मायावती ने अपने बर्थ-डे पर 53 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया, कहा-हमारी सरकार बन रही है
समाजवादी पार्टी पर भी निशाना साधा.
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बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने 15 जनवरी को अपने बर्थ-डे के मौके पर मीडिया को संबोधित किया. मायावती ने दावा किया कि उनकी पार्टी बीएसपी सत्ता में वापसी कर रही है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में बसपा की सरकार बनेगी. मायावती ने कहा,
आगामी विधानसभा चुनाव में जनता हमारी पार्टी को फिर से सत्ता में जरूर लेकर आएगी और मैं भी उन्हें विश्वास दिलाना चाहती हूं कि इस बार सत्ता में आने के बाद हमारी पार्टी अपने पूर्व के रहे शासनकाल की तरह ही फिर से यहां सभी मामले में सरकार चलाएगीइसके साथ ही मायावती ने पश्चिमी यूपी की 58 विधानसभा सीटों में से 53 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान भी किया. मायावती ने कहा,
हमने विधानसभा की 58 सीटों में से 53 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम को फाइनल कर लिया है और शेष 5 सीटों पर भी उम्मीदवारों के नाम एक या दो दिन में फाइनल हो जाएगा.लिस्ट आप यहां देख सकते हैं. मायावती ने और क्या कहा? मायावती ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में केंद्र और राज्य की सरकारों ने साम-दाम-दंड भेद की नीति के जरिए बीएसपी की मुहिम कमजोर करने की कोशिश की है.लेकिन उन्हें सफलता हाथ नहीं लगी है. उन्होंने कहा कि उनके बारे में ये कहा जा रहा है कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगी, जबकि हमारे संविधान में प्रावधान है कि विधान परिषद या राज्यसभा का सदस्य बनकर भी कोई सीएम या पीएम बन सकता है. मायावती ने कहा कि वे लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों की सदस्य रह चुकी हैं.
बसपा सुप्रीमो ने अपने भतीजे आकाश आनंद और बीएसपी महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा के बेटे कपिल मिश्रा का भी नाम लिया.मायावती ने कहा कि आकाश आनंद के चुनाव लड़ने की बात होती है. अभी वह धीरे धीरे आगे बढ़ रहा है. उचित समय पर सबको सीधा मौका दिया जाएगा. मायावती ने कहा कि मेरा खुद का कोई निजी परिवार नहीं है. मेरा परिवार पूरा प्रदेश है. उन्होंने आगे कहा कि मीडिया में गलत तरीके से हम लोगों को प्रोजेक्ट किया जाता है. मायावती ने कहा कि अगर बीजेपी इसी तरह प्रोपगैंडा फैलाती रही तो आकाश आनंद को आगे बढ़ाएंगी. मायावती ने कहा कि कपिल मिश्रा भी इस समय सामने आकर युवाओं को आगे ला रहे हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मायावती ने कहा कि चुनावों के समय दल बदलने वाले नेताओं पर सख्ती के साथ नियम बनाने की जरूरत है. उन्होंने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी ने सिर्फ यादवों का ध्यान रखा है, जबकि बीएसपी ने दलितों के साथ-साथ यादव, मुसलमानों, अगड़ी और पिछड़ी सभी जातियों का ध्यान रखा. अल्पसंख्यकों को साधते हुए मायावती ने कहा कि समाजवादी पार्टी के पहली सूची में मुसलमान समाज की अनदेखी की गई है, जबकि बसपा की सूची में मुसलमानों का पूरा ध्यान रखा गया है.