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सड़क पर सफाई कर्मियों को BJP सांसद ने बांग्लादेशी 'घोषित कर दिया', वीडियो भी खुद शेयर किया

BJP MP Brij Lal ने सफाई कर्मचारियों को 'बांग्लादेशी घुसपैठिए' बताया. उन्होंने योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि इनकी झोपड़ियां हटाकर इन्हें बांग्लादेश भेज दिया जाए.

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BJP MP Brij Lal Bangladeshi Ghuspaithiya
बृजलाल यूपी के पूर्व DGP भी रह चुके हैं. (फोटो- Facebook/Brij Lal)
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हरीश
24 अक्तूबर 2025 (Updated: 24 अक्तूबर 2025, 11:29 PM IST)
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भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसद और उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) बृजलाल ने एक वीडियो अपलोड करके विवाद खड़ा कर दिया है. इस वीडियो में वो लखनऊ के गोमती नगर एक्सटेंशन में एक सड़क पर पांच सफाई कर्मचारियों को रोकते, फिर उन पर बांग्लादेशी होने का आरोप लगाते हुए उन्हें 'घुसपैठिया' कहते हुए दिखाई दे रहे हैं. घटना को लेकर समाजवादी पार्टी (SP) ने सवाल उठाए हैं.

BJP MP Brij Lal क्या-क्या बोले?

सांसद बृजलाल ने वीडियो को अपने फेसबुक अकाउंट पर अपलोड किया. इसमें वो हाथों में झाड़ू लिए एक पंक्ति में खड़े पांच कर्मचारियों की ओर इशारा करते हैं और उनसे उनकी पहचान के बारे में पूछते हैं. जवाब में पांचों लोग बताते हैं कि वो असम के अलग-अलग गावों से हैं. लेकिन इस पर पूर्व DGP कहते हैं,

ये बताते हैं कि ये असम के हैं, लेकिन हैं ये सब बांग्लादेशी… वही बांग्लादेश, जो आज पाकिस्तान की भाषा बोलता है.

BJP के राज्यसभा सांसद ने आरोप लगाया कि लोगों के बीच उन्हें बसाना ISIS को घुसपैठ करने और आतंकवाद फैलाने का मौका देने जैसा है. उन्होंने कहा, ‘ये सब गजवा-ए-हिंद का सपना लेकर आए हैं.’

जब उन कर्मचारियों ने बृजलाल को ये समझाने की कोशिश की कि वो राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के तहत पंजीकृत हैं, तो उन्होंने धमकी भरे लहजे में उनसे ‘चुप रहने’ के लिए कह दिया. इसके बाद, वो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील करते हैं कि उन्हें तुरंत निर्वासित किया जाए, क्योंकि वो ‘देश के लिए खतरा’ हैं. उन्होंने आगे कहा,

... मैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से अनुरोध करता हूं कि हर जिले, खासकर लखनऊ से उनकी झोपड़ियां हटा दी जाएं और उन्हें बांग्लादेश भेज दिया जाए.

BJP सांसद ने दावा किया कि ऐसे लोगों को नकली पहचान के साथ रहने का मौका इसलिए मिला, क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1983 में सुरक्षा सलाह नहीं मानी थी. उन्होंने आगे आरोप लगाया,

उत्तर प्रदेश में पुलिस प्रमुख और ATS संस्थापक के रूप में मेरे व्यक्तिगत अनुभव से, उन्हें यहां बसने देना एक खतरनाक कदम है. क्योंकि वो गजवा-ए-हिंद के इरादे से आते हैं. उनकी पहचान की जानी चाहिए और सरकार को उन्हें तुरंत बांग्लादेश वापस भेजना सुनिश्चित करना चाहिए.

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने इसे लेकर बृजलाल से बात की. तब उन्होंने कहा,

मैं 1977 बैच का पूर्व IPS अधिकारी, उत्तर प्रदेश का पूर्व DGP और ATS उत्तर प्रदेश का संस्थापक हूं. मुझे अच्छी तरह पता है कि ये चीजें कैसे काम करती हैं और आतंकवाद कैसे काम करता है. 1984 में मैंने असम में पीएसी कमांडर के रूप में काम किया था. 1983 के दंगों के बाद मैं छह महीने तक वहां रहा और मुझे पता है कि वहां कैसे फर्जी पहचान पत्र बनाए जाते हैं.

उन्होंने गुरुवार, 23 अक्टूबर की सुबह की सैर के दौरान बनाए गए इस वीडियो को सही ठहराते हुए फिर से उसी तरह के दावे किए.

इसे लेकर सपा ने सवाल उठाते हुए कई गंभीर आरोप लगाए हैं. सपा प्रवक्ता दीपक रंजन ने न्यूज 18 यूपी से बात करते हुए कहा कि 11 साल से केंद्र में और आठ साल से यूपी में BJP की सरकार है. लेकिन इसके बावजूद जब वो घुसपैठियों को नहीं रोक पा रहे हैं, तो इन पर थू है. शर्म आनी चाहिए सरकार को, अगर ये घुसपैठियों के आने से नहीं रोक पा रहे.

वीडियो: असम चुनाव: अमित शाह की रैली में लोगों ने सर्बानंद सोनोवाल को घुसपैठिया क्यों कह दिया?

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