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रॉकेट छोड़ा आसमान में, मलबा बरसा मकानों पर, 'एयर स्ट्राइक' में बदला चीन का 'स्पेस मिशन!

लॉन्ग मार्च सीरीज में चीन ने 599 वीं बार उड़ान भरी और इस बार शियान-31 को भेजा गया. CASC (China Aerospace Science and Technology Corporation) ने बताया कि शियान-31 को ऑप्टिकल इमेज टेक्नोलॉजी टेस्ट करने के लिए भेजा गया था.

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chinese debris
चीन के रॉकेट का मलबा धरती पर गिरा (फोटो-इंडिया टुडे).
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शुभम कुमार
22 अक्तूबर 2025 (Updated: 22 अक्तूबर 2025, 12:57 PM IST)
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अंतरिक्ष में जाने चला था चीन का रॉकेट, लेकिन रास्ते में Google Maps शायद अपडेट नहीं था! किंघई प्रांत के गिनीन काउंटी में चीन का Long March 2D रॉकेट बम की तरह गिरा. नतीजा - आसमान से आग का गोला बरसा, धरती पर दहशत फैल गई, और सोशल मीडिया पर लोग बोले - “मार्च तो किया, लेकिन दिशा उल्टी ले ली!”

क्या हुआ था?

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक 13 अक्टूबर को चीन ने नॉर्थ वेस्ट के जिउकुआन सैटेलाइट सेंटर से शियान-31 नाम का सैटेलाइट लॉन्च किया था. काम था - ऑप्टिकल इमेजिंग टेक्नोलॉजी की टेस्टिंग.
लेकिन सैटेलाइट स्पेस में गया तो सही, मगर रॉकेट का मलबा धरती पर वापस आ गिरा - वो भी किसी सुरक्षित इलाके में नहीं, बल्कि लोगों के सिर पर!

वीडियो में साफ दिख रहा है - आसमान से आग का गोला गिरता है, फिर तेज धमाका, धुआं और लपटें. लोगों ने कहा, “ये रॉकेट है या चीन की नई आतिशबाज़ी?”

क्या है ये Long March रॉकेट?

ये वही सीरीज़ है जिससे चीन ने अब तक 599वीं बार उड़ान भरी है. मतलब, चीन का ISRO यानी CASC (China Aerospace Science & Technology Corp) इसे बार-बार लॉन्च करता है - और कभी-कभी ये बार-बार गिर भी जाता है.

इस रॉकेट में दो स्टेज होते हैं, और इसमें हाइपरगॉलिक फ्यूल यूज़ होता है - यानी डीनाइट्रोजन टेट्राऑक्साइड वाला जहरीला मिश्रण. यानी, अगर ये आपके घर के पास गिरे तो न सिर्फ़ जमीन जलती है, हवा भी “स्पेशल चाइनीज़ पॉल्यूशन” से महक उठती है।

खतरा कहां है?

सबसे बड़ी दिक्कत - चीन पब्लिक एडवाइजरी नहीं देता. मतलब, कोई “सावधान: ऊपर से रॉकेट आ सकता है” वाला SMS नहीं आता. इस बार भी ऐसा ही हुआ. लोग घर में थे, और अचानक आसमान से Made in China वाला मलबा गिर पड़ा.

अब सवाल उठ रहे हैं -

सबसे पहला सवाल- क्या चीन के रॉकेट अब Space Junk से बढ़कर Public Risk बन गए हैं?
दूसरा सवाल- क्या चीन “क्लीन एनर्जी” छोड़ “गैसी खतरे” वाला फ्यूल क्यों इस्तेमाल कर रहा है?
और सबसे बड़ा सवाल- क्या अगली बार रॉकेट लॉन्च करने से पहले Google Earth का लोकेशन लॉक करेगा या नहीं? (वैसे हम ख़बर इंडिया में लिख रहे हैं, इसलिए गूगल का ज़िक्र कर दिया. मगर चीन में गूगल नहीं बल्कि उनका खुद का जुगाड़ चलता है. शायद इस रॉकेट की ही तरह.)

चीन के लिए संदेश

स्पेस टेक्नोलॉजी में दुनिया को पीछे छोड़ने की कोशिश में चीन ने इस बार खुद को ही पीछे गिरा लिया. Long March 2D के बाद अब दुनिया कह रही है- “भाई, अगली बार Long March से पहले Short Safety Notice तो दे दो!”

वीडियो: तारीख: रॉकेट का इतिहास क्या है? टीपू सुल्तान के रॉकेट अमेरिका कैसे पहुंचे?

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