जिम कैरी: कॉमेडियन जो अपनी बाकी की ज़िन्दगी दवाइयां खाकर नहीं जीना चाहता था
अदरक जब कूटी जाती है न, तब ही चाय में मज़ा देती है. आज ऐसे ही एक अदरक का बड्डे है!
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फोटो - thelallantop
न्यूमार्केट, ओन्टारियो, कनाडा में पैदा हुआ एक लड़का. तारीख 17 जनवरी 1962. मां का नाम कैथलीन और बाप पर्सी. चार भाई बहनों में सबसे छोटा. मध्यवर्गीय परिवार जो धीरे धीरे सोसायटी की बनाई गरीब की परिभाषा में फिट बैठने लगा. एक वैन में उनका परिवार रह रहा था. उसका बाप एक म्यूज़िशियन था. जिसकी एक छोटी सी नौकरी थी. जो अब हाथ से जा चुकी थी. सब कुछ बिखरा हुआ था. उसके पापा ने कहीं एक छोटी सी नौकरी ढूंढी. गनीमत ये थी कि वो लड़का अब भी स्कूल जा पा रहा था. स्कूल में उसकी टीचर ने उससे एक डील बनाई हुई थी. अगर वो चुप चाप पूरी क्लास भर बैठा रहा तो उसे अंत के पांच मिनट बच्चों के सामने परफॉर्म करने को मिलेगा. वो चुप चाप बैठा रहता. सिर्फ उन पांच मिनटों के लिए. और वो पांच मिनट उसके होते थे. जहां वो जो मन में आता था, बन जाता था. कभी कोई इंसान, कभी जानवर. वो स्कूल इसी के लिए तो जाता था.
जिम कैरी. स्टैंड अप ऐक्ट्स का राजा. कमाल का ऐक्टर. गज़ब की कॉमेडी. स्टैंड अप ऐक्ट्स करने में जिसे परम ख़ुशी मिलती थी. जिसके लिए कॉमेडी ही एकमात्र रास्ता था उन सभी चीज़ों से पीछा छुड़ाने का जो उसे अन्दर ही अन्दर घोंट रही थीं. जिनमें सबसे बड़ा नाम था - डिप्रेशन. वो लड़का जिसे सालों पहले उसके पापा कॉमेडी क्लब में परफॉर्म करने के लिए यक-यक क्लब में ले जाते थे. सबसे पहली बार में उसकी परफॉरमेंस बहुत ही खराब हुई. वो निराश हो गया. 15 साल की उमर में पढ़ाई छोड़ दी. पैसों की कमी थी. एक सफाईवाले का काम पकड़ लिया. अब जीवन में टॉयलेट्स की सफ़ाई और हंसी मज़ाक ही बचा था. इस हंसी मज़ाक को वो बहुत ही सीरियसली लेता था.
मगर फिर फ़ैमिली की आर्थिक हालत कुछ सुधरी तो ये सभी नए घर में शिफ्ट हुए. अब कुछ आराम था. कैरी वापस स्टेज पर आया. इस बार और भी तैयारी के साथ. पॉलिश की हुई. रगड़ी हुई. और यहीं से शुरू हुआ वो जिसने हमें आज भी बांध के रखा हुआ है. पागलपन. जल्दी ही जिम कैरी ओपन माइक से रेगुलर शो करने लगे. ओपन माइक में पैसे नहीं मिलते थे. अब उसे पैसे मिल रहे थे. मज़ाक करने के पैसे. टोरंटो स्टार नाम के एक न्यूज़पेपर ने अपने एडिशन में लिखा - "जिम कैरी एक सितारा है जो धीरे-धीरे जन्म ले रहा है."
जिम को एक कॉमेडियन रॉडनी डेंजरफ़ील्ड ने नोटिस किया. अब कैरी डेंजरफ़ील्ड के शो की शुरुआत करते थे. लास वेगस में. वहां से जल्दी ही हॉलीवुड कैरी का घर बन गया. कैरी कॉमेडी स्टोर में काम करने लगे और 1982 में टीवी पर आने वाले स्टैंड अप शो ऐन इवनिंग ऐट द इम्प्रॉव में दिखने लगे. अगले साल वो एक बहतु बड़े शो द टुनाइट शो में आ गए.
https://www.youtube.com/watch?v=V51KvcaA5c0
जिम कैरी अदरक थे. अदरक जब कूटी जाती है न, तब ही चाय में मज़ा देती है. जिम भी कूटे गए. पूरा बचपन कुटाई में ही गया. अब उसका असर दिख रहा था. अब घर में उस अदरक की महक घूम रही थी. जिम कैरी अब एस वेंच्यूरा : पेट डिटेक्टिव, द मास्क, डम्ब ऐंड डम्बर में आ चुके थे. और अपने आप को स्थापित कर चुके थे. डम्ब ऐंड डम्बर ने दुनिया भर में 27 करोड़ डॉलर कमाए.
मगर कैरी साथ ही अपने डिप्रेशन से भी लड़ रहे थे. उनकी शुरूआती ज़िन्दगी उनके आगे आ रही थी. कैरी कितना भी मज़ाक कर रहे हों, वो डिप्रेशन से घिरे हुए थे. और ये डिप्रेशन सिर्फ कुछ उदास दिन नहीं थे. स्थिति गंभीर थी. उनका इलाज चला. उनकी ये हालत थी कि उन्हें प्रोज़ैक देना पड़ा. प्रोज़ैक एक डिप्रेशन से लड़ने वाली दवा है जिसे बड़े डिप्रेशन के केस में पेशेंट को दिया जाता है.
स्क्रीन पर हंसते और एनर्जी से भरे हुए दिखते थे लेकिन असल जीवन में वो बेहद गुस्से से भरे हुए थे. और ये गुस्सा उनकी परवरिश की वजह से था. शुरूआती दिनों में पैसे का अभाव था. जिसकी वजह से कई चाहतें यूं ही दब गयीं. काम का बोझ सर पर जल्दी आ गया. बचपन बिना दोस्तों के बीता. ये सब कुछ काफी गंदा असर डालता है. कैरी उसे ही झेल रहे थे. साथ ही उन्हें भयानक मूड स्विंग्स होते थे. इसका असर उनकी रिलेशनशिप पर दिखा. मेलिसा वॉमर, लॉरेन हॉली, रेने ज़ेलवेगार, जेनी मेकार्थी से उनके रिलेशनशिप्स टूटे. उनकी गर्लफ्रेंड केथरीओना व्हाइट की दवाइयों के ओवरडोज़ से मौत हो गयी. इस मौत ने कैरी को और भी ज़्यादा तोड़ दिया. अपने डिप्रेशन और बुरा फ़ील करवाने वाली फीलिंग की वजह से स्क्रीन पर आने से पहले कैरी एड्रेनलिन के इंजेक्शन लेने के बाद कैमरा पर आते थे. https://www.youtube.com/watch?v=TKbNVtkKyHY अपनी इस बीमारी के चक्कर में दवाइयों पर आने के बाद उन्होंने डिसाइड किया कि उन्हें ताउम्र ये दवाइयां नहीं खानी हैं. वो कहते हैं, "मैंने सोचा, ज़िन्दगी में ऊंचाइयां हैं और गहराइयां भी. और इन सभी के साथ ज़िन्दगी बहुत खूबसूरत है. मैं अपनी बाकी की ज़िन्दगी दवाइयां खा कर नहीं जीना चाहता था." जिम ने लक्ष्य साधा और इसी की ओर काम करना शुरू किया. उन्हें वक़्त लगा मगर सब कुछ वैसा हुआ जैसा वो चाहते थे. उन्होंने ये स्वीकारना शुरू किया कि वो बीमार हैं और लोगों से इस बारे में बात करनी शुरू की. अब सबसे पहला कदम उठाया जा चुका था. उनके दिल से वो बोझ हट चुका था. उन्होंने ये एक्सेप्ट किया कि ऐसा होता है और ऐसा होना पूरी तरह नॉर्मल है. और इस चीज ने उन्हें सबसे ज़्यादा मदद की. इसके अलावा उन्होंने शराब और किसी भी तरह के ड्रग से दूरी बना ली. यहां तक कि कॉफ़ी से भी. वो कहते हैं कि ज़िन्दगी बहुत खूबसूरत है और मुझे इस अहसास को पाने के लिए किसी बाहरी एलिमेंट की कोई ज़रुरत नहीं. बाकी रही कसर उनकी एक्टिंग ने पूरी कर दी. उनकी ऐक्टिंग कमाल की थी ही. इससे मिलने वाली तालियां उनकी असल दवाई बन गयीं. वो बेहतर काम करते जा रहे थे. साथ ही निभाया हुआ कोई और कैरेक्टर भी उन्हें एक दरवाज़े सा लगता था जिससे वो अपनी डिप्रेशन भरी दुनिया से निकलकर किसी और इंसान की दुनिया में पहुंच सकते थे.