2 पैन कार्ड रखना कब गुनाह बन जाता है? आजम खान और उनके बेटे को सजा मिलने की वजह जानें
कई बार कार्ड में सुधार कराने पर दो-दो कार्ड लोगों को इशू हुए हैं. लेकिन उनका भी PAN नंबर एक होता है. लेकिन दो पैन नंबर के कार्ड जारी नहीं हो सकते. पैन कार्ड में सबसे इंपॉर्टेंट चीज जन्मतिथि होती है. पता बदल सकता है. नाम भी बदल सकता है. हो सकता है कि पैन कार्ड पर नाम की स्पेलिंग गलत छप गई हो. लेकिन Date Of Birth ऐसी चीज है, जो सबकी एक ही होगी.

आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को 17 नवंबर को 7 साल की जेल की सजा हो गई. सितंबर 2025 में वह जेल से छूटे थे. अब फिर से जेल पहुंच गए. वजह, फर्जी पैन कार्ड बनवाकर बेटे को चुनाव लड़ाना. साल 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान रामपुर जिले की स्वार सीट से अब्दुल्ला आजम ने पर्चा भरा था. पेच ये फंसा था कि उम्र अभी 25 साल की नहीं हुई थी. विधायकी का चुनाव लड़ने के लिए कम से कम 25 साल की उम्र होनी चाहिए.
आरोप लगा कि यही दिखाने के लिए आजम खान ने बेटे का एक और पैन कार्ड बनवा दिया. इसमें डेट ऑफ बर्थ 1990 की बताई गई थी, जो पहले वाले पैनकार्ड में 1993 थी. अब यही पैंतरा उनके गले की फांस बन गया. रामपुर के विधायक आकाश सक्सेना ने इसकी शिकायत कर दी. कोर्ट-कचहरी हुआ और अब पिता-पुत्र को 7 साल की जेल हो गई.
दो पैन कार्ड रखने की इतनी बड़ी सजा होती है?
दरअसल आजम खान और उनके बेटे को दो पैन कार्ड रखने के लिए सजा नहीं मिली है. कई बार कार्ड में सुधार कराने पर दो-दो कार्ड लोगों को इशू हुए हैं. लेकिन उनका भी PAN नंबर एक होता है. लेकिन दो पैन नंबर के कार्ड जारी नहीं हो सकते. पैन कार्ड में सबसे इंपॉर्टेंट चीज जन्मतिथि होती है. पता बदल सकता है. नाम भी बदल सकता है. हो सकता है कि पैन कार्ड पर नाम की स्पेलिंग गलत छप गई हो. लेकिन Date Of Birth ऐसी चीज है, जो सबकी एक ही होगी. पैन कार्ड पर अगर दो जन्मतिथि हैं तो इसका मतलब है कि इसे बनवाने में फर्जी दस्तावेज लगे हैं. यानी काम धोखाधड़ी का है और यहीं आकर ये गैरकानूनी और अपराध हो जाता है.
आजम खान वाले केस में दो जन्मतिथि पर ही मामला फंसा है.
मामले से जुड़े अभियोजन अधिकारी राकेश कुमार मौर्या बताते हैं,
2 पैन कार्ड तो कोई आदमी रख ही नहीं सकता. अगर गलती से दो पैन कार्ड बन जाएं तो भी पैन कार्ड नंबर एक ही रहेगा. हो सकता है कि मेरा कार्ड मेरा खो जाए. मैं अप्लाई कर दूं और फिर रीइशू हो जाए. फिर उसके बाद एक ही नंबर के दो पैन कार्ड हो जाएं. ये फ्रॉड नहीं है.
आजम खान वाले मामले को समझाते हुए राकेश मौर्या कहते हैं,
अब्दुल्ला आजम खान का फ्रॉड ये था कि पहले पैन कार्ड में इनका नाम था- Mohd. अब्दुल्ला आजम खान. दूसरा जो पैन कार्ड बनवाया, उसमें उन्होंने Mohd को पूरा लिख दिया- Mohammad Abdullah Azam Khan और पते में एक लाइन बढ़ा दी.

मौर्या के मुताबिक,
"अब्दुल्ला का जो पहला पैन कार्ड था, उससे वह आईटीआर (Income Tax Return) भरते थे. उसमें जन्मतिथि थी- 1 जनवरी 1993. दूसरा जो पैन कार्ड इन्होंने बनवाया उसमें डेट ऑफ बर्थ 1993 की थी. अब्दुल्ला ने जब स्वार सीट से विधायकी का पर्चा भरा, तो उसमें अपने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अकाउंट का डिक्लेरेशन दिया. इससे पहला वाला पैन नंबर जुड़ा हुआ था. ऐसे में पहले वाले पैन नंबर पर व्हाइटनर लगाकर उन्होंने हाथ से दूसरे वाले पैन कार्ड का नंबर लिख दिया, जो उस बैंक अकाउंट से जुड़ा ही नहीं था. ये सब इसलिए किया गया क्योंकि नए वाले पैन कार्ड में जन्म की तारीख 1990 थी, जिसके हिसाब से 2017 में वह 25 साल पूरे कर पा रहे थे. उम्र संबंधी सच छिपाने के लिए ये सब धोखेबाजी की गई थी."
अब्दुल्ला 2017 का चुनाव लड़े और जीते भी, लेकिन कहीं भी ये बात जाहिर नहीं की कि उनके पास दो पैन कार्ड हैं.
आजम खान पर इस तरह से 4 तरह के मामले बनते हैंः
धारा 420, जिसमें 3 साल का कारावास और 10000 रुपये का जुर्माना हो सकता है. जुर्माना जमा न करने पर 3 माह की अतिरिक्त जेल.
धारा 467, कूटरचना के आरोप में. 7 साल की जेल और 10000 का जुर्माना. जुर्माना जमा न करने पर 6 माह की अतिरिक्त सजा.
धारा 468 के तहत 3 साल की जेल और 10000 का जुर्माना. जुर्माना जमा न करने पर 3 माह की अतिरिक्त सजा.
धारा 471 में 2 साल की कैद और 10000 का जुर्माना.
धारा 120(B) के तहत 1 साल की सजा और 10000 जुर्माना.
कोर्ट ने इन सभी मामलों में आजम खान और उनके बेटे को दोषी माना है. इसमें अधिकतम सजा 7 साल की जेल है और सारी सजाएं एक साथ चलेंगी. यानी सब एक साथ काउंट की जाएंगी. इसके अलावा इस अपराध में वह पहले जेल में जितने दिन रह चुके हैं, वो भी इस सजा में समायोजित कर लिया जाएगा. मसलन, अगर चार साल जेल में रह चुके हैं तो सजा सुनाए जाने वाले दिन से तीन साल तक ही उनको जेल में रहना पड़ेगा.
अब आते हैं दो पैन की बात कार्ड पर?क्या किसी को दो पैन कार्ड जारी हो सकते हैं? जवाब है- हां. ऐसा भी हो सकता है. कई बार एड्रेस चेंज कराने या पैन कार्ड में गलती का सुधार कराते वक्त दो पैन कार्ड जारी हो सकते हैं. या किसी का कार्ड खो जाए और वो दोबारा आवेदन कर दे. तभी ऐसा हो सकता है कि उसे नया कार्ड जारी हो जाए. वीएसआरके कैपिटल के निदेशक स्वप्निल अग्रवाल इंडिया टुडे से बातचीत में कहते हैं
पैन कार्ड में एड्रेस, नाम या अन्य जानकारी में बदलाव के लिए दोबारा आवेदन करना पड़ सकता है. इससे डुप्लिकेट पैन कार्ड बन सकता है. ऐसा भी हो सकता है कि अधिकारियों या एजेंट द्वारा डेटा दर्ज करने में गलती हो जाए तो भी एक ही व्यक्ति के कई पैन बन सकते हैं.
हालांकि, ऐसे केस कम ही होते हैं. इन मामलों में एक पैन कार्ड सरेंडर करने का विकल्प होता है. क्योंकि आयकर एक्ट- 1961 के प्रावधानों के अनुसार, कोई भी व्यक्ति एक से ज्यादा पैन कार्ड नहीं रख सकता. अगर किसी के पास एक से ज्यादा पैन कार्ड हैं, तो उसे क्षेत्राधिकार निर्धारण अधिकारी (Jurisdictional Assessing officer) को बताकर एक पैन कार्ड सरेंडर करना ही पड़ेगा.
स्वप्निल बताते हैं कि एक से ज्यादा पैन कार्ड रखने पर 10 हजार रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है. इससे अगर बचना है तो एक्स्ट्रा पैन कार्ड को तुरंत आयकर विभाग को सौंप दिया जाना चाहिए.
कैसे सरेंडर करें?स्वप्निल अग्रवाल के मुताबिक, अगर आपके पास दो PAN कार्ड हैं और एक को सरेंडर करना है तो आपको Form 49A भरना होता है. इस फॉर्म में एक ऑप्शन आता है, जहां आप डुप्लीकेट PAN सरेंडर कर सकते हैं. इसमें आपको साफ-साफ लिखना पड़ता है कि कौन-सा PAN रखना है और कौन-सा PAN सरेंडर करना है. भरा हुआ फॉर्म आप NSDL या UTIITSL की वेबसाइट पर ऑनलाइन सबमिट कर सकते हैं या फिर नजदीकी PAN सेवा केंद्र पर जाकर जमा कर सकते हैं. फॉर्म के साथ आपको दोनों PAN कार्ड की कॉपी और एक कवर लेटर भी लगाना होगा जिसमें आप सरेंडर करने का कारण बताते हैं.
इनकम टैक्स विभाग आपके दस्तावेज प्रोसेस होने के बाद आपको एक acknowledgement देता है, जिसमें लिखा होता है कि आपका PAN सरेंडर हो गया है और इससे आपको आगे जुर्माना या कानूनी परेशानी से छुटकारा मिल जाता है.
जुर्माना दो पैन कार्ड रखने पर है. लेकिन अगर आप फर्जी पैन कार्ड का इस्तेमाल आईडी के तौर पर करके लाभ लेते हैं तो आप पर धोखाधड़ी और कूटरचना की धाराओं में और मुकदमे हो सकते हैं.
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