ट्रूडो की G-20 यात्रा के बाद अब जाकर पिघली रिश्तों की बर्फ, भारत आईं कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद
खालिस्तानी आतंकी Hardip Singh Nijjar की मौत के बाद पूर्व प्रधानमंत्री Justin Trudeau ने आरोप लगाए थे कि उसकी मौत में भारत का हाथ है. ट्रूडो का कहना था कि Indian Secret Service और भारत सरकार ने इस हत्या को अंजाम दिलवाया है. इस वाकये के बाद से ही रिश्ते तनावपूर्ण थे.

भारत-कनाडा (India-Canada Relations) के बीच तल्ख रिश्ते अब सुधरते नजर आ रहे हैं. राजनयिकों के देश छोड़ने के आदेश से लेकर कनाडा के चुनावों में दखलअंदाजी के आरोप तक के बाद आखिरकार दोनों देशों के रिश्ते पटरी पर लौट रहे हैं. इसी कड़ी में कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद (Canada FM Anita Anand) अपने पहले भारत दौरे पर हैं. ये दौरा भारत-कनाडा के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (Ajit Doval) और नैथली ड्रोइन (Nathalie Drouin) की मीटिंग के ठीक बाद हो रहा है.
पिघलने लगी रिश्तों की बर्फभारत और कनाडा के रिश्तों में बीते साल काफी तनाव की स्थिति थी. खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की मौत के बाद पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाए थे कि उसकी मौत में भारत का हाथ है. ट्रूडो का कहना था कि भारतीय सीक्रेट सर्विस और भारत सरकार ने इस हत्या को अंजाम दिलवाया है. निज्जर हत्याकांड के बाद कनाडा ने भारतीय राजनयिकों पर आरोप लगाए. 13 अक्टूबर को कनाडा ने आरोप लगाया था कि भारतीय उच्चायुक्त और अन्य राजनयिक आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच में ‘पर्सन ऑफ इंटरेस्ट’ हैं. यानी उसने एक तरह से संकेत दिया कि इस हत्या में उनकी भूमिका संदिग्ध हो सकती है. जिसके बाद भारत ने बेहद कड़े शब्दों में जस्टिन ट्रूडो और उनकी सरकार को लताड़ दिया था. भारत ने कनाडा के इन आरोपों को खारिज करते हुए जस्टिन ट्रूडो सरकार पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया.
उसके बाद से ही दोनों देशों के बीच रिश्ते बिगड़ते चले गए. यहां तक कि दोनों देशों ने अपने-अपने डिप्लोमैट्स को वापस बुला लिया. कुछ समय बाद कनाडाई खुफिया एजेंसी CSIS ने दावा किया कि भारत और चीन, कनाडा के आम चुनावों में दखलअंदाजी कर सकते हैं.
इसके अलावा, भारत ने कई बार कनाडा के सामने कनाडा में हिंदुओं को निशाना बनाने, कनाडा में खालिस्तानी कार्यकर्ताओं और भारत विरोधी गतिविधियों को लेकर चिंता जताई थी. लेकिन कनाडा की ओर से इस पर कोई एक्शन नहीं लिया गया था. लेकिन हाल में जब कार्नी ने कनाडा के प्रधानमंत्री का पद संभाला था तो भारत से दोबारा बेहतर संबंध बनाने का आह्वान किया था.
ट्रूडो के जाने के बाद से पटरी पर आने लगे रिश्तेकनाडा के प्रधानमंत्री की कुर्सी से ट्रूडो की रुखसती के बाद जून 2025 में दोनों देशों ने रिश्तों सुधारने की दिशा में पहला कदम दो महीने पहले रखा. तब कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेन् को Alberta में G7 शिखर समिट में आमंत्रित किया. यहीं दोनों देश अपने हाई कमिश्नरों को बहाल करने पर सहमत हुए थे. अब अक्टूबर 2025 में, लगभग एक साल गुजरने के बाद दोनों देशों के रिश्ते सामान्य होते दिख रहे हैं. विदेश मंत्रालय के अनुसार, कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद 13 अक्टूबर को विदेश मंत्री एस जयशंकर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात करेंगी.
दौरे से पहले, आनंद ने एक बयान में कहा कि कनाडा को घरेलू स्तर पर मजबूत बनाने के लिए, हमें विदेशों में भी मजबूत और स्थिर पार्टनरशिप की जरूरत है. उन्होंने कहा हम भारत, सिंगापुर और चीन के साथ संबंध मजबूत कर रहे हैं और सहयोग बढ़ा रहे हैं. कनाडा की इंडो-पैसिफिक रणनीति के अनुसार, उन्होंने इंडो-पैसिफिक देशों और उनकी अर्थव्यवस्थाओं के लिए कनाडा को एक भरोसेमंद और विश्वसनीय साझेदार के रूप में स्थापित करने के प्रयासों की बात की. कनाडा सरकार के बयान के अनुसार, भारत के बाद अनीता आनंद एशिया में प्रमुख साझेदारों के साथ कनाडा के संबंधों को मजबूत करने के लिए सिंगापुर और चीन की यात्रा करेंगी, जिसमें कनाडा-चीन रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा भी शामिल है.
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