटाखे नहीं है. हां, मैं ये मानता हूं कि दिल्ली के नागरिकों को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पूरी तरह पालन करना चाहिए था. अगर 10 बजे तक की अनुमति थी, तो जिन लोगों ने नियम तोड़कर त्योहार मनाए हैं, वो रवैया गैरजिम्मेदाराना है. मगर इसके साथ यह भी समझने की जरूरत है कि केवल पटाखे दिल्ली के प्रदूषण का कारक नहीं है. सुबह आनंद विहार में लगभग 5 बजे AQI 943 और शाहदरा में 390 था. दिल्ली से लगते राज्यों और जिलों में जो घटनाएं घटती हैं, उसके कारण भी दिल्ली में प्रदूषण बढ़ता है, क्योंकि दिल्ली का कोई अपना मौसम नहीं है."

आशीष सूद ने आगे अपील करते हुए कहा कि हमें जिम्मेदार तरीके से और कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक अपने त्योहार मनाने चाहिए. उन्होंने दिल्ली को साफ और ग्रीन बनाने के लिए लोगों से सहयोग की भी अपील की.

वीडियो: दिवाली में इतने पटाखे फोड़े गए कि दिल्ली की हवा घातक हो गई, और ज्यादा बिगड़ने की आशंका है, AQI 400 के पार

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