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अरविंद केजरीवाल को मिला 4 बेडरूम वाला नया बंगला, दिल्ली हाईकोर्ट की सख्ती के बाद अलॉटमेंट

Arvind Kejriwal को मिले इस बंगले में चार बेडरूम, एक हॉल, एक वेटिंग रूम और एक डायनिंग रूम है. दो लॉन हैं, जिनमें एक लॉन छोटा है. आरोप है कि केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने इस बंगले के आवंटन में देरी की. जिसके बाद, AAP नेता ने Delhi High Court का रुख किया था.

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Arvind Kejriwal allotted Type 7 govt bungalow
सरकार ने केजरीवाल को 95, लोधी एस्टेट अलॉट किया है. (फोटो: आजतक)
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अमित भारद्वाज
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7 अक्तूबर 2025 (Updated: 7 अक्तूबर 2025, 01:05 PM IST)
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दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal Bungalow) को टाइप-7 कैटेगरी का बंगला आवंटित किया गया है. केजरीवाल आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक हैं और एक संयोजक के रूप में वह केंद्र सरकार द्वारा आवंटित आवास के हकदार हैं. लेकिन, केजरीवाल को इस बंगले के लिए एक साल लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी. दिल्ली हाईकोर्ट की सख्ती के बाद, सरकार ने केजरीवाल को 95, लोधी एस्टेट अलॉट किया है.

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बंगले में चार बेडरूम, एक हॉल, एक वेटिंग रूम और एक डायनिंग रूम है. दो लॉन हैं, जिनमें एक लॉन छोटा है. आरोप है कि केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने इस बंगले के आवंटन में देरी की. जिसके बाद, AAP नेता ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था. 25 सितंबर को केंद्र सरकार ने अदालत को बताया कि 10 दिनों के अंदर केजरीवाल को आवास आवंटित कर दिया जाएगा. 

अब खबर आ रही है कि उन्हें सरकारी बंगला अलॉट हो गया है, जो टाइप-7 कैटेगरी का बंगला होने की वजह से सरकारी आवास की दूसरी सबसे बड़ी कैटेगरी है. टाइप-7 बंगले 5 बार के सांसद, केंद्रीय राज्य मंत्रियों, दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीशों को अलॉट किया जाता है. सरकार की जुलाई 2014 की नीति के मुताबिक, राष्ट्रीय दलों के अध्यक्ष या संयोजक भी सरकारी बंगले के हकदार है. हालांकि, उन्हें किस कैटेगरी का बंगला मिलेगा, यह स्पष्ट नहीं है.

केजरीवाल के वकील ने हाइकोर्ट में तर्क दिया था कि पारंपरिक रूप से टाइप-7 बंगले राष्ट्रीय दलों के अध्यक्षों को आवंटित किए जाते हैं. उनका इशारा बसपा अध्यक्ष मायावती की तरफ था, जिन्हें पिछले साल 35, लोधी एस्टेट बंगला अलॉट हुआ था, जो टाइप-7 कैटेगरी का बंगला है.

बताते चलें कि पूर्व मुख्यमंत्री के तौर पर केंद्र सरकार की तरफ से सरकारी आवास की कोई सुविधा नहीं मिलती है. मई 2018 में, सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के उस कानून को रद्द कर दिया, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन सरकारी आवास में रहने की अनुमति दी गई थी.

ये भी पढ़ें: अपना टेंडर खुद ही पास किया? केजरीवाल के बंगले में 45 करोड़ खर्च होने के पीछे का सच

पिछले साल सितंबर में, मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद से केजरीवाल, AAP के राज्यसभा सांसद अशोक मित्तल को आवंटित सरकारी बंगले में रह रहे हैं. उधर, दिल्ली सरकार उस बंगले को स्टेट गेस्ट हाउस (राज्य अतिथि गृह) में बदलने की योजना बना रही है, जिसे पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए तैयार किया गया था. सिविल लाइंस स्थित फ्लैगस्टाफ रोड नंबर-6 वाले इस बंगले को भाजपा ने ‘शीशमहल’ कहकर बुलाया और AAP पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए.

वीडियो: अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसौदिया पर बीजेपी विधायक तरविंदर सिंह मारवाह ने क्या आरोप लगाया?

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