सीटों की लड़ाई, गठबंधन पर बन आई! NDA और महागठबंधन दोनों में मचा है घमासान
Bihar Election: एनडीए में JDU, LJP और RLM के बीच सीटों की दावेदारी को लेकर पेंच फंसा हुआ है. वहीं महागठबंधन में कांग्रेस और राजद के बीच सीटों की संख्या को लेकर तकरार बढ़ती जा रही है. कुल मिलाकर दोनों ही गठबंधन सियासी लड़ाई की आपसी खींचतान से जूझ रहे हैं.

बिहार की सियासी लड़ाई इतनी जटिल है कि गठबंधन को साथ लेकर चलने में राजनीतिक पार्टियों के पसीने छूट रहे हैं. NDA हो या महागठबंधन, दोनों ही ओर टिकटों को लेकर घमासान मचा हुआ है. महागठबंधन में तो अब तक सीट शेयरिंग फॉर्मूला भी तय नहीं हो पाया है. वहीं NDA ने फॉर्मूला तय किया तो बगावती सुर आने शुरू हुए थे. अब टिकट बांटने की बारी आई तो आपसी खींचतान खुलकर सामने आ गई.
एनडीए में सीट बंटवारे का हालएनडीए में शामिल सभी पार्टियों के बीच आपस में किसी न किसी सीट को लेकर मतभेद हैं. आजतक से जुड़े शशि भूषण की रिपोर्ट के मुताबिक जेडीयू ने अपने कोटे के सीटें चिराग के खाते में दिए जाने पर एतराज जताया है. जेडीयू सोनबरसा, राजगीर, एकमा और मोरवा सीट देने की तैयार नहीं थी. लेकिन चिराग पासवान ने इन सभी सीटों पर अपने उम्मीदवारों को सिंबल दे दिया. भाजपा ने चिराग के साथ कई दौर की बातचीत की, लेकिन ये सीटें जेडीयू को देने के लिए राजी नहीं कर पाई. जेडीयू ने अपने दावे वाली केवल दो सीटें छोड़ी हैं- तारापुर और तेघड़ा. दोनों सीटें भाजपा के खाते में गई हैं. तारापुर से भाजपा ने डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को उम्मीदवार बनाया है. तारापुर के बदले जेडीयू ने भाजपा से कहलगांव की सीट ली है.
वहीं चिराग पासवान को 29 सीटें तो मिल गईं, लेकिन उनके कई हॉट सीटें उनके हाथ से निकल गईं. भाजपा ने अपनी प्रमुख सीटें चिराग को नहीं दीं. चिराग भाजपा से दानापुर, लालगंज, हिसुआ और अरवल सीट चाहते थे, लेकिन बीजेपी ने इन सीटों पर अपना उम्मीदवार घोषित किया. हालांकि दो सीटें भाजपा ने चिराग को अपने हिस्से से दी हैं. ये सीटें हैं गोविंदगंज और ब्रह्मपुर. इधर उपेंद्र कुशवाहा अलग नाराज चल रहे हैं. जानकारी के मुताबिक उपेंद्र कुशवाहा अपने कोटे की महुआ सीट चिराग को दिए जाने से नाराज चल रहे हैं. इसके बाद उन्होंने अपने सभी उम्मीदवारों का सिंबल रोक दिया है.
उपेंद्र कुशवाहा को मनाने में जुटी भाजपाअब भाजपा के सीनियर नेता उपेंद्र कुशवाहा को मनाने में जुट गए हैं. बताया जा रहा है कि रात भर भाजपा नेताओं ने उपेंद्र कुशवाहा को मनाने की कोशिश की. इसके लिए मंगलवार, 14 अक्टूबर की रात को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, मंत्री नितिन नवीन और भाजपा नेता ऋतुराज सिन्हा उनसे मिलने पहुंचे. यह मीटिंग सुबह चार बजे तक चली. हालांकि इससे भी उनकी नाराजगी दूर नहीं हुई. अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें मिलने के लिए दिल्ली बुलाया है. उपेंद्र कुशवाहा नित्यानंद राय के साथ दिल्ली जाएंगे. दिल्ली में मुलाकात के कारण उन्होंने अपनी पार्टी की इमरजेंसी बैठक को स्थगित कर दिया है.
इधर, एनडीए में शामिल दलों ने उम्मीदवारों को टिकट देना भी शुरू कर दिया है. भाजपा ने मंगलवार को अपने 71 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की. इन्हें रात में सिंबल दिए गए. वहीं जेडीयू ने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी किए बगैर 70 से ज्यादा कैंडिडेट को सिंबल दिया है. हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतनराम मांझी ने अपने सभी 6 उम्मीदवारों को सिंबल दे दिया है. चिराग पासवान ने भी कई सीटों पर अपने उम्मीदवारों को सिंबल दिया है.
महागठबंधन में भी नहीं बन पा रही बातमहागठबंधन में शामिल दल अभी तक सीट बंटवारे के फॉर्मूले पर भी एकमत नहीं हो पाए हैं. राजद और कांग्रेस अलग-अलग फॉर्मूला अपनाना चाहते हैं. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस 60 से ज्यादा सीटों की मांग पर अड़ी हुई है. वह 65 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है. लेकिन राजद ने कांग्रेस के लिए 58 सीटों की लिमिट तय की है. इससे सीटों की संख्या को लेकर कांग्रेस और राजद के बीच जबरदस्त तकरार चल रही है. कांग्रेस ने राजद को 138 सीट देने का फॉर्मूला रखा है. वहीं बाकी बची 40 सीटों में वाम दलों को वीआईपी को एडजस्ट करने को कहा है.
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सीट बंटवारे पर औपचारिक ऐलान न हो पाने के बावजूद महागठबंधन में शामिल दलों ने उम्मीदवारों को सिंबल जारी करना शुरू कर दिया है. राजद ने अब तक कुल 71 उम्मीदवारों को सिंबल जारी कर दिया है. वहीं भाकपा माले ने 18 सीटों पर उम्मीदवारों को सिंबल दे दिया है. सीपीआई ने भी 6 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है. 4 अन्य सीटों पर सहमति के बाद उम्मीदवार उतारने का दावा किया है. सीपीएम के भी एक उम्मीदवार ने नामांकन कर दिया है. 16 अक्टूबर को दूसरे उम्मीदवार भी दाखिल करेंगे. इधर, मुकेश सहनी अपनी पार्टी की सीटों की संख्या लगातार कम होते देख बेचैनी में हैं. आरजेडी ने वीआईपी को अब तक 12 सीटों पर सहमति दी है. महागठबंधन में अबतक के हालात बताते हैं कि सीट शेयरिंग का मामला जल्द नहीं सुलझा तो कुछ सीटों पर घटक दलों के बीच फ्रेंडली फाइट की स्थिति बनेगी.
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