MP में सड़क पर 30 फीट गहरा हो गया, PWD ने कहा- 'किसानों ने मिट्टी खोद ली, इसलिए हुआ'
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के एक बाईपास सड़क ढह गई, जिससे 100 फीट लंबा और 30 फीट गहरा गड्ढा हो गया.

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के एक बाईपास सड़क का 100 फीट लंबा हिस्सा ढह गया. इससे वहां 30 फुट गहरा गड्ढा बन गया. जांच टीम ने इसकी जो वजहें बताई हैं, उनमें से एक किसानों द्वारा मिट्टी खोदने को भी बताया है. इसके बाद कांग्रेस ने राज्य सरकार को घेर लिया. विपक्ष का आरोप है कि सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए किसानों पर दोष डाल रही है.
ये घटना सोमवार, 13 अक्तूबर को भोपाल पूर्वी बाईपास पर सूखी सेवनिया रेलवे ओवर ब्रिज (ROB) के पास हुई. हालांकि, किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम (MPDRC) ने तत्काल क्षेत्र में बैरिकेडिंग कर दी. वहीं, सुचारू आवागमन सुनिश्चित करने के लिए यातायात को पास के लेन में मोड़ दिया. अधिकारियों ने पुष्टि की कि जब सड़क धंंसी, सड़क पर कोई वाहन नहीं था.
लोक निर्माण विभाग (PWD) के तहत आने वाले MPDRC ने इस मामले पर शुरुआती जांच के हवाले से बताया,
तकनीकी जांच से पता चला कि मिट्टी की दीवार मानकों के अनुसार नहीं बनाई गई थी. इस्तेमाल की गई मिट्टी घटिया थी. कटाव और पानी के रिसाव को रोकने के लिए पत्थर की पिचिंग भी नहीं की गई थी.
NDTV की खबर के मुताबिक, अधिकारियों ने ये भी कहा कि उस जगह के आसपास जल निकासी (ड्रेनेज) रुकी हुई थी, क्योंकि किसानों ने रिटेनिंग वॉल के पास मिट्टी खोद दी थी. घटिया निर्माण, जलभराव और संरचनात्मक कमजोरी के कारण मानसून के दौरान वो जगह कमजोर हो गई और ढह गई.
जांच के लिए बनी टीमMPDRC के मैनेजिंग डायरेक्टर बीएस मीणा ने डिटेल जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की है. इनमें चीफ इंजीनियर बीएस मीणा, जनरल मैनेजर मनोज गुप्ता और जनरल मैनेजर आरएस चंदेल शामिल होंगे. समिति को सात दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं.
NDTV से बात करते हुए MPDRC की डिविजनल मैनेजर सोनल सिन्हा ने कहा,
करीब 100 मीटर सड़क धंस गई है, जिससे 30 फुट गहरा गड्ढा बन गया है. हमने मामले की जांच के लिए एक टीम गठित की है. शुरुआती जाँच से पता चला है कि रिटेनिंग वॉल ढह गई हैं. जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कारण का पता चल पाएगा.
मामले को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने राज्य की BJP सरकार पर हमला बोला है. आजतक की खबर के मुताबिक, उन्होंने कहा,
सरकार अपनी नाकामी को छिपाने के लिए किसानों पर दोष डाल रही है. अगर किसान मिट्टी खोद रहे थे, तो आपका विभाग तब क्या कर रहा था? पूरे प्रदेश की सड़कों का हाल खराब है. लेकिन मंत्री कहते हैं कि जब तक सड़कें रहेंगी, तब तक गड्ढे रहेंगे.
बताते चलें, भोपाल पूर्वी बाईपास इंदौर, होशंगाबाद, जबलपुर, जयपुर, मंडला और सागर के प्रमुख मार्गों को जोड़ता है. इसका निर्माण मेसर्स ट्रांसट्रॉय प्राइवेट लिमिटेड, हैदराबाद ने बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर (बीओटी) मॉडल के तहत किया था. ये प्रोजेक्ट 2010 में साइन किए हुए 15-वर्षीय रियायत समझौते के तहत 2012-13 में पूरी हुई.
हालांकि, 2020 में शर्तों का पालन न करने के कारण कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर दिया गया. कंपनी को तीन साल के लिए ब्लैक लिस्ट में डाल दिया गया. तब से, एमपीआरडीसी इस खंड का प्रबंधन सीधे कर रहा है, और आवश्यकतानुसार केवल मामूली रखरखाव कार्य ही आउटसोर्स करता है.
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