पाकिस्तान की चाल उलटी पड़ी! तालिबान बोला - "भारत पर इल्ज़ाम लगाना बंद करो"
तालिबान शासित अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री मोहम्मद याक़ूब मुजाहिद ने अल-जज़ीरा को इंटरव्यू दिया. उन्होंने पाकिस्तान द्वारा लगाए आरोपों को, “बेबुनियाद, बेतुका और अमान्य” बताया.

भारत पर इल्ज़ाम लगाने का पाकिस्तान का पुराना शौक इस बार उस पर ही उल्टा पड़ गया है. इस बार भारत को बचाने के लिए किसी भारतीय मंत्री ने नहीं, बल्कि अफगानिस्तान ने खुद मैदान संभाला है. तालिबान शासन के रक्षा मंत्री मोहम्मद याक़ूब मुजाहिद ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है.
पृष्ठभूमि क्या है?पिछले कुछ हफ्तों से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सरहद पर माहौल गरम है. दोनों देशों के बीच झड़पें, एयर स्ट्राइक और एक-दूसरे पर आरोपों का दौर चल रहा है. हमेशा की तरह पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने फिर भारत को घसीट लिया. बोले – अफगानिस्तान में जो टेंशन चल रही है, उसके पीछे भारत का हाथ है.
लेकिन इस बार जवाब आया सीधे तालिबान के रक्षा मंत्री मोहम्मद याक़ूब मुजाहिद की तरफ से — और ऐसा जवाब कि पाकिस्तान चुप रह गया.
“बेबुनियाद, बेतुका और अमान्य” , याक़ूब का करारा जवाबअल-जज़ीरा को दिए इंटरव्यू में जब मोहम्मद याक़ूब से भारत-अफगान रिश्तों पर सवाल हुआ, तो उन्होंने दो टूक कहा,
ये सब बेबुनियाद बातें हैं. अफगानिस्तान कभी भी अपनी ज़मीन किसी और देश के खिलाफ जंग के लिए इस्तेमाल नहीं करेगा. हम एक आज़ाद मुल्क हैं, और भारत के साथ हमारे निजी रिश्ते हैं. आने वाले वक्त में ये रिश्ते और मज़बूत होंगे.
याक़ूब मुजाहिद ने आगे कहा,
अब याक़ूब का झुकाव किधर है?पाकिस्तान जो तोहमतें लगा रहा है, वो बिल्कुल बेतुके और अमान्य हैं. हमें पड़ोसी देशों से रिश्ते मज़बूत करने पर ध्यान देना चाहिए, ना कि उन्हें कमज़ोर करने पर.
मोहम्मद याक़ूब पहले पाकिस्तान के काफ़ी करीब माने जाते थे. लेकिन अब लगता है कि उन्हें समझ आ गया है. बिना इज़्ज़त के कोई रिश्ता टिकता नहीं. उन्होंने साफ कहा कि “क़तर और तुर्किये शांति समझौते में मदद कर सकते हैं, लेकिन उसका मतलब तभी होगा जब दोनों मुल्क उसे मानें भी.”
पाकिस्तान-अफगानिस्तान टेंशन कैसे बढ़ी?11 अक्टूबर के बाद से दोनों देशों की सीमा पर झड़पें तेज़ हुईं. पाकिस्तान ने पहले एयर स्ट्राइक की, जवाब में अफगानिस्तान ने भी गोलीबारी की. पाकिस्तान लगातार आरोप लगाता रहा है कि अफगानिस्तान TTP (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) को पनाह दे रहा है. अफगानिस्तान का कहना है कि “पहले पाकिस्तान ने हमला किया, हमने तो बस जवाब दिया.”
इस झगड़े का नुकसान कौन उठा रहा है? आम लोग. खासकर वो जो तोरख़म और चमन बॉर्डर से रोज़ी-रोटी कमाते थे. बॉर्डर बंद है, कारोबार ठप है, और सरहद पर खून भी बहा है.
भारत-अफगान रिश्ते: धीरे-धीरे गर्माहट बढ़ रहीपाकिस्तान के आरोपों के बीच अफगानिस्तान ने भारत के साथ रिश्तों को “मज़बूत और स्वतंत्र” बताया. हाल ही में अफगान विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तक़ी भारत आए थे.
भारत ने तालिबान सरकार को औपचारिक मान्यता तो नहीं दी है, लेकिन बातचीत के रास्ते खोल दिए हैं. यानी तालिबान से दूरी नहीं, डिप्लोमेसी से डील करने की नीति अपनाई जा रही है.
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