दलित-पिछड़ों के सम्मान का हवाला देकर अब सपा के पार्षद ने इस्तीफा दे दिया
वहीं सपा ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पार्षद को निष्कासित कर दिया है.
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चुनावी माहौल के बीच उत्तर प्रदेश में नेताओं के एक पार्टी से दूसरी पार्टी में जाने का सिलसिला जारी है. बीते तीन दिनों से सत्तारूढ़ बीजेपी के कई विधायक और मंत्री पार्टी का दामन छोड़ समाजवादी पार्टी की साइकिल पर सवार हो गए. अब एक पार्षद ने अपनी पार्टी छोड़ दूसरी पार्टी पकड़ ली है. लेकिन इस बार नेता बीजेपी के नहीं, सपा के हैं. नाम है घनश्याम सिंह लोधी. शुक्रवार 14 जनवरी की शाम उनका एक लेटर वायरल हुआ. इसमें लिखा था,
अवगत कराना है कि समाजवादी पार्टी की पिछड़ा व दलित समाज की उपेक्षा के कारण मैं समाजवादी पार्टी की सदस्यता से इस्तीफ़ा देता हूं. पार्टी में पिछड़े और दलित समाज को उच्च सम्मान न मिलने से मेरे हृदय को दुख हुआ है जिस कारण मैं अपना इस्तीफ़ा आपको भेज रहा हूं.
घनश्याम सिंह लोधी का इस्तीफा.
एक खबर ये भी है कि सपा ने खुद ही घनश्याम सिंह लोधी को निष्कासित कर दिया है. पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप के चलते सपा के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र गोयल ने घनश्याम सिंह लोधी को बाहर का रास्ता दिखाया है. बताया गया है कि निष्कासन के कुछ देर बाद ही घनश्याम सिंह लोधी का इस्तीफ़ा सामने आया. उनके निष्कासन पत्र में लिखा है,
इस प्रकार की सूचनाएं काफ़ी समय से प्राप्त हो रही हैं कि श्री घनश्याम सिंह लोधी (MLC) समाजवादी पार्टी की नीतियों एवं निर्णयों के विरुद्ध कार्य कर रहे हैं. और पार्टी के हित के ख़िलाफ़ गतिविधियों में लिप्त रह कर पार्टी को नुक़सान पहुंचा रहे हैं. अतः लगातार पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने के कारण श्री घनश्याम सिंह लोधी को तत्काल प्रभाव से समाजवादी पार्टी से निष्कासित किया जाता है.
MLC from Rampur Ghanshyam Singh Lodhi expelled by SP for anti-party activities. In his resignation letter, he accuses the SP of being anti-OBC and anti-Dalit. pic.twitter.com/WquxB7hBhc
— Omar Rashid (@omar7rashid) January 14, 2022
वहीं इस्तीफा सौंपने के पीछे लोधी ने आरोप लगाया कि पार्टी में पिछड़े और दलितों को अपेक्षित सम्मान नहीं मिल रहा है, जिसके चलते वे दुखी हैं. और इस वजह से पार्टी छोड़ना चाहते हैं. अब वो आगे किस पार्टी में जाने वाले हैं, इसकी फिलहाल कोई जानकारी नहीं है.
इससे पहले 14 जनवरी को स्वामी प्रसाद मौर्य अपने समर्थक विधायकों के साथ समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए. शामिल होते ही उन्होंने भाजपा पर जमकर हमला बोला. स्वामी मौर्य ने कहा कि 14 जनवरी मकर संक्रांति का दिन भाजपा के अंत का इतिहास लिखने जा रहा है.