मेरे लिए गांव के मायने दो अलग-अलग जगहें थीं. एक वो जहां हम रहते थे. यानी वो जगह जहां बाबा रिटायरमेंट के बाद आ गए थे. उसके बाद मैं वहीं पैदा हुआ. ये सीतापुर जिले में था. एक गांव था वो जहां रिटायर होने के पहले बाबा रहते थे. यानी वो जगह जहां चाचा-ताऊ-पापा-बुआ पैदा हुए. नाम भी बहुत मज़ेदार – कंदुनी. मैं हमेशा कंदुनी को ही गांव कहता था. वहां मिट्टी के घर ज़्यादा थे शायद इसलिए.
गांव में छप्पर डाले जा रहे थे. वो पहली बार था जब मुझे कंदुनी में रात भर रुकने का मौका मिला था. मामला सिर्फ एक रात का ही नहीं था. महीने भर रुकना था. दिन भर घर के दक्खिन में लगे आम के पेड़ के नीचे बैठकी लगी रहती थी. शाम को घर के आंगन में सभी बैठते थे. यही दिन का काम था. कोई टीवी नहीं क्यूंकि बिजली नहीं क्यूंकि तार नहीं. इसलिए एक रेडियो था.
इसी एक महीने के दौरान उसी एक रेडियो पर एक शाम आकाशवाणी के केंद्र से खबर आई – पूर्व साउथ अफ़्रीकी कप्तान हैन्सी क्रोन्ये की एक प्लेन क्रैश में मौत हो गई. मैंने सुना और ताली पीटते हुए कहा, “बहुत अच्छा!”. अगले आधे घंटे में पापा से सीख मिली कि एक्सीडेंट में मौत हुई है, मैं उसपर तालियां नहीं पीट सकता हूं. किसी की भी मौत पर मैं कैसे ही खुश हो सकता हूं? उसने मैच फ़िक्सिंग की तो इसका मतलब ये नहीं है कि उसे मर ही जाना चाहिये. वगैरह-वगैरह. पापा मेरे क्रिकेट प्रेम के बारे में जानते थे इसलिए मेरे “बहुत अच्छा” की वजह भी समझ रहे थे. उस वक़्त मैं उनकी बातों से पूरी तरह सहमत नहीं था. लेकिन आज पूरी तरह उसी लाइन पर सोचता हूं.
खैर, उस रोज़ तारीख थी 1 जून. आज भी वही है. हैन्सी क्रोन्ये की एक प्लेन क्रैश मैं मौत हुई थी. 19 साल हो चुके हैं. वेसेल योहेनेस क्रोन्ये. साउथ अफ़्रीका का शानदार क्रिकेटर जिसके बारे में क्रिकेट के सबसे बेहतरीन बल्लेबाज़ सचिन तेंदुलकर ने कहा था कि वो हैन्सी को खेलने में सबसे ज़्यादा मुश्किल फ़ेस करते हैं. 2002 में अपनी मौत से ठीक दो साल पहले हैन्सी ने ये कुबूला था कि उसने पिछले कुछ वक़्त में कई सट्टेबाजों से बातचीत की. मामला बातचीत तक ही नहीं रुका हुआ था. हैन्सी लगातार उनसे पैसे भी ले रहा था. हालांकि हैन्सी ने कभी भी ये नहीं कुबूला था कि उसने मैच हारने और बुरा परफॉर्म करने के लिए पैसे लिए थे.
यहां वो टाइमलाइन है जो सारे मामले के खुलने और उसमें आगे होने वाली कार्रवाई के बारे में बताता है.
7 अप्रैल 2000 – दिल्ली पुलिस ने हैन्सी क्रोन्ये पर मैच फ़िक्सिंग का चार्ज लगाया. भारत के ख़िलाफ़ मार्च 2000 में खेला गया वन-डे मैच हैन्सी ने पैसे लेकर फ़िक्स किया था. पुलिस ने क्रोन्ये और सट्टेबाज संजय चावला के बीच की बातचीत की रिकॉर्डिंग भी लिखित रूप में रिलीज़ की. बातचीत में पैसों का ज़िक्र हुआ. हैन्सी ने अपने पैसे तय किये. इसके साथ ही हर्शेल गिब्स और निकी बोये की रकम भी तय हुई.

9 अप्रैल 2000 – हैन्सी ने एक प्रेस कांफ्रेंस में सभी आरोप गलत बताये.
“मैं इस बात को 100% साफ़ कर देना चाहता हूं कि मैंने कभी भी भारत में होने वाली किसी भी वन-डे सीरीज़ में पैसे नहीं लिए. मैं ये भी साफ़ कर देना चाहता हूं कि इस बारे में मैंने किसी भी टीम-मेट से बात नहीं की.”
11 अप्रैल 2000 – 10 अप्रैल की देर रात हैन्सी ने साउथ अफ़्रीका क्रिकेट बोर्ड के मैनेजिंग डायरेक्टर को फ़ोन किया. फ़ोन पर हैन्सी ने कहा कि भारत में हुई सीरीज़ के दौरान वो पूरी तरह से ईमानदार नहीं थे. हैन्सी ने कुबूला कि उसने मैच से जुड़ी जानकारियों के लिए 10 से 15 हज़ार डॉलर लिए थे. हैन्सी को सस्पेंड कर दिया गया.
12 अप्रैल 2000 – अब क्रिकेट साउथ अफ़्रीका ने हैन्सी पर जांच शुरू की. जनवरी में इंग्लैंड और साउथ अफ़्रीका के बीच हुए टेस्ट मैच की जांच का लिया फ़ैसला. इस मैच में साउथ अफ़्रीका पहले बैटिंग कर रही थी. दूसरे, तीसरे और चौथे दिन बारिश हुई. हैन्सी ने इंग्लैंड को आख़िरी दिन जीतने के लिए 249 का टार्गेट दे दिया. साउथ अफ़्रीका ये मैच 2 विकेट से हार गया.
28 अप्रैल 2000 – भारतीय सरकार ने मामले में दखल दिया. सीबीआई को जांच करने के लिए कहा.
7 जून 2000 – पूर्व साउथ अफ़्रीकी क्रिकेटर पैट सिमकॉक्स किंग कमीशन के सामने आए. पैट ने बताया कि हैन्सी ने 1995 में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ एक मैच जानबूझकर हारने की बात कही थी. ये भी बताया कि 1996 में हैन्सी ने मुंबई में एक वन-डे मैच हारने के लिए ढाई लाख डॉलर की पेशकश की थी.

8 जून 2000 – हर्शेल गिब्स ने क़ुबूल किया कि उन्होंने भारत में एक वन-डे में 20 रन से कम रन बनाने के लिए 15,000 डॉलर लिए थे. ये भी बताया कि पैसों का ऑफर हैन्सी क्रोन्ये ने दिया था.
9 जून 2000 – निकी बोये ने किंग कमीशन को बताया कि क्रोन्ये ने कभी भी उन्हें पैसे ऑफर नहीं किये. फ़ास्ट बॉलर हेनरी विलियम्स ने कहा कि भारत के ख़िलाफ़ मैच में ज़्यादा रन देने के बदले क्रोन्ये ने उन्हें 15,000 डॉलर की पेशकश की थी. पीटर स्ट्राईडम ने कहा कि फ़रवरी 2000 में मुंबई टेस्ट के पहले क्रोन्ये ने उन्हें पैसे ऑफर किये थे.

13 जून 2000 – जैक्स कालिस ने बताया कि बैंगलोर में दूसरे टेस्ट मैच के पहले हैन्सी ने उन्हें, मार्क बाउचर और लांस क्लूज़नर को पैसे ऑफर किये थे.

15 जून 2000 – क्रोन्ये ने अपराध क़ुबूल किया. उन्होंने कहा कि साल 1996 के बाद से उन्हें करीबन 1 लाख डॉलर मिल चुके थे. लेकिन हैन्सी ने ये भी कहा कि उन्होंने कभी भी जानबूझकर कोई मैच हारा नहीं और न ही कोई फिक्सिंग की. इसके साथ ही क्रोन्ये ने क्रिकेट से रिटायरमेंट लेने की घोषणा भी कर दी. यहां पर वो बम फूटा जिसने इंडियन क्रिकेट को हिला कर रख दिया. क्रोन्ये ने किंग कमीशन के सामने सभी बातों के साथ ये भी बताया कि पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अज़हरुद्दीन ने हैन्सी की मुलाक़ात एक सट्टेबाज से करवाई थी जिसने 1996 में एक टेस्ट मैच हारने के बदले पैसे ऑफर किये थे. अज़हर ने ये आरोप झूठे और बकवास बताये.
23 जून 2000 – किंग कमीशन की तीन दिन लगातार चलने वाली पूछताछ जब ख़त्म हुई, तो हैन्सी क्रोन्ये अपनी कुर्सी से उठे और फफक कर रोने लगे. पूछताछ में उन्होंने क़ुबूल किया कि उन्होंने सट्टेबाजों से पैसे लिए थे और कहा कि उनका खेल के प्रति प्यार, पैसों के प्यार के आगे कुछ छोटा पड़ गया.
28 अगस्त 2000 – साउथ अफ़्रीका के क्रिकेट बोर्ड ने हर्शेल गिब्स और हेनरी विलियम्स को 31 दिसंबर 2000 तक इंटरनेशनल क्रिकेट में भाग लेने से बैन कर दिया. पीटर स्ट्राईडम को बरी कर दिया गया.
11 अक्टूबर 2000 – हैन्सी क्रोन्ये पर आजीवन प्रतिबन्ध लगाया गया.
1 जून 2002 – हैन्सी क्रोन्ये की एक प्लेन क्रैश में मौत हो गई. मौत के वक़्त हैन्सी क्रोन्ये पर क्रिमिनल चार्जेज़ लगने की संभावना थी. जून 2000 में उन्हें क्रिमिनल चार्जेज़ से इस शर्त पर immunity देने का वादा किया गया कि वो मैच फिक्सिंग में शामिल होने से जुड़ी सभी बातें साफ़-साफ़ बता दें. लेकिन इस पूरे दौरान हैन्सी मैच फिक्सिंग में शामिल होने की बातों से इनकार करते रहे. वो बस खेल प्रेमियों और अपने फैन्स से उनकी भावनाएं आहत करने के लिए माफ़ी मांगते रहे.
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