'पैसों की बारिश' से गिरोह ने कइयों को लूटा, बंद हो चुके 2000 के नोटों से लाखों का खेल कर दिया!
बेंगलुरु पुलिस ने 10 लोगों को गिरफ्तार किया है, जो तंत्र-मंत्र से 'पैसों की बारिश' का झांसा देकर लोगों को ठग रहे थे. पुलिस ने 18 लाख के पुराने 2000 के नोट भी जब्त किए हैं.
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‘अंधविश्वास’ कैसे किसी को लाखों का चूना लगा सकता है, इसकी ताजा मिसाल बेंगलुरु में देखने को मिली है. यहां कुछ ठगों ने तंत्र-मंत्र से ‘पैसों की बारिश’ कराने का लालच देकर कई लोगों से लाखों रुपये ऐंठ लिए. मामले में पुलिस ने 10 लोगों को गिरफ्तार किया है. वहीं 18 लाख के पुराने 2 हजार के नोट भी जब्त किए गए हैं.
ये मामला तब सामने आया जब RBI के एक अधिकारी ने पुलिस को शिकायत दी कि कुछ लोग 2 हजार के बंद हो चुके नोट केंद्रीय बैंक में जमा कराने की कोशिश कर रहे हैं. पुलिस ने इसकी जांच की तो पता चला कि इसके पीछे एक पूरा गिरोह काम करता है. ये लोग 2 हजार के बंद हो चुके नोटों के सीरियल नंबर और बाकी डिटेल बदलकर उसे RBI में जमा कराने की कोशिश करते थे. तंत्र-मंत्र की मदद से पैसों की बारिश का झांसा देकर लोगों से ये रुपये इकट्ठा किए जाते थे.
2000 का नोट, तंत्र-मंत्र और 'पैसों की बारिश'इंडिया टुडे से जुड़े सगाय राज की रिपोर्ट के अनुसार, बीती 17 अक्टूबर को बेंगलुरु के हलसूरु गेट पुलिस स्टेशन में RBI के एक अधिकारी ने शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद पुलिस ने 24 अक्टूबर को क्यूब्बनपेट से मामले के पहले आरोपी को पकड़ा. उसने 40 हजार रुपये के नकली नोट RBI में जमा कराए थे. पुलिस ने पूछताछ की तो उसने बताया कि उसे ये नोट दो लोगों से कमीशन पर मिले थे. उसकी निशानदेही पर पुलिस ने उसी दिन दोनों को मैसूर बैंक सर्कल के पास से गिरफ्तार कर लिया. आगे की जांच में पुलिस को पता चला कि असल में यह एक बड़ा गिरोह है.
25 अक्टूबर को पुलिस ने मेजेस्टिक इलाके से मामले से जुड़े 3 और लोगों को पकड़ा. आरोप है कि उन्होंने गिरफ्तार आरोपियों को 8 लाख के डिमोनेटाइज 2000 के नोट दिए थे, ताकि वे उन्हें RBI में जमा कर उतने ही पैसे अपने खाते में ट्रांसफर करा सकें.
बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर सीमंत कुमार सिंह के मुताबिक, ये गैंग लोगों को यह कहकर फंसाता था कि अगर ‘O’, ‘OO’, ‘OP’ और ‘OU’ सीरीज के 2018 वाले दो हजार के नोट एक खास अनुष्ठान में इस्तेमाल किए जाएं तो ‘पैसों की बारिश’ होगी और पैसा 100 गुना बढ़ जाएगा. हैरानी की बात ये कि इस झांसे में फंसकर कई लोगों ने तो 4 लाख रुपये तक दे डाले.
आरोपियों की गिरफ्तारी से मिले सुराग के आधार पर पुलिस ने 28 अक्टूबर को आंध्र प्रदेश से 3 और लोगों को पकड़ा. उनके पास से 26 लाख रुपये के 2 हजार के नोट मिले. उसी दिन पुलिस ने गिरोह के मास्टरमाइंड को यशवंतपुर से गिरफ्तार कर लिया, जो नोटों के सीरियल नंबर और उनकी डिटेल बदलता था. उसके पास से नोटों से छेड़छाड़ करने वाली चीजें भी बरामद की गईं.
पूरे स्कैम को लेकर कमिश्नर सीमंत सिंह ने बताया,
सभी 10 आरोपियों को अलग-अलग समय पर पकड़ा गया है और हरेक की इस ठगी में अलग भूमिका थी. नोट असली थे, लेकिन उनके सीरियल नंबर बदल दिए गए थे. यह एक अनोखा मामला है, जिसमें असली नोटों को ही बदलकर ठगी की गई. हमारी टीम ने बहुत अच्छा काम किया है और पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया है.
मामले से जुड़े सभी 10 आरोपियों को 3 नवंबर को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत (जेल) में भेज दिया गया. एक महिला आरोपी फरार है. पुलिस उसकी तलाश कर रही है. उसका अनुमान है कि आने वाले दिनों में और पीड़ित सामने आ सकते हैं.
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