'अनंत सिंह ने पहले दुलारचंद को मारी गोली, फिर थार से रौंदा... ', मोकामा मर्डर केस की FIR सामने आई
Mokama Murder Case: मामले में दर्ज FIR में कहा गया है कि 30 अक्टूबर को JDU और जन सुराज पार्टी के समर्थकों के बीच झड़प हुई थी. इसी दौरान Anant Singh ने कथित तौर पर Dularchand Yadav को गोली मार दी.
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बिहार के मोकामा में हुए दुलारचंद यादव हत्याकांड (Mokama Murder Case) में बड़ा खुलासा हुआ है. मामले में दर्ज FIR में कहा गया है कि 30 अक्टूबर को जेडीयू और जन सुराज पार्टी के समर्थकों के बीच झड़प हुई थी. इसी दौरान अनंत सिंह ने कथित तौर पर दुलारचंद यादव को गोली मार दी. इसके बाद कुछ लोगों ने उनकी पिटाई की और फिर उन्हें एक थार SUV से कुचल दिया. दुलारचंद की हत्या उस वक्त की गई, जब वो जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार के लिए प्रचार कर रहे थे.
पटना पुलिस ने शनिवार, 1 नवंबर देर रात अनंत सिंह को उनके दो साथियों मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम के साथ गिरफ्तार कर लिया. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, SSP कार्तिकेय के. शर्मा ने बताया कि CCTV फुटेज, गवाहों के बयानों और पोस्टमार्टम रिपोर्ट की जांच के बाद ये गिरफ्तारियां की गईं. SSP ने कहा,
सबूतों के आधार पर, यह पाया गया है कि हिंसा के वक्त JDU उम्मीदवार अनंत सिंह मौके पर मौजूद थे. उनकी पहचान मुख्य आरोपी के तौर पर की गई है और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है.
SSP ने बताया कि घटनास्थल पर अनंत सिंह के साथ दो लोग और मौजूद थे, जिन्हें देर रात करीब 11.50 बजे गिरफ्तार कर लिया गया.
FIR में क्या बताया गया?गुरुवार, 30 अक्टूबर की बात है. दुलारचंद, पीयूष प्रियदर्शी के काफिले के साथ प्रचार कर रहे थे. मोकामा टाल में अनंत सिंह भी अपने दल-बल के साथ वोट मांगने निकले थे. विधानसभा क्षेत्र के तारतर गांव में दोनों के काफिलों का आमना-सामना हो गया. अनंत सिंह के समर्थक और दुलारचंद के बीच झड़प हो गई. इसी दौरान दुलारचंद की मौत हो गई. दुलारचंद के परिवार ने मामले में अनंत सिंह के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है.
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि अनंत सिंह अपने कई साथियों के साथ उनकी गाड़ी के पास आए और दुलारचंद को गालियां देने लगे. जब उन्होंने विरोध किया, तो नदवा गांव के रहने वाले राजवीर सिंह और कर्मवीर सिंह नाम के दो लोगों ने उन्हें जबरन गाड़ी से बाहर खींच लिया.
'अनंत सिंह ने मारी गोली'FIR में आरोप लगाया गया है कि इसके बाद अनंत सिंह ने अपनी कमर से पिस्तौल निकाली और दुलारचंद पर ‘जान से मारने की नीयत से’ गोली चला दी, जिससे उनके बाएं टखने में गोली लग गई. दुलारचंद के जमीन पर गिरते ही, बाढ़ इलाके के छोटन सिंह और संजय सिंह नाम के दो लोगों ने कथित तौर पर उन पर लोहे की रॉड से हमला कर दिया, जिससे उनके पैर, पीठ और सिर पर चोट आई.
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शिकायत में आगे कहा गया है कि इसके बाद, अनंत सिंह के समर्थकों ने उन्हें थार SUV से दो-तीन बार कुचला और फिर भाग गए. 31 अक्टूबर को दुलारचंद का पोस्टमार्टम कराया गया. रिपोर्ट के मुताबिक, दुलारचंद की मौत गोली लगने से नहीं, बल्कि फेफड़ा फटने और सीने की पसलियां टूटने से हुई.
SSP कार्तिकेय के. शर्मा ने कहा कि आगे की जांच के लिए एक टीम बनाई गई है और इस वारदात में शामिल अन्य लोगों का पता लगाने के लिए छापेमारी की जा रही है. गिरफ्तार किए गए तीनों लोगों को अदालत में पेश किया जाएगा और पुलिस आगे की जांच के लिए रिमांड की मांग करेगी.
वीडियो: ग्राउंड रिपोर्ट: दुलारचंद यादव हत्याकांड पर क्या बोले मोकामा के लोग?


