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एंट्री-एक्जिट का एक ही रास्ता... इन तीन वजहों से आंध्र प्रदेश के मंदिर में 10 लोग भगदड़ में मर गए

कासिबुग्गा का वेंकटेश्वर मंदिर 12 एकड़ में फैला हुआ है और दूर-दूर से लोग यहां दर्शन करने आते हैं. यहां मची भगदड़ पर पूर्व मंत्री और विपक्षी पार्टी YSRCP के पूर्व विधायक सीदिरी अप्पलाराजू ने पुलिस-प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

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Srikakulam Stampede
श्रीकाकुलम के श्री वेंकटेश्वर मंदिर में मची भगदड़ में 10 लोगों की मौत. (PTI)
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मौ. जिशान
1 नवंबर 2025 (Published: 05:54 PM IST)
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आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के श्रीकाकुलम (Srikakulam) जिले के कासिबुग्गा (Kasibugga) स्थित श्री वेंकटेश्वर मंदिर में मची भगदड़ में कम से कम 10 श्रद्धालुओं की मौत हो गई. मरने वालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. शनिवार, 1 नवंबर को श्री वेंकटेश्वर मंदिर में हुए इस हादसे ने तीन बड़ी खामियों को उजागर किया है. अधिकारियों का कहना है कि इनकी वजह से हालात और ज्यादा बिगड़ सकते थे.

इस हादसे में भीड़ काबू करने के नाकाफी इंतजाम को पहली बड़ी कमी बताया जा रहा है. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, भीड़ बहुत ज्यादा थी और भीड़ पर काबू पाने के इंतजाम नाकाफी थे. पलासा टाउन के डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (DSP) ने दी इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए बताया,

"यह मंदिर प्राइवेट मालिकाना हक वाला है. जब भी इसके मालिक सुरक्षा इंतजामों के लिए हमसे संपर्क करते हैं, तो हम पुलिस भेजते हैं, लेकिन आज की भीड़ बहुत ही ज्यादा थी."

अधिकारियों के मुताबिक, दूसरी खामी यह रही कि मंदिर के आने और बाहर निकलने का एक ही रास्ता था. रिपोर्ट में एक सूत्र के हवाले से बताया गया,

"मंदिर का परिसर बहुत बड़ा है, लेकिन यहां अलग-अलग एंट्री और एक्जिट पॉइंट नहीं बनाए गए थे. लोग एक ही समय में मंदिर में एंट्री करने और बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे."

तीसरी बड़ी खामी यह थी कि जहां भगदड़ हुई, वहां मंदिर के कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा था. एक अधिकारी ने बताया,

"भीड़ काबू करने के लिए जो रेलिंग और अन्य ढांचे बनाए गए थे, वे अस्थाई लगते हैं. भीड़ के दबाव में वे ढह गए."

कासिबुग्गा का वेंकटेश्वर मंदिर 12 एकड़ में फैला हुआ है और दूर-दूर से लोग यहां दर्शन करने आते हैं. तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के पलसा विधायक गौथु सिरीशा ने भी इस मंदिर के निजी मालिकाना हक का जिक्र करते हुए बताया,

"यह मंदिर कुछ महीने पहले मुकुंद पांडा नामक जमींदार ने बनवाया था. वे और उनका परिवार इसे संभालते हैं और इसका प्रबंधन करते हैं."

पूर्व मंत्री और विपक्षी पार्टी युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (YSRCP) के पूर्व विधायक सीदिरी अप्पलाराजू ने पुलिस-प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि मंदिर प्रबंधन ने पुलिस को सूचित किया था कि शनिवार, 1 नवंबर को भारी भीड़ आने की संभावना है, लेकिन वहां सुरक्षा के लिए पर्याप्त पुलिसकर्मी नहीं भेजे गए. सीदिरी अप्पलाराजू ने आंध्र प्रदेश सरकार से इस मामले की जांच की मांग की है. उन्होंने आगे कहा,

“हर शनिवार मंदिर में वॉलंटियर करने वाले YSRCP कार्यकर्ताओं समेत कई युवाओं ने भारी भीड़ देखी और पुलिस को बुलाया, लेकिन वहां पर्याप्त पुलिस बल नहीं भेजा गया. राज्य सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए.”

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर धार्मिक बंदोबस्ती विभाग (Endowments Department) के तहत नहीं आता है, क्योंकि ये एक प्राइवेट मंदिर है. इसका उद्घाटन केवल चार महीने पहले ही हुआ था. रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें बिना सरकारी इजाजत लिए सभा आयोजित की गई थी.

यह घटना आंध्र प्रदेश में इस साल की तीसरी ऐसी घटना है. 30 अप्रैल को विशाखापत्तनम के सिंहाचलम में श्री वराह लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर में भी भारी भीड़ के कारण एक दीवार गिरने से सात लोगों की मौत हो गई थी. वहीं, 8 जनवरी को तिरुपति में तिरुमला स्थित भगवान वेंकटेश्वर मंदिर के स्पेशल दर्शन के लिए टिकट काउंटर पर भगदड़ मची थी. इस हादसे में 6 लोग मारे गए थे.

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