‘बांग्लादेश में हिंदुओं पर नहीं हो रहे हमले... भारत झूठी खबरें फैला रहा’, मोहम्मद यूनुस US जाकर बोले
Bangladesh से कुछ समय पहले आई कई रिपोर्टों में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले का जिक्र किया गया था. इनमें दावा किया गया था कि पिछले साल शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ सांप्रदायिक हिंसा बढ़ी है. लेकिन अब Muhammad Yunus ने इन्हें खारिज कर दिया है.

बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार (Chief Adviser of Bangladesh) मोहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) ने अपने यहां हिंदुओं (Attacks On Hindus In Bangladesh) पर हमलों को झूठी खबरें बताया है. उनका कहना है कि बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ किसी भी तरह की कोई हिंसा नहीं हो रही. कहा कि ये भारत द्वारा फैलाई गई फेक न्यूज हैं. यूनुस ये बातें पिछले हफ्ते अमेरिकी पत्रकार मेहदी हसन को दिए एक इंटरव्यू में कहीं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोहम्मद यूनुस ने कहा कि इस समय भारत का मीडिया झूठी खबरें फैला रहा है. उन्होंने कहा कि लोकल मुद्दों को लेकर पड़ोसियों के बीच झगड़े होते रहते हैं. लेकिन इन झगड़ों को सांप्रदायिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए.
बता दें कि कुछ समय पहले आई कई अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टों में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले का जिक्र किया गया था. इनमें दावा किया गया था कि पिछले साल शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ सांप्रदायिक हिंसा बढ़ी.
इन रिपोर्ट्स के बारे में जब यूनुस से पूछा गया तो उन्होंने इन अंतर्राष्ट्रीय रिपोर्टों को खारिज कर दिया. यूनुस ने कहा कि भारत हमेशा इस मुद्दे को लेकर दबाव बनाने की कोशिश करता है. लेकिन सरकार इस मामले को लेकर सतर्क है.
दुनियाभर में हुई थी आलोचनाहसीना सरकार के तख्तापलट के बाद बांग्लादेश में हुई सांप्रदायिक हिंसा ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा था. अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भी इस मुद्दे पर बांग्लादेश सरकार की आलोचना की थी. ट्रंप ने इसे “बर्बरता” बताया था.
इस पर यूनुस ने तंज कसते हुए कहा कि क्या ट्रंप को वाकई पता है कि बांग्लादेश में क्या हो रहा है? क्या उन्होंने वास्तव में ऐसा कुछ कहा भी? यूनुस ने हिंदू समुदाय के लोगों अपील की कि वे खुद को सिर्फ हिंदू नहीं, बल्कि बांग्लादेशी नागरिक मानें. यूनुस ने कहा,
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले“मैं जब भी हिंदू नेताओं से मिलता हूं तो उन्हें कहता हूं कि खुद को सिर्फ हिंदू कहकर सुरक्षा मत मांगो. कहो कि तुम इस देश के नागरिक हो और तुम्हें वह सुरक्षा चाहिए जो हर नागरिक का हक है. इससे तुम्हारी आवाज और मजबूत होगी.”
हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद नवंबर 2025 में राजधानी ढाका में लगभग 30,000 हिंदुओं ने मार्च निकाला था. उन्होंने यूनुस सरकार से सुरक्षा की मांग की थी. उन्होंने हिंदू नेताओं पर लगे देशद्रोह के मुकदमों को हटाने की अपील की थी. इनमें प्रमुख सन्यासी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी ने भारत में भी विरोध को जन्म दिया. भारत में लोगों ने इसे लेकर प्रदर्शन किया था.

इसी साल जून के महीने में बांग्लादेश के कोमिला जिले में एक हिंदू महिला को निर्वस्त्र कर उसके साथ रेप किया गया. रेप का आरोपी फजर अली एक कथित स्थानीय नेता बताया गया था.
इतना ही नहीं जुलाई महीने में इसी तरह एक हिंदू व्यापारी लाल चंद सोहाग की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. आरोपियों ने उनके शव पर डांस करके जश्न तक मनाया. उनकी हत्या को लेकर सैकड़ों छात्रों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया था. उन्होंने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पर हिंसा को रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया था.
द हिंदू की रिपोर्ट में बांग्लादेश के हिंदू बौद्ध ईसाई ओइक्या परिषद नाम के संगठन के हवाले से लिखा गया कि 2025 की पहली छमाही में बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा की 258 घटनाएं हुई हैं.
वीडियो: बांग्लादेश में हिंदू महिला का रेप कर वीडियो बनाया, पूरे देश में प्रदर्शन