The Lallantop
Advertisement

UP Election Results: कांग्रेस के जो दो विधायक जीते, वे कौन हैं?

यूपी में किन दो प्रत्याशियों ने कांग्रेस की लाज बचाई है? जानिए

Advertisement
Img The Lallantop
कांग्रेस विधायक अनुराधा मिश्रा मोना और वीरेंद्र चौधरी (फोटो: ट्विटर/फेसबुक)
11 मार्च 2022 (Updated: 11 मार्च 2022, 10:13 IST)
Updated: 11 मार्च 2022 10:13 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस महज दो सीटें ही जीत पाई है. कांग्रेस की आराधना मिश्रा मोना ने प्रतापगढ़ की रामपुर खास सीट पर बीजेपी के नागेश प्रताप सिंह उर्फ छोटे सरकार को 14 हजार 741 वोटों से हराया है. आराधना को कुल 84 हजार 334 वोट मिले, जबकि नागेश प्रताप को 69 हजार 593 वोट मिले. इस सीट पर बसपा के बांकेलाल पटेल महज 4 हजार 914 वोट पाकर तीसरे नंबर पर रहे. प्रमोद तिवारी लगातार नौ बार जीते आराधना मिश्रा कांग्रेस की वर्किंग कमेटी की सदस्य और पूर्व राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी की बेटी हैं. रामपुर खास विधानसभा सीट प्रमोद तिवारी का गढ़ मानी जाती है, वह लगातार नौ बार यहां से विधायक रह चुके हैं. यह सीट 1980 से लगातार कांग्रेस के कब्जे में है और इस जीत के साथ कांग्रेस ने यहां से लगातार 12वीं बार जीत दर्ज की है.
साल 2014 में प्रमोद तिवारी राज्यसभा के लिए चुन लिए गए थे, जिसके बाद यह सीट खाली हुई और इस पर हुए उपचुनाव में उनकी बेटी आराधना मिश्रा जीतीं. इसके बाद साल 2017 के चुनाव में भी वह विजेता घोषित हुईं. तब उन्होंने भाजपा प्रत्याशी नागेश प्रताप सिंह को 17 हजार 651 वोटों से हराया था.
आराधाना मिश्रा मोना (फाइल फोटो: इंडिया टुडे)
आराधाना मिश्रा मोना (फाइल फोटो: इंडिया टुडे)
कांग्रेस का दूसरा विधायक कौन है? यूपी में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतने वाले दूसरे उम्मीदवार वीरेंद्र चौधरी हैं, जिन्होंने महाराजगंज जिले की फरेंदा सीट पर भाजपा के बजरंग बहादुर सिंह को 1 हजार 246 वोटों से हराया है. वीरेंद्र चौधरी को कुल 85 हजार 181 वोट मिले. जबकि बजरंग बहादुर सिंह को 83 हजार 935 वोट मिले. इस सीट पर तीसरे नंबर पर रहे बसपा के ईशू चौरसिया को 21,665 वोट हासिल हुए.
पिछली बार यानी साल 2017 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर बजरंग बहादुर सिंह ने वीरेंद्र चौधरी को मात दी थी. 2017 में वीरेंद्र चौधरी को 73 हजार 958 वोट और बजरंग बहादुर सिंह को 76 हजार 312 वोट मिले थे. तब बजरंग बहादुर लगातार तीसरी बार विजयी हुए थे.
महाराजगंज जिले की फरेंदा सीट पर अगर कांग्रेस का इतिहास देखें तो 2022 में उसे करीब 20 साल बाद इस सीट पर जीत मिली है. इससे पहले साल 2002 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार श्यामनारायण ने इस सीट पर जीत हासिल की थी. इस सीट पर कभी कांग्रेस का दबदबा हुआ करता था, लेकिन पिछले कई सालों से पार्टी यहां हार का सामना कर रही थी.
Virendra Chaudhary Congress
वीरेंद्र चौधरी (फोटो: वीरेंद्र चौधरी/फेसबुक)
यूपी में कांग्रेस का ग्राफ लगातार गिरा 2022 के चुनाव में कांग्रेस को यूपी में महज दो सीटें मिली हैं. उत्तर प्रदेश में पिछले 45 सालों में कांग्रेस का यह सबसे बुरा प्रदर्शन है. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को सात सीटों पर जीत मिली थी. इससे पहले 2012 में कांग्रेस को 28 सीटें, 2007 में 22, 2002 में 25, 1996 में 33, 1991 में 46, 1985 में 269, 1980 में 309 और 1977 में 47 सीटें मिली थीं.
कांग्रेस पार्टी को 1985 के बाद उत्तर प्रदेश के किसी विधानसभा चुनाव में 50 से अधिक सीटें नहीं मिल पाई हैं. इस बार कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की अगुवाई में यूपी का चुनाव लड़ा गया था. उन्होंने 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं' नारे के जरिये महिला वोटों को साधने का एक नया समीकरण तैयार किया था. पार्टी ने 40 फीसदी महिला कैंडिडेट को टिकट भी दिया था, लेकिन परिणामों से लगता है कि कांग्रेस को इसका लाभ नहीं मिल पाया.
इस बार कांग्रेस के वोट बैंक में भी बड़ी गिरावट आई है. पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी को 6.25 फीसदी वोट मिले थे, लेकिन इस बार यह आंकड़ा घटकर 2.33 फीसदी रह गया. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की इस बड़ी हार ने एक बार फिर से उसकी रणनीति पर सवाल खड़ा कर दिया है.

thumbnail

Advertisement