पड़ताल: सुप्रीम कोर्ट का ध्येय वाक्य 'सत्यमेव जयते' से बदलकर 'यतो धर्मस्ततो जय:' होने का सच
सुशांत केस, कोर्ट की अवमानना और PM CARES के बाद अब सुप्रीम कोर्ट के सुर्खियों में होने की नई वजह!
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दावा किया जा रहा है कि पहले सुप्रीम कोर्ट का ध्येय वाक्य सत्यमेव जयते हुआ करता था, जिसे अब बदल दिया गया है.
दावा
सोशल मीडिया पर सुप्रीम कोर्ट से जुड़ा एक दावा तेज़ी से वायरल हो रहा है. दावा किया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट का ध्येय वाक्य यानी टैग लाइन 'सत्यमेव जयते' से बदलकर 'यतो धर्मस्ततो जय:' कर दी गई है. सोशल मीडिया यूज़र्स इस दावे को शेयर कर सुप्रीम कोर्ट की धर्मनिरपेक्षता पर सवाल उठा रहे हैं.सचिन सखारे
नाम के एक ट्विटर यूज़र ने अंग्रेज़ी में दावा किया है, जिसका हिंदी अनुवाद हम आपको बता रहे हैं-
"अब बहुत हो गया, सर्वोच्च न्यायालय के ऐसे कदम के खिलाफ खड़े होने की जरूरत है. उन्होंने सत्यमेव जयते से लोगो बदल कर धर्मस्ततो जय: कर दिया है.
आप इस तरह के संस्थानों के न्याय पर विश्वास कैसे कर सकते हैं जो स्वयं धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों का पालन नहीं करते हैं."
(आर्काइव लिंक
)
एक और ट्विटर यूज़र राम पवारIt is high time, need to stand against such move of the Supreme Court. They have changed the Logo from सत्यमेव जयते to यतो ।। धर्मस्ततो जय:।।
How you can believe the justice from such institutions that itself do not follow the low book that guide with secular principles. pic.twitter.com/i6fjic47iT
— Sachin Sakhare (@SachinTiss2010) August 21, 2020
ने सवाल किया कि सुप्रीम कोर्ट का LOGO क्यों बदला गया? उन्होंने ट्वीट में प्रधानमंत्री कार्यालय, शरद पवार,राहुल गांधी सहित अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भी टैग किया है. (आर्काइव लिंक
)
Satyameva Jayate! Why have you changed the logo of the Supreme Court by removing the logo.@bbcnewsmarathi
@PMOIndia
@PawarSpeaks
@supriya_sule
@POTUS
@RahulGandhi
@AamAadmiParty
pic.twitter.com/juTyWcfSVv
— Ram Pawar (@RamPawarSpeak) August 21, 2020
ibc24.in नाम की वेबसाइट के एक आर्टिकल को पोस्ट करते हुए फेसबुक यूज़र रमन शर्मा
ने लिखा-
"जब सत्य को स्वीकार करने में कठिनाई हो रही है तो धर्म के नाम पर हरकत की जा सकती है."
(आर्काइव लिंक
)
जब सत्य को स्वीकार करने में कठिनाई हो रही है तो "धर्म" के नाम पर हरकत की जा सकती है।
Posted by Raman Sharma
on Friday, 21 August 2020
पड़ताल
'दी लल्लनटॉप' ने वायरल दावे की पड़ताल की. हमारी पड़ताल में ये दावा ग़लत निकला. सुप्रीम कोर्ट का ध्येय वाक्य 'यतो धर्मस्ततो जय:' ही था, इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है.पड़ताल के लिए हमने सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट
चेक की. हमें सुप्रीम कोर्ट का ध्येय वाक्य बदलने जैसे कोई नोटिफिकेशन नहीं मिले और ना ही ऐसी कोई ख़बर इंटरनेट पर मिली.
सुप्रीम कोर्ट के ध्येय वाक्य के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट के म्यूज़ियम सेक्शन और वार्षिक रिपोर्ट्स की जांच की. हमें कई ऐसे तथ्य मिले, जिनके आधार पर हम कह सकते हैं कि सुप्रीम कोर्ट का ध्येय वाक्य 'यतो धर्मस्ततो जय:' ही था.
सुप्रीम कोर्ट के म्यूज़ियम सेक्शन में हमें सुप्रीम कोर्ट के प्रतीक चिन्ह- धर्म चक्र
के बारे में जानकारी मिली. इसके मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के लोगो की प्रेरणा अशोक के सारनाथ सिंह स्तंभ है. यहां उकेरे गए ध्येय वाक्य 'यतो धर्मस्ततो जय:' का अर्थ भी बताया गया है. (आर्काइव लिंक
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सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर प्रतीक चिन्ह- धर्म चक्र के बारे में जानकारी.
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर ही हमें 2005-06
की वार्षिक रिपोर्ट
मिली. इसे सुप्रीम कोर्ट ने प्रकाशित किया है. इसमें भी सुप्रीम कोर्ट का ध्येय वाक्य और निशान वही है जो आज 2020 में है. (आर्काइव लिंक
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सुप्रीम कोर्ट की साल 2005-06 की वार्षिक रिपोर्ट.
साल 2014-15 के दौरान तत्कालीन चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एच.एल दत्तू के कार्यकाल में दूरदर्शन ने सुप्रीम कोर्ट पर एक फीचर फिल्म बनाई थी. इस फिल्म का टाइटल है-
The Truth Alone I Upholdये सुप्रीम कोर्ट के ध्येय वाक्य यतो धर्मस्ततो जय: का अंग्रेज़ी अनुवाद है. इस फीचर फिल्म में भी कई जगह सुप्रीम कोर्ट का लोगो और ध्येय वाक्य दिखता है.
सरकारी सूचनाओं की नोडल एजेंसी प्रेस इंफोर्मेशन ब्यूरो(PIB) की फैक्ट चेक यूनिट ने भी इस दावे को फ़र्ज़ी करार दिया है. PIB फ़ैक्ट चेक
के ट्विटर हैंडल ने लिखा-
"दावा: वायरल ट्वीट में दावा किया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट का चिन्ह ‘सत्यमेव जयते' की जगह बदलकर ‘यतो धर्मस्ततो जय:' कर दिया गया है. #PIBfactcheck:- यह दावा फर्जी है, सुप्रीम कोर्ट का चिह्न नहीं बदला है। सुप्रीम कोर्ट का ध्येय वाक्य हमेशा ही ‘यतो धर्मस्ततो जय:’ रहा है." (आर्काइव लिंक
)
दावा: वायरल ट्वीट में दावा किया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट का चिन्ह ‘सत्यमेव जयते' की जगह बदलकर ‘यतो धर्मस्ततो जय:' कर दिया गया है.#PIBfactcheck
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) August 21, 2020
:- यह दावा फर्जी है, सुप्रीम कोर्ट का चिह्न नहीं बदला है। सुप्रीम कोर्ट का ध्येय वाक्य हमेशा ही ‘यतो धर्मस्ततो जय:’ रहा है. pic.twitter.com/yMc9pEMN1U
यतो धर्मस्ततो जय: का अर्थआजतक
में 9 नवंबर 2019 को छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के ध्येय वाक्य का अर्थ है -
जहां धर्म है,वहां जीत है.ये ध्येय वाक्य महाभारत के श्लोक 'यत: कष्णस्ततो धर्मो यतो धर्मस्ततो जय:' से लिया गया है. इसका अर्थ है- 'विजय सदा धर्म के पक्ष में रहती है,और जहां श्रीकृष्ण हैं,वहां धर्म है.' (आर्काइव लिंक
)
नतीजा
हमारी पड़ताल में सुप्रीम कोर्ट का ध्येय वाक्य 'सत्यमेव जयते' से बदलकर 'यतो धर्मस्ततो जय:' करने का दावा गलत निकला. सुप्रीम कोर्ट के पुराने रिकॉर्ड्स में 'यतो धर्मस्ततो जय:' का ही ज़िक्र है.पड़ताल अब वॉट्सऐप पर. वॉट्सऐप हेल्पलाइन से जुड़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक
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