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'चंडीगढ़ पर सिर्फ पंजाब का हक', मोदी सरकार का नया प्लान देख बोले CM भगवंत मान

यह प्रस्ताव ऐसे समय पर आ रहा है, जब पंजाब के मुख्यमंत्री Bhagwant Mann ने हाल ही में हरियाणा के फरीदाबाद में हुई नॉर्दन जोनल काउंसिल की बैठक में Chandigarh को Punjab का हिस्सा बताकर उसे तुरंत पंजाब को सौंपने की मांग की थी.

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चंडीगढ़ को लेकर केंद्र सरकार के प्लान पर CM भगवंत मान (दाएं) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. (Reuters)
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मौ. जिशान
22 नवंबर 2025 (Published: 12:11 AM IST)
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ को भारतीय संविधान के आर्टिकल 240 के तहत लाने का प्लान बनाया है. इसका मतलब यह है कि चंडीगढ़ में लेफ्टिनेंट गवर्नर यानी उपराज्यपाल की तैनाती की जाएगी. फिर इस केंद्र शासित प्रदेश का शासन उपराज्यपाल के जरिए चलेगा. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस कदम का कड़ा विरोध जताया है. माना जा रहा है कि इससे पंजाब का चंडीगढ़ पर हक कमजोर हो सकता है.

संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में संविधान (131वां संशोधन) विधेयक पेश किया जाएगा, जो 1 दिसंबर 2025 से शुरू होगा. पंजाब के सत्तारूढ़ दल आम आदमी पार्टी (AAP) और विपक्षी कांग्रेस दोनों ही इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पंजाब के चंडीगढ़ पर अधिकार को कमजोर करने की कोशिश कर रही है, जो अभी पंजाब और हरियाणा दोनों की संयुक्त राजधानी है.

संविधान में आर्टिकल 240 के तहत उन केंद्र शासित प्रदेशों (UTs) का प्रशासन होता है, जिनके पास विधायिका नहीं होती. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस श्रेणी में अंडमान-निकोबार, लक्षद्वीप, दादर और नगर हवेली और दमन और दीव और पुडुचेरी (जब उसकी विधानसभा भंग या निलंबित हो) शामिल हैं.

इस बदलाव से चंडीगढ़ का प्रशासन भी इन्हीं क्षेत्रों जैसा हो जाएगा, यानी चंडीगढ़ के लिए एक स्वतंत्र प्रशासक नियुक्त किया जाएगा. अभी तक पंजाब के राज्यपाल चंडीगढ़ के प्रशासक के तौर पर काम करते हैं.

यह प्रस्ताव ऐसे समय पर आ रहा है, जब पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हाल ही में हरियाणा के फरीदाबाद में हुई नॉर्दन जोनल काउंसिल की बैठक में चंडीगढ़ को पंजाब का हिस्सा बताकर उसे तुरंत पंजाब को सौंपने की मांग की थी. चंडीगढ़ को लेकर केंद्र से कदम पर भगवंत मान ने X पर लिखा,

"संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार द्वारा लाए जा रहे प्रस्तावित संविधान (131वां संशोधन) बिल का हम कड़ा विरोध करते हैं.

यह संशोधन पंजाब के हितों के खिलाफ है. हम केंद्र सरकार द्वारा पंजाब के खिलाफ रची जा रही साजिश को कामयाब नहीं होने देंगे. हमारे पंजाब के गांवों को उजाड़कर बने चंडीगढ़ पर सिर्फ पंजाब का हक है. हम अपना हक यूं ही नहीं जाने देंगे. इसके लिए जो भी कदम उठाने पड़ेंगे, हम उठाएंगे."

कांग्रेस की पंजाब यूनिट के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने भी मोदी सरकार के कदम पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने X पर लिखा,

“चंडीगढ़ को पंजाब से अलग करने के लिए भारतीय संविधान में प्रस्तावित 131वां संशोधन काफी चिंताजनक है. अगर इसे कानूनी रूप दिया गया, तो पंजाब में इसके गंभीर परिणाम होंगे. मैं भारत सरकार से इस मामले पर स्पष्टीकरण देने का आग्रह करता हूं, क्योंकि इससे पूरे पंजाब में काफी चिंताएं पैदा हो गई हैं. यह एक नासमझी भरा दुस्साहस है, जिसके गंभीर परिणाम होंगे.”

उन्होंने आगे लिखा,

"चंडीगढ़ पंजाब का हिस्सा है. इसकी स्थिति बदलने के किसी भी प्रयास का अभूतपूर्व विरोध होगा. सिर्फ इसलिए कि इसके मूल राज्य को वापस सौंपे जाने में देरी हुई है, पंजाब के पक्ष और उद्देश्य को कमजोर नहीं करता."

अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से गुजारिश की कि वे इस मामले को तुरंत केंद्र के सामने उठाएं, ताकि अगर कोई प्रस्ताव है, तो उसे बहुत देर होने से पहले ही जड़ से खत्म किया जा सके.

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