उत्तर प्रदेश में जबरन रिटायर किए जा सकते हैं सरकारी कर्मचारी, मुख्य सचिव की ओर से आदेश जारी
मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने सभी विभागों को 50 साल से अधिक उम्र के कर्मचारियों की स्क्रीनिंग करने का आदेश दिया है.
उत्तर प्रदेश सरकार, 50 साल से अधिक उम्र के कर्मचारियों को ‘जबरन रिटायरमेंट’ दे सकती है. इसके संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा की ओर से एक आदेश जारी किया गया है. आदेश में सभी विभागों से कहा गया है कि वे 50 साल से अधिक उम्र के कर्मचारियों की स्क्रीनिंग करें. उम्र की गिनती 1 मार्च 2022 से होगी. यानी कि 1 मार्च 2022 तक राज्य सरकार के जो कर्मचारी 50 साल या इससे अधिक की उम्र के होंगे उनकी स्क्रीनिंग की जाएगी.
आदेश में क्या लिखामुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की ओर से सभी विभागों को जारी आदेश में कहा गया है कि 31 जुलाई 2022 तक स्क्रीनिंग की कार्यवाही पूरी कर ली जाए. साथ ही आदेश में ये भी कहा गया कि स्क्रीनिंग के बाद जिस कर्मचारी को एक बार सेवा में रखने का निर्णय ले लिया गया है उसकी बार-बार स्क्रीनिंग नहीं होगी. ऐसे कर्मचारी को उसकी सेवानिवृत्ति की अवधि तक सेवा में रखा जाएगा. हालांकि अगर कर्मचारी के संबंध में कोई महत्वपूर्ण तथ्य नियुक्ति अधिकारी के संज्ञान में आती है तो वो किसी भी समय नियम-56 के तहत ऐसे कर्मचारी को रिटायर कर सकते हैं.
लेटर में कहा गया है कि नियुक्ति प्राधिकारी, 50 साल की उम्र पूरी कर चुके किसी सरकारी सेवक को (चाहे वह अस्थायी हो या स्थायी) नोटिस देकर किसी भी समय, बिना कोई कारण बताए उसके रिटायर हो जाने की अपेक्षा कर सकता है. ऐसे नोटिस की अवधि तीन महीने की होगी. इसके लिए एक स्क्रीनिंग कमेटी बनाई जाएगी
मुख्य सचिव को मिला है रिटायरमेंट के बाद एक्सटेंशनउत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा 1984 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. 31 दिसंबर 2021 को उनकी सेवा समाप्त होने वाली थी. लेकिन रिटायरमेंट से दो दिन पहले उनकी नियुक्ति मुख्य सचिव के पद पर कर दी गई थी. साथ ही उन्हें एक साल का सेवा विस्तार भी दे दिया गया था.