कश्मीर में तिरंगे पर रखकर गाय को काटने का दावा वायरल लेकिन सच्चाई अलग है
सोशल मीडिया पर कश्मीर में गाय को भारतीय झंडे पर रखकर काटने का दावा वायरल हो रहा है.
सोशल मीडिया पर कश्मीर में गाय को भारतीय झंडे पर रखकर काटने का दावा वायरल हो रहा है. वायरल दावे में चार तस्वीरों का कोलाज है. इस कोलाज की तीन तस्वीरों में कुछ पुलिसवाले ज़ख्मी हालत में नज़र आ रहे हैं. जबकि एक तस्वीर में जलते हुए तिरंगे के नीचे एक गाय मृत पड़ी है.
दावा है कि –
शेयर हो रही तस्वीर कश्मीर की है जहां एक गाय को भारतीय झंडे के ऊपर रखकर काट दिया गया. इसके बाद तिरंगा भी जलाया गया.
पोस्ट के साथ शेयर हो रहा मैसेज इस प्रकार है – (आर्काइव) (अक्षरश:)
कश्मीर में तिरगे के उपर रख कर गाय को काटा. अब हिदुस्तानी नेता दुख प्रगट करेंगे सिर्फ दुख. भाई लोगों अगर आपने गाय माता का दूध पिया है तो आपको उस दूध की कसम है इन फोटो को पुरे भारत में फैला कर दूध का कर्ज चुकाओ. और हां सिर्फ कट्टर हिन्दू ही शेयर करेगा.
वायरल दावा.
कई और सोशल मीडिया यूज़र्स ने ऐसे ही दावे शेयर किए. (आर्काइव)
पड़तालकश्मीर से जुड़ा वायरल दावा.
‘दी लल्लनटॉप’ ने वायरल दावे की पड़ताल की. हमारी पड़ताल में वायरल दावा गलत निकला. वायरल दावे में गाय को काटने की तस्वीर पाकिस्तान से है. वायरल हो रही पुलिसवालों की अन्य तस्वीरें भी अलग-अलग जगहों की हैं.
तस्वीर 1
पहली तस्वीर को क्रॉप करके रिवर्स इमेज सर्च की मदद से खोजने पर हमें People’s Daily Online नामक एक वेबसाइट पर यही तस्वीर मिली.
People’s Daily की वेबसाइट पर मिले आर्टिकल का स्क्रीनशॉट
इस वेबसाइट पर 13 जुलाई, 2011 को पब्लिश किये गए आर्टिकल के मुताबिक – (आर्काइव)
यह तस्वीर त्रिपुरा के अगरतला में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस कर्मियों के बीच झड़प के दौरान ली गई थी. हिंसा के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जबकि 30 बुरी तरह ज़ख्मी हो गए थे.
तस्वीर 2
दूसरी तस्वीर को खोजने पर हमें AFP की वेबसाइट पर 23 मार्च, 2015 को पोस्ट की गई ये तस्वीर मिली.
AFP की वेबसाइट पर मिली तस्वीर का स्क्रीनशॉट.
वेबसाइट पर मिली जानकारी के मुताबिक –
प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा (JuD) के कार्यकर्ताओं ने 23 मार्च, 2015 को क्वेटा में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान भारतीय झंडा जलाया था.
वायरल दावे में शेयर हो रही गाय को तिरंगे पर रखकर काटने की तस्वीर से जुड़े कीवर्ड्स से सर्च करने पर हमें india.comकी वेबसाइट पर इस घटना से जुड़ा एक आर्टिकल मिला. आर्टिकल में मौजूद एक ट्वीट में तस्वीर को पाकिस्तान का बनाया गया है, साथ ही कई फैक्ट-चेक संस्थानों ने वायरल तस्वीर को पाकिस्तान का बताया है. आर्टिकल की तारीख से ये साफ है कि तस्वीर अभी की नहीं बल्कि साल 2015 की है. (आर्काइव)
india.com की वेबसाइट पर मिले आर्टिकल का स्क्रीनशॉट.
तस्वीर 3
तीसरी तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च की मदद से खोजने पर हमें Deccan Chronicle की वेबसाइट पर 17 जून, 2014 को पोस्ट किए गए एक आर्टिकल में यही तस्वीर मिली.
Deccan Chronicle की वेबसाइट पर मिली तस्वीर का स्क्रीनशॉट
इस आर्टिकल में मिली जानकारी के मुताबिक – (आर्काइव)
वायरल तस्वीर उत्तर प्रदेश के फ़िरोज़ाबाद की है. दो कांस्टेबलों की अज्ञात लोगों द्वारा हत्या के बाद पूरे इलाके में हिंसा भड़क गई. तस्वीर में घायल दिख रहे शख़्स DIG विजय मीणा हैं.
तस्वीर 4
चौथी तस्वीर में दिख रहे जवान की यूनिफार्म पर जम्मू-कश्मीर पुलिस का बैज देखा जा सकता है. इस तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च की मदद से खोजने पर हमें Deccan Chronicle की वेबसाइट पर 6 जून, 2015 को पोस्ट किये गए एक आर्टिकल में यही तस्वीर मिली.
Deccan Chronicle की वेबसाइट पर मिली तस्वीर का स्क्रीनशॉट.
आर्टिकल में मिली जानकारी के मुताबिक – (आर्काइव)
नतीजाजम्मू-कश्मीर के सिख बहुल क्षेत्र रानीबाग में पुलिस और सिख समुदाय के लोगों में तब हिंसक झड़प शुरू हो गई जब पुलिस द्वारा एक सिख कार्यक्रम के पोस्टर हटा दिए गए थे.
‘दी लल्लनटॉप’ की पड़ताल में वायरल दावा गलत साबित हुआ है. वायरल पोस्ट में शेयर हो रही भारतीय झंडे को जलाने की तस्वीर कश्मीर की नहीं बल्कि पाकिस्तान की है. प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा (JuD) के कार्यकर्ताओं ने 23 मार्च, 2015 को क्वेटा में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान भारतीय झंडा जलाया था. ज़ख्मी पुलिसवालों की तस्वीरें भारत के राज्य त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से हैं. इनका झंडा जलाने की घटना से कोई संबंध नहीं है.
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