चुनाव जो ना कराए! 'मोदी के हनुमान' के घर पहुंचे नीतीश, चिराग ने भी झुककर पैर छू लिए
पहले NDA के मंच पर Chirag Paswan ने CM Nitish Kumar के पैर छूकर आशीर्वाद लिया था. दोनों के बीच हंसकर बातचीत भी हुई. अब नीतीश का चिराग के घर पहुंचना दोनों के बीच बदलते रिश्तों की झलक दिखाता है.

राजनीति में नेताओं के बीच दूरियां चाहे जितनी हो जाएं, चुनाव नज़दीक ला ही देते हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार छठ पर्व की शुभकामनाएं देने केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के घर पहुंचे. इस दौरान लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के चीफ चिराग ने सीएम नीतीश के पैर छुए. चिराग ने सोशल मीडिया पोस्ट करके इस मुलाकात की जानकारी दी. उन्होंने घर आने और खरना प्रसाद ग्रहण करने के लिए नीतीश कुमार को धन्यवाद भी दिया.
नीतीश और चिराग के बीच 'राजनीतिक मनमुटाव' जगजाहिर है. लेकिन इसे छठ पर्व का मौका कहा जाए या चुनाव का, दोनों के बीच की दूरियां इस मुलाकात से कम होती नजर आ सकती हैं.
चिराग पासवान ने एक्स पर पोस्ट किया,
"धन्यवाद माननीय मुख्यमंत्री जी, जो आज आप मेरे आवास पर आए और खरना का प्रसाद ग्रहण किया. इस दौरान मेरे परिवार के सदस्यों से मुलाकात कर छठ महापर्व की शुभकामनाएं देने के लिए हार्दिक आभार."
इससे पहले 24 अक्टूबर को समस्तीपुर में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के मंच पर चिराग ने सीएम नीतीश के पैर छूकर आशीर्वाद लिया था. दोनों के बीच हंसकर बातचीत भी हुई. अब नीतीश का चिराग के घर पहुंचना दोनों के बीच बदलते रिश्तों की झलक दिखाता है.
नीतीश और चिराग के बीच पिछले चुनाव से अदावत देखी जा रही है. माना जाता है कि चिराग ने नीतीश को सबसे बड़ा झटका 2020 विधानसभा चुनाव में दिया था. उस समय चिराग की लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) ने NDA से अलग हटकर अकेले लड़ने का फैसला किया था.
2020 में चिराग ने 137 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. चिराग को केवल 1 सीट पर जीत मिली. लेकिन जेडीयू के नेता खुलकर कहते हैं चिराग के उम्मीदवारों ने उनकी पार्टी का खेल जरूर बिगाड़ दिया. उस चुनाव में नीतीश की पार्टी मात्र 43 सीटों पर सिमट गई, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) को 74 सीटों पर जीत मिली.
JDU कुल 115 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. इन सभी सीटों पर चिराग ने भी अपने उम्मीदवार उतारे थे. LJP को केवल मटिहानी सीट पर जीत मिली थी. लेकिन यहां से जीतने वाले राज कुमार सिंह ने भी बाद में JDU जॉइन कर ली. 9 सीटों पर LJP दूसरे नंबर पर थी. इनमें से 4 सीटों पर LJP ने BJP के बागियों को टिकट दिया था.
बाद में चिराग की NDA में वापसी हुई, लेकिन नीतीश कुमार हमेशा उनके निशाने पर रहे. बिहार की कानून व्यवस्था पर उन्होंने नीतीश सरकार की खूब आलोचना की है. 26 जुलाई 2025 में उन्होंने सवाल उठाया था बिहार में हत्या, लूट, अपहरण, बलात्कार की घटनाएं लगातार हो रही हैं. उन्होंने कहा था,
"मुझे इस बात का दुख है कि मैं ऐसी सरकार को समर्थन कर रहा हूं, जहां अपराध पूरी तरह बेलगाम हो चुका है. यहां बिहारी सुरक्षित नहीं हैं. जरूरत है कि सरकार समय रहते चेत जाएं."
उन्होंने यह भी कहा था, “या तो प्रशासन की मिलीभगत है, या फिर प्रशासन इसमें लीपापोती कर रहा है, या फिर पूरी तरह से प्रशासन निकम्मा हो चुका है.” प्रशासन पूरी तरह से नाकाम है. इससे पहले 17 जुलाई को उन्होंने पटना के रिहायशी इलाके में स्थित पारस अस्पताल में हुई गोलीबारी की निंदी की थी. तब भी उन्होंने कहा था,
"बिहार में कानून व्यवस्था आज एक गंभीर चिंता का विषय बन गई है. प्रतिदिन हत्याएं हो रही है, अपराधियों का मनोबल आसमान पर है. पुलिस-प्रशासन की कार्यशैली समझ से परे है."
हालांकि, जब से चिराग को आगामी विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे के तहत 29 सीटें मिली हैं, तब से उनके और नीतीश के बीच संबंध नॉर्मल होते दिख रहे हैं. लेकिन चिराग को इतनी सीटें देने पर नीतीश की तरफ से नाराजगी की अटकलें भी आती रही हैं.
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