जम्मू-कश्मीर किसका? ब्रिटेन की संसद में लाया गया प्रस्ताव पाकिस्तान की नींद उड़ा देगा
UK MP Bob Blackman ने अपने प्रस्ताव में पहलगाम हमले का भी जिक्र किया, जिसमें 26 लोग मारे गए थे. प्रस्ताव में पहलगाम हमले समेत जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकवादी हमलों में मारे गए और घायल हुए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की गई.

ब्रिटेन के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने सोमवार, 27 अक्टूबर को ब्रिटिश संसद में एक प्रस्ताव पेश किया. इस प्रस्ताव में उन्होंने जम्मू-कश्मीर राज्य पर भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को दोहराया है. यह प्रस्ताव 26 अक्टूबर, 1947 को जम्मू-कश्मीर के भारत के साथ विलय के दिन की याद और भारत के रुख के समर्थन में लाया गया.
बॉब ब्लैकमैन, हैररो ईस्ट से कंजरवेटिव पार्टी के सांसद हैं. उनका प्रस्ताव ब्रिटिश संसद के निचले सदन हाउस ऑफ कॉमन्स में पेश किया गया. डेमोक्रेटिक यूनियनिस्ट पार्टी के सांसद जिम शैनन ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया. यह प्रस्ताव जम्मू-कश्मीर के भारत से जुड़ने को जायज मानते हुए भारत के पक्ष को मजबूत करता है.
इस प्रस्ताव में कहा गया है कि ब्रिटेन में रह रहे जम्मू-कश्मीर के लोग अपने क्षेत्र के भारत से जुड़ने की वजह से 26 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर विलय दिवस के तौर पर याद करते हैं. 26 अक्टूबर 1947 को ही महाराजा हरि सिंह ने जम्मू-कश्मीर को भारत के साथ जोड़ने के लिए विलय पत्र (इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन) पर हस्ताक्षर किए थे.

बॉब ब्लैकमैन ने अपने प्रस्ताव में लिखा,
"(यह प्रस्ताव) ब्रिटेन में शांतिपूर्ण कार्यक्रमों का स्वागत करता है, जो इतिहास को समझने, संस्कृति का आदान-प्रदान और लोगों की भागीदारी को बढ़ावा देते हैं. साथ ही जम्मू-कश्मीर पर चर्चा में रचनात्मक बातचीत, समुदाय की एकता और अंतरराष्ट्रीय नियमों और संप्रभु देशों की सीमाओं का सम्मान करने को बढ़ावा देता है."
ब्लैकमैन ने अपने प्रस्ताव में पहलगाम हमले का भी जिक्र किया, जिसमें 26 लोग मारे गए थे. प्रस्ताव में पहलगाम हमले समेत जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकवादी हमलों में मारे गए और घायल हुए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की गई.
1947 में पाकिस्तान समर्थित कबाइली हमले के बाद जम्मू-कश्मीर के महाराजा हरि सिंह ने भारत से विलय के लिए पत्र पर हस्ताक्षर किए. गवर्नर जनरल लॉर्ड माउंटबेटन ने इसे स्वीकार किया तब जाकर जम्मू-कश्मीर का भारत में विलय हुआ.
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