The Lallantop
Advertisement

सपा ने जेल में बंद नाहिद हसन को टिकट देने की क्या वजह बताई है?

कैराना पलायन के लिए नाहिद हसन को जिम्मेदार ठहराकर बीजेपी, सपा को घेर रही है.

Advertisement
Img The Lallantop
इस मुद्दे पर बीजेपी, सपा को घेर रही है ( फोटो आजतक )
21 जनवरी 2022 (Updated: 21 जनवरी 2022, 13:21 IST)
Updated: 21 जनवरी 2022 13:21 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
नाहिद हसन. समाजवादी पार्टी के नेता. फिलहाल जेल में बंद हैं. फिर भी सपा ने उन्हें पश्चिमी यूपी की कैराना विधानसभा सीट से चुनाव उम्मीदवार बनाया है. कैराना में हिंदुओं के पलायन के लिए बीजेपी नाहिद हसन को जिम्मेदार बता रही है. लेकिन सपा उनका बचाव कर रही है. शुक्रवार 21 जनवरी को सपा ने नाहिद हसन के पक्ष में एक ट्वीट किया. इसमें एक डॉक्युमेंट अपलोड किया गया है, जिसमें नाहिद हसन पर चले रहे आपराधिक मामलों का स्टेटस बताया गया है. दस्तावेज में दी गई अन्य जानकारी के आधार पर सपा ने नाहिद हसन को समाजसवी करार देते हुए उन्हें टिकट देने की वजह बताई है. डॉक्युमेंट कहता है,
नाहिद हसन ने कई मानवीय काम किए हैं और कई सामाजिक कामों में भी मदद की है. वो विधायक हैं. उन्होंने बहुत समाज सेवा की है जिसकी वजह से उन्हें इलाके में बहुत सम्मान और लोकप्रियता मिली. नाहिद हसन ने कोरोना के दौर में भी समाज सेवा की. कोरोना काल में उन्होंने गरीबों तक खाना पहुंचाया. नाहिद हसन दूसरे आवेदकों से बेहतर हैं. उनके माता-पिता भी पहले सांसद रह चुके हैं.
दस्तावेज के मुताबिक नाहिद हसन के खिलाफ कई केस दर्ज हैं जिनकी सुनवाई यूपी की अलग-अलग अदालतों में चल रही है. लेकिन किसी भी मामले में ना तो कोई अदालती फैसला आया है, ना ही आरोप तय हुए हैं. बीजेपी का तंज सपा ने जैसे ही ये जानकारी दी बीजेपी ने इस मुद्दे पर उसे घेरना शुरू कर दिया. उत्तर प्रदेश बीजेपी के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया जिसमें तंज करते हुए लिखा है,
कैराना पलायन का मास्टरमाइंड नाहिद हसन 'महापुरुष' है- समाजवादी पार्टी
सपा को दंगाई पसंद है. कैराना पलायन का मास्टरमाइंड, दंगाई नाहिद हसन सबसे बेहतर विकल्प है. सपा मतलब गुंडागर्दी.
दरअसल सुप्रीम कोर्ट के एक निर्देश के तहत सियासी पार्टियों को चुनावी उम्मीदवारों के बैकग्राउंड की जानकारी सार्वजनिक करनी होती है. फरवरी 2020 में दिए गए निर्देश में शीर्ष अदालत ने कहा था कि राजनीतिक दलों को अपने उम्मीदवारों के ख़िलाफ़ दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी अपनी वेबसाइट, समाचार पत्रों और सोशल मीडिया पर देनी चाहिए. ये जानकारी उम्मीदवारों को चुनने के 48 घंटों के भीतर या नामांकन दाखिल करने की पहली तारीख़ से कम से कम दो सप्ताह पहले, या इनमें से जो पहले हो, उस समय तक प्रकाशित की जानी चाहिए. वापस नाहिद हसन पर लौटते हैं जिन्हें गैंगस्टर ऐक्ट के तहत दर्ज मुकदमे में गिरफ्तार कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है. ऐसे में चर्चा है कि नाहिद हसन की जगह उनकी बहन इकरा हसन को टिकट दिए जाने पर विचार किया जा सकता है. फिलहाल इकरा ने शामली की कैराना विधानसभा सीट से निर्दलीय नामांकन दाखिल किया है. उन्होंने अपने भाई के ऊपर लगाए गए सारे आरोपों को राजनीतिक षड्यंत्र करार देते हुए बेबुनियाद बताया है.

thumbnail

Advertisement

election-iconचुनाव यात्रा
और देखे

Advertisement

Advertisement