'हमारे वोटर्स जंगल राज के डर से...', प्रशांत किशोर की पार्टी ने अपनी बुरी हार की ये वजह बताई
Jansuraj Party के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया कि काफी मेहनत के बावजूद उनका मैसेज लोगों तक असरदार तरीके से नहीं पहुंचा और उन्हें समर्थन नहीं मिला. उन्होंने NDA के ऊपर वोट खरीदने का भी आरोप लगाया.

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) की जन सुराज पार्टी, बिहार विधानसभा चुनाव में अपना खाता नहीं खोल पाई. हार के बाद पार्टी ने माना कि बिहार के सामने एक नया विकल्प पेश करने का उनका नजरिया वोटर्स को रास नहीं आया. पार्टी ने चुनावी नतीजों पर चर्चा की और NDA के ऊपर वोट खरीदने का भी आरोप लगाया.
इंडियन एक्सप्रेस से जुड़े हिमांशु हर्ष की रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार, 15 नवंबर को जनसुराज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने माना कि काफी मेहनत के बावजूद उनका राजनीतिक संदेश लोगों तक असरदार तरीके से नहीं पहुंच सका और उन्हें समर्थन नहीं मिला. उदय सिंह ने कहा,
हम नतीजों से बेहद निराश हैं, लेकिन हताश नहीं हैं. यह साफ है कि हमारा मैसेज वोटर्स तक उस तरह नहीं पहुंचा जैसा हम चाहते थे. हम बिहार में एक नई तरह की राजनीति लाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन लोगों को हमारा विजन समझ नहीं आया. हम भी असरदार ढंग से बातचीत करने में नाकाम रहे.
चुनाव नतीजों पर टिप्पणी करते हुए उदय सिंह ने कहा कि उन्होंने अपने प्रचार अभियान के दौरान शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य से जुड़े जो मुद्दे उठाए थे, उन पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने भी ध्यान दिया. आगे कहा, “हम इस बात पर कड़ी नजर रखेंगे कि आगे चलकर इन मुद्दों से कैसे निपटा जाता है.”
पार्टी अध्यक्ष ने दोहराया,
बिहार में राजनीतिक सुधार का हमारा मिशन जारी है. हम सरकार की कमियों को उजागर करते रहेंगे और भले ही हम अभी विधानसभा में नहीं हैं, फिर भी जनता की नजर में हम एक मजबूत विपक्ष बने रहेंगे.
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‘NDA को वोट दे दिया…’उदय सिंह ने चुनावी नतीजों पर चर्चा की और वोट शिफ्ट को लेकर अपना आकलन पेश किया. उन्होंने कहा,
मेरा मानना है कि हमारे खराब प्रदर्शन की एक खास वजह यह है कि चुनाव प्रचार के आखिर में, मतदाताओं को लगा कि अगर उन्होंने जन सुराज के लिए वोट दिया, तो वे अनजाने में RJD को सत्ता में वापस लाने में मदद कर सकते हैं. इसलिए, उन्होंने अपना वोट NDA को दे दिया.
आगे उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि NDA को मिला बहुमत खरीदा हुआ था. उन्होंने दावा किया कि बिहार में पहली बार किसी राज्य सरकार ने वोट खरीदने के लिए जनता का 40,000 करोड़ रुपये खर्च किया है.
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