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इस सीट पर जिसने तोड़ा था BJP का 'किला', उसी ने दोबारा जीत दिलाई

इलाहाबाद दक्षिण सीट बीजेपी का गढ़ रही है.

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जीत के बाद जश्न मनाते मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी (फोटो- ट्विटर/@NandiGuptaBJP)
11 मार्च 2022 (Updated: 11 मार्च 2022, 09:44 IST)
Updated: 11 मार्च 2022 09:44 IST
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उत्तर प्रदेश चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) 255 सीटों पर जीत हासिल कर दोबारा सरकार बनाने जा रही है. चुनाव में बीजेपी के कई मंत्री अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे हैं. प्रयागराज की इलाहाबाद दक्षिण विधानसभा भी हाई प्रोफाइल सीटों में गिनी जाती है. यहां से मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी लगातार दूसरी बार जीतने में कामयाब रहे. उन्होंने सपा के रईस चंद्र शुक्ला को 26,182 वोटों से हरा दिया. अधिकतर सीटों की तरह यहां भी दोपक्षीय मुकाबला रहा है. नंदी को कुल 97,864 वोट मिले. वहीं इस सीट पर बसपा और कांग्रेस मुकाबले में काफी दूर नजर आईं. नंद गोपाल नंदी को चुनाव में कुल 54.15 फीसदी वोट मिले. सपा उम्मीदवार को 39.66 फीसदी वोटों से संतोष करना पड़ा. वहीं कांग्रेस की अल्पना निषाद महज 1.16 फीसदी और बसपा के देवेंद्र मिश्रा नागरहा को 2.33 फीसदी वोट मिले. जीत के बाद नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने अपने क्षेत्र में जुलूस निकालकर लोगों को धन्यवाद दिया. उन्होंने ट्विटर पर लिखा,
"प्रयागराज शहर दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र के एक- एक देवतुल्य कार्यकर्ताओं और मतदाताओं का मैं बारंबार शुक्रिया अदा करता हूं. सौ-सौ बार धन्यवाद करता हूं. जिन्होंने इस बार 98,000 (97,864 वोट मिले) से ज्यादा वोट देकर फिर से मुझे विधायक चुना. इस जीत के लिए माननीय मुख्यमंत्री जी को भी प्रणाम है."
जब नंदी ने बीजेपी के विजयरथ को रोका था नंद गोपाल गुप्ता नंदी योगी सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण, सिविल एविएशन मंत्री हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने 28,587 वोटों से जीत हासिल की थी. तब नंद गोपाल गुप्ता ने सपा के हाजी परवेज अहमद तांकी को हराया था. इलाहाबाद दक्षिण विधानसभा सीट कभी बीजेपी का गढ़ थी. साल 1989 से लेकर 2002 तक बीजेपी के कद्दावर नेता केसरीनाथ त्रिपाठी लगातार इस सीट से जीतते रहे. मौजूदा विधायक नंदगोपाल गुप्ता इससे पहले बसपा में थे. उन्होंने ही 2007 में इस सीट पर बीजेपी के बढ़ते विजयरथ को रोका था. हालांकि साल 2012 में सपा के हाजी परवेज ने कड़ी टक्कर में बसपा के टिकट पर लड़ रहे नंद गोपाल गुप्ता को मात दी थी. उन्हें सिर्फ 414 वोटों से जीत मिली थी. पत्नी इलाहाबाद की मेयर 2012 में हार के बाद नंदी ने कांग्रेस का भी दामन थामा था. 2014 लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर इलाहाबाद सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए. इसके बाद 2017 विधानसभा चुनाव से कुछ समय पहले वे बीजेपी के खेमे में पहुंच गए. चुनाव आयोग के पास दाखिल हलफनामे के मुताबिक, उनके खिलाफ सात आपराधिक मामले दर्ज हैं. उनकी पत्नी अभिलाषा गुप्ता इलाहाबाद नगर निगम की मेयर हैं. पूरे प्रयागराज में बेरोजगारी और नौकरी की भर्तियों में देरी एक बड़ा मुद्दा है. यही मुद्दा इलाहाबाद दक्षिण सीट पर भी चुनाव के दौरान हावी रहा. हालांकि मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नौकरी के बड़े मुद्दे को नकारते रहे. उनका कहना था कि सिर्फ समाजवादी पार्टी के लोग बेरोजगार हैं. नौकरी के अलावा यहां के लोगों ने महंगाई को भी एक बड़ा मुद्दा बताया था. इलाहाबाद दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में चार लाख से अधिक मतदाता हैं. जातिगत समीकरण को देखें तो इस क्षेत्र में वैश्य, ब्राह्मण और दलित आबादी करीब 10-10 फीसदी है. वहीं मुस्लिम मतदाताओं की संख्या करीब 20 फीसदी है. इसके अलावा ठाकुर, यादव और कायस्थ मतदाताओं की भी जीत-हार में काफी अहम भूमिका रही है.

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