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गूगल-अडानी के बाद अंबानी-ज़करबर्ग की जुगलबंदी, 855 करोड़ की कंपनी में क्या बनाएंगे?

अगस्त 2025 में Reliance Industries की 48वीं सालाना आम बैठक हुई थी. इसी में Mukesh Ambani ने पहली बार रिलायंस और मेटा के बीच स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप से पर्दा उठाया था. नई AI कंपनी ऐसे समय पर बनी जब भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ विवाद जारी है.

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रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन मुकेश अंबानी (बाएं) और मेटा के CEO मार्क ज़करबर्ग (दाएं). (India Today)
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मौ. जिशान
26 अक्तूबर 2025 (Published: 07:36 PM IST)
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इंडियन बिजनेसमैन मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और अमेरिकी बिजनेसमैन मार्क ज़करबर्ग की मेटा प्लेटफॉर्म ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में हाथ मिलाया है. दोनों ने मिलकर 855 करोड़ रुपये की एक नई AI कंपनी बनाई है. इस नई कपनी का नाम रिलांयस एंटरप्राइज इंटेलिजेंस लिमिटेड (REIL) है. ये रिलायंस इंटेलिजेंस लिमिटेड के मालिकाना हक वाली एक सब्सिडियरी कंपनी है.

रिलायंस इंटेलिजेंस लिमिटेड की बात करें, तो ये रिलायंस इंडस्ट्रीज और मेटा प्लेटफॉर्म का एक जॉइंट वेंचर है. दोनों कंपनियां मिलकर नई AI कंपनी REIL में 855 करोड़ रुपये का शुरुआती निवेश करेंगी. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 25 अक्टूबर 2025 को स्टॉक एक्सचेंज में दर्ज एक फाइलिंग के अनुसार, रिलायंस इंटेलिजेंस नई कंपनी में 2 करोड़ रुपये का निवेश करेगी. इसके पास 70 फीसदी हिस्सेदारी होगी. जबकि मेटा प्लेटफॉर्म की फेसबुक ओवरसीज, REIL में बाकी बची 30 फीसदी हिस्सेदारी रखेगी.

BSE फाइलिंग में कहा गया,

"REIL, अन्य बातों के अलावा एंटरप्राइज AI सर्विस के डेवलपमेंट, मार्केटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन में शामिल रहेगी. REIL बनाने के लिए किसी सरकारी या रेगुलेटरी की मंजूरी की जरूरत नहीं थी."

इस साल अगस्त में रिलायंस इंडस्ट्रीज की 48वीं सालाना आम बैठक हुई थी. इसी में मुकेश अंबानी ने पहली बार रिलायंस और मेटा के बीच स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप से पर्दा उठाया था. भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी और बड़ी टेक कंपनी के बीच यह गठजोड़ ऐसे समय में हुआ है जब भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड टैरिफ पर विवाद जारी है.

मौजूदा भू-राजनीतिक हालात को देखते हुए भारत सरकार 'स्वदेशी' और 'मेड-इन-इंडिया' सामानों को बढ़ावा दे रही है. ऐसे में रिलायंस और मेटा की नई पहल से भारत में AI सर्विस को भी बूम मिलेगा. REIL को खासतौर पर बिजनेस करने वाले लोगों के लिए बनाया गया है.

अपना बिजनेस बढ़ाने में AI का इस्तेमाल करने के इच्छुक लोगों को यह कंपनी अपनी सर्विस देगी. इससे भारत के बिजनेस इकोसिस्टम को AI फ्रेंडली बनाने में मदद मिलेगी. REIL के AI सॉल्यूशंस को भारत ही नहीं, बल्कि चुनिंदा इंटरनेशनल बाजारों तक भी पहुंचाया जाएगा.

AI सेक्टर में रिलायंस ने गूगल के साथ भी पार्टनरशिप की है. इसके तहत रिलायंस, गूगल के साथ मिलकर गुजरात के जामनगर में डेडिकेटेड AI क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर बनाएगा.

अडानी-गूगल की AI डील

भारतीय कारोबारी गौतम अडानी का अडानी ग्रुप भी AI सेक्टर में तेजी से आगे बढ़ रहा है. 14 अक्टूबर को अडानी एंटरप्राइजेज ने गूगल के साथ पार्टनरशिप का ऐलान किया. इस पार्टनरशिप के तहत, अडानी और गूगल आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में भारत का सबसे बड़ा AI डेटा सेंटर कैंपस बनाएंगे. विशाखापत्तनम में नए ग्रीन एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर को भी डेवलप किया जाएगा.

विशाखापत्तनम में गूगल का AI हब पांच सालों (2026-2030) में लगभग 15 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग 1.31 लाख करोड़ रुपये) का एक बहुआयामी निवेश है. इसमें भारत में सबसे ज्यादा डिमांड वाले AI वर्कलोड को संभालने के लिए एक मजबूत सब-सी केबल नेटवर्क और क्लीन एनर्जी से चलने वाला गीगावाट-लेवल का डेटा सेंटर शामिल है.

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