The Lallantop
Advertisement

मुख्तार अंसारी: पूर्वांचल का सबसे बड़ा बाहुबली नेता, जिसे समर्थक 'रॉबिनहुड' कहते हैं

मुख्तार अंसारी सुभासपा के टिकट पर जेल से लड़ेंगे चुनाव.

Advertisement
Img The Lallantop
जेल से लड़ेंगे चुनाव (फोटो- इंडिया टुडे)
10 फ़रवरी 2022 (Updated: 10 फ़रवरी 2022, 10:46 IST)
Updated: 10 फ़रवरी 2022 10:46 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
पूर्वांचल की सियासत की बात हो और बाहुबलियों का जिक्र न हो, ऐसा हो नहीं सकता. मुख्तार अंसारी ऐसे ही एक बाहुबली नेता हैं. काफी समय से जेल में बंद हैं. यूपी के मऊ से कई बार विधायक रहे मुख्तार अंसारी एक बार इसी सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं. ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) ने उन्हें मऊ सदर सीट से प्रत्याशी घोषित किया है. साल 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल का बसपा में विलय कर दिया गया था. अब दोनों के रास्ते अलग हो चुके हैं.

ठेकेदारी से शुरू हुआ अपराध का सफर

मुख्तार अंसारी का जन्म 1963 में यूपी के गाजीपुर जिले में हुआ. उनके दादा मुख्तार अहमद अंसारी कांग्रेस के अध्यक्ष रहे. पिता सुभानुल्लाह अंसारी एक कम्युनिस्ट नेता थे. शुरुआती पढ़ाई के बाद मुख़्तार अंसारी ने कॉलेज पहुंचे. उस समय यूपी में ठेकेदारी का बोलबाला था. रेलवे, सड़क निर्माण, शराब सब जगह ठेकेदारी चलती थी. और उसी ठेकेदार की चलती थी जिसके पास ताकत होती थी. उस समय ठेकेदारी के कल्चर में पूर्वांचल का ठाकुर-भूमिहार खेमा ज़्यादा सक्रिय था.
Mukhtar Ansari
मुख़्तार अंसारी. (पुरानी तस्वीर)

90 का दशक आते-आते मुख्तार ने जमीन कब्जाने के लिए अपना गैंग शुरू किया. उनके सामने सबसे बड़े दुश्मन की तरह खड़े थे बृजेश सिंह. यहीं से मुख्तार और बृजेश के बीच गैंगवार शुरू हुई. ठेकेदारी का कल्चर परवान चढ़ रहा था और बृजेश सिंह टक्कर में थे. 1988 में पहली बार हत्या के एक मामले में मुख्तार का नाम आया था. हालांकि पुलिस उनके खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं जुटा पाई. लेकिन इस मामले की वजह से मुख्तार चर्चाओं में आ गए.
साल 1991 में मुख़्तार और बृजेश के बीच संबंधों में निर्णायक मोड़ आया जब अवधेश राय की हत्या हो गई. वो बनारस की पिंडरा सीट से विधायक रह चुके और नरेंद्र मोदी के खिलाफ़ दो लोकसभा चुनाव हार चुके अजय राय के बड़े भाई थे. अवधेश बृजेश सिंह के क़रीबी माने जाते थे. उनकी हत्या में मुख़्तार गैंग का नाम आया तो तल्ख़ी बढ़ गई. इसके बाद दोनों ही ओर से गैंगवार की घटनाएं सामने आने लगीं. कभी छोटी गोलीबारी की वारदात होती जिसमें एकाध गुर्गे ढेर होते, तो कभी बड़े हमले किए जाते जिनमें 3-4 गुर्गे मारे जाते.
साल 1995 में बीएचयू की स्टूडेंट यूनियन के जरिये मुख़्तार अंसारी ने राजनीति में एंट्री ली. अगले ही साल उनके नाम के आगे विधायक लिखा गया. उसके बाद तो मुख़्तार की ताकत और बढ़ गई.पुलिस भी उन पर हाथ डालने से कतराने लगी.
राजनीति में आने और विधायक बनने के बाद मुख्तार ने बृजेश सिंह की सत्ता को हिलाना शुरू किया. 2002 आते-आते इन दोनों के गैंग के बीच एक दफा गोलीबारी हुई थी. इसमें मुख्तार के तीन लोग मारे गए. खबर आई कि बृजेश सिंह इस हमले में घायल हो गया. उसके मारे जाने की भी अफवाह उड़ी. इसके बाद बाहुबली मुख्तार अंसारी पूर्वांचल में अकेले गैंग लीडर बनकर उभरे.
कुछ साल आगे बढ़ते हैं. साल 2009. लोकसभा चुनाव आए. मुख़्तार ने बनारस लोकसभा से पर्चा भरा. सामने थे भाजपा के मुरली मनोहर जोशी. वो जीत तो गए. लेकिन मुख़्तार पर महज़ 17 हज़ार वोटों के अंतर ने बीजेपी के इस बड़े नेता की जीत का रंग फीका कर दिया था. फिर 2012 का विधानसभा चुनाव आया. मुख़्तार ने मऊ विधानसभा जीत ली. इसके पहले इसी सीट पर उन्होंने 2002 और 2007 में निर्दलीय जीत दर्ज की थी.
2012 की विधानसभा जीत से उत्साहित मुख्तार अंसारी ने 2014 में कहा कि नरेंद्र मोदी के खिलाफ़ लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. बनारस से. सामने कांग्रेस के अजय राय थे, जिनके भाई अवधेश की हत्या में मुख़्तार का नाम सामने आया था. गहरी अदावत थी. कुछ ही दिनों में मुख़्तार ने ऐलान किया कि सेकूलर वोटों का बंटवारा ना हो, इसलिए वो अपना नाम वापस ले रहे हैं. तीन साल बाद 2017 में मुख़्तार अंसारी ने मऊ विधानसभा हथिया ली.
बाहबली राजनेता मुख्तार अंसारी.
बाहबली राजनेता मुख्तार अंसारी.

2019 में पंजाब में मुख़्तार पर एक एफ़आईआर दर्ज हुई. पंजाब पुलिस को उनकी तलाश थी. लिहाजा पंजाब पुलिस बांदा जेल पहुंची और वहां के अधिकारियों ने मुख्तार को पंजाब पुलिस को सौंप दिया. बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अप्रैल 2021 में अंसारी को फिर यूपी की बांदा जेल में ले जाया गया. जेल में रहते हुए ही अंसारी एक बार फिर अपने अभेद्य दुर्ग मऊ से चुनाव लड़ने जा रहे हैं.

समर्थक मानते हैं पूर्वांचल का 'रॉबिनहुड'

40 से ज्यादा मुकदमे सिर पर लिए ये बाहुबली नेता सालों से जेल में बंद है. लेकिन पूर्वांचल की राजनति में उसका सिक्का लगातार कायम है. उसके समर्थक कहते हैं कि ये 'रॉबिनहुड' अगर अमीरों से लूटता है, तो गरीबों में बांटता भी है. उनके इलाके के लोग कहते हैं बतौर विधायक मुख्तार अंसारी ने अपने इलाके में काफी काम किया है. सड़कों, पुलों, अस्पतालों और स्कूल-कॉलेजों पर उनका काम दिखता है. इस बार के चुनाव से पता चलेगा कि मऊ की सियासत में मुख्तार अंसारी का नाम आज भी जिंदा है या उनकी जमीन खत्म हो चुकी है.

thumbnail

Advertisement