एक बच्चा. पैदा हुआ गरीब खेतिहर परिवार में. जो खेती भी उधार की जमीन पर करते थे. जी हां, वही वाली खेती जिसे कहीं अधिया तो कहीं बटइया कहते हैं. जवान हुआ तो पुलिस ने नाम रखा ‘पीली शर्ट वाला डाकू’. पकड़ा गया तो खुद की उम्र ही नहीं पता. और फिर दो साल जेल में बिताकर निकला तो ऐसा बॉक्सर बना जिससे दिग्गज भागते थे. दर्जन भर से ज्यादा टॉप बॉक्सर्स ने ऑन रिकॉर्ड इससे लड़ने से मना कर दिया.
प्रोफेशनल बॉक्सर बना तो अंडरवर्ल्ड के सपोर्ट से. उनके लिए काम किया, तमाम बॉक्सर्स को पीटा. पूरी दुनिया में अपने मुक्कों से दहशत फैलाई, दुनिया की सबसे फेमस स्पोर्ट्स फोटो में दिखा, और फिर एक दिन अपने ही घर में मरा पाया गया. लाश मिली भी तो मरने के पांच-छह दिन बाद. आज कहानी एक ऐसे बॉक्सर की जिसके पैदा होने और मरने की तारीख किसी को नहीं पता. लेकिन इन दो घटनाओं के बीच में उसने जो कुछ भी किया, उसे दुनिया हमेशा याद रखेगी.
# Sonny Liston Dead
बात 1971 की सर्दियों की है. गेराल्डाइन लिस्टन नाम की एक महिला बहुत परेशान थी. क्रिसमस मनाने अपनी मां के घर आई इस महिला का पति लगभग दो हफ्ते से उसकी कॉल्स का जवाब नहीं दे रहा था. इसी परेशानी में इस महिला ने फ्लाइट पकड़ी और सेंट लुईस से भागती हुई लास वेगस पहुंच गई. एयरपोर्ट से बदहवास हाल में अपने घर पहुंची गेराल्डाइन को घर खुला मिला.
खुले घर में बढ़ता हर कदम गेराल्डाइन की बेचैनी बढ़ा रहा था. और साथ ही बढ़ रही थी घर से आती हुई बदबू. पहले तो गेराल्डाइन को लगा कि शायद घर में खाने का कोई सामान सड़ रहा हो. लेकिन जब वो घर के ऊपरी हिस्से में स्थित बेडरूम तक पहुंचीं तो उनके होश ही उड़ गए. बेड के एक कोने में उसके पति की सूजी हुई लाश पड़ी थी. एक टी-शर्ट और बॉक्सर में पड़ी इस लाश की नाक से बहता खून सूख चुका था.
हालात देखकर दहलीं गेराल्डाइन ने सबसे पहले अपने सात साल के बेटे डैनिएल को वहां से हटाया. अपने वकील को फोन किया. और वकील को फोन करने के कई घंटों के बाद पुलिस को बुलाया. पुलिस आई, जांच हुई और उन्हें कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला. ना तो कोई जबरदस्ती घर में घुसा था, ना ही वहां कोई हथियार था और ना ही किसी हाथापाई के निशान.
The body of former World Heavyweight Champion Sonny Liston was found at his Las Vegas home #OnThisDay in 1971. Liston is believed to have died on December 30 1970, apparently from a heroin overdose, but the exact circumstances of his death remain unclear. pic.twitter.com/9iIRS2xfaf
— Historic Boxing (@BoxerJoeGrim) January 5, 2022
रिपोर्ट्स के मुताबिक लाश के पास थोड़ा गांजा और वोदका पड़ी थी. और किचन में हेरोईन के साथ अवैध ड्रग्स को इधर-उधर करने में प्रयोग होने वाला गुब्बारा भी मिला. कई रिपोर्ट्स का दावा ये भी था कि लाश के हाथों पर ताजा नीडल मार्क्स थे. यानी मरने वाले ने हेरोईन ली थी. लेकिन गेराल्डाइन ने इस बात से साफ इनकार कर दिया. उनका दावा था कि उनके पति ने कभी भी ड्रग्स का प्रयोग नहीं किया था.
बाद में हुए पोस्टमार्टम से पता चला कि सनी लिस्टन नाम का ये शख्स हार्टफेल्यॉर और फेफड़ों में आई रुकावट से मरा. मोहम्मद अली के फ़ैन्स अब तक समझ गए होंगे कि मैं किसकी बात कर रहा हूं. जो नहीं समझे उनके लिए बता दें कि ये वही बॉक्सर है जिसे हराकर अली पहली बार वर्ल्ड हैविवेट चैंपियन बने थे. और ये बात साल 1964 की है.
# Sonny Liston Story
लेकिन सनी की कहानी इससे कुछ दशक पहले शुरू हुई थी. एक बेहद ग़रीब परिवार में जन्मे चार्ल्स सनी लिस्टन अपने पिता की 26 संतानों में से 25वें नंबर पर थे. उनका परिवार बहुत ग़रीब था और सनी ने बचपन से ही काम करना शुरू कर दिया था. अपने बचपन के बारे में एक बार सनी ने कहा था,
‘हमारे पास खाना अक्सर अपर्याप्त ही होता था. हमारे पास जूते होते ही नहीं थे और कपड़े भी बहुत थोड़े से थे. और वहां कोई नहीं था जो हमें इस डरावने जीवन से बाहर निकाल सके. हम जंगलियों की तरह पले-बढ़े.’
अपनी पारिवारिक हालत के चलते सनी पढ़ाई नहीं कर पाए और इस बात के लिए अक्सर लोग उन्हें परेशान करते थे. फिर जब उनका परिवार अपनी पैतृक जगह छोड़ सेंट लुईस शिफ्ट हुआ तो सनी ने पढ़ाई की कोशिशें भी बंद कर दीं. और पैसे के लिए शॉर्टकट लेते हुए अपराधियों का गैंग जॉइन कर लिया. उनके मन में पुलिस के लिए अथाह नफरत थी. अक्सर वह अकेले दिखने वाले पुलिसवालों को पीटकर, उनकी टोपी और गन छीन लेते थे और फिर उस पुलिसवाले को कूड़े के डब्बे में डालकर निकल जाते.
Sonny Liston. pic.twitter.com/x2g5iQjFO0
— b0xingfan (@b0xingfan_) January 5, 2022
सनी ने एक पीली शर्ट में इतनी डकैतियां डाली कि पुलिस ने उनका नाम ही पीली शर्ट वाला डकैत रख दिया. और फिर एक दिन सनी गिरफ्तार हो गए. और कुछ ही लोगों ने सोचा होगा कि ये गिरफ्तारी सनी के लिए वरदान बन जाएगी. जेल में उनका डील-डौल और मजबूती देख एक कैथलिक प्रीस्ट फादर अलुइस स्टीवंस बहुत प्रभावित हुए. फादर उस जेल का जिम भी चलाते थे और उन्होंने फट से सनी पर काम करना शुरू कर दिया. इस बारे में उन्होंने एक बार स्पोर्ट्स इलस्ट्रेटेड से कहा था,
‘वह मेरे द्वारा देखा गया सबसे परफेक्ट मनुष्य था. ताकतवर बाहें, बड़े कंधे. और जल्दी ही वह जिम में सबको पटकने लगा था. उसके हाथ बहुत बड़े थे, मुझे तो भरोसा ही नहीं होता था.’
सनी 1953 में परोल पर छूटे तो उन्होंने प्रोफेशनल बॉक्सर बनने का मन बना लिया था. लेकिन प्रोफेशनल बॉक्सर तो तब बनते जब कोई उनसे लड़ता. मजे के लिए विपक्षियों को पीट-पीटकर बेहोश करने वाले इस दैत्य से सब दूर ही भागते थे. और फिर यहां एंट्री हुई गैंगस्टर्स की. इस बारे में सनी की बायोग्रफी लिखने वाले रॉब स्टीन ने एक बार कहा था,
‘जब वो जेल से निकला तो उसका डील-डौल देख कोई उससे लड़ना ही नहीं चाहता था. एक बॉक्सर के रूप में आगे जाने के लिए उसे जैसी फाइट्स की जरूरत थी उसके लिए इस बंदे को ‘हैविवेट रिप्रेजेंटेशन’ भी चाहिए था.’
अब गैंगस्टर्स बने सनी के मैनेजर और सनी को मिलने लगीं फाइट्स. गैंगस्टर्स सनी को उनकी कदकाठी के साथ बाएं हाथ के मुक्के के लिए भी पसंद करते थे. कहते हैं कि बॉक्सिंग के इतिहास में बाएं हाथ के वैसे झन्नाटेदार पंच कम ही लोग लगा पाए. सनी को फाइट्स तो मिलने लगीं लेकिन इज्जत मिलनी अभी भी दूर थी. और ये कैसे मिलती? ये मिलती वर्ल्ड चैंपियन बनने से.
# World Champions Sonny
लेकिन वर्ल्ड चैंपियन बनने के लिए वर्ल्ड चैंपियन को हराना होता है. और उस वक्त के वर्ल्ड चैंपियन थे फ्लॉएड पैटरसन. अमेरिका के दुलारे पैटरसन, जो सिर्फ 21 साल की उम्र में वर्ल्ड चैंपियन बन गए थे. और उस वक्त बॉक्सिंग की दुनिया में उनका जलवा था. ख़ैर, सनी का चैलेंज स्वीकार हुआ और साल 1962 की 25 सितंबर को दोनों का आमने-सामने आना तय हुआ. और यह तय होते ही पूरा अमेरिका ‘बहिष्कृत’ सनी के खिलाफ खड़ा हो गया. यहां तक कि अमेरिका के प्रेसिडेंट जॉन एफ कैनेडी भी खुलकर आ गए.
कैनेडी ने पैटरसन से कहा कि उन्हें गैंगस्टर्स द्वारा कंट्रोल किए गए फाइटर से ना भिड़कर किसी ‘अच्छे कैरेक्टर’ वाले बॉक्सर से भिड़ना चाहिए. हालात ये थे कि कलर्स में बंटे अमेरिकन उस वक्त सिर्फ इसी एक बात पर एकसाथ आते थे- बॉयकॉट सनी लिस्टन. मीडिया पहली फुर्सत मिलते ही सनी के खिलाफ रेसिस्ट शब्दों का प्रयोग करता. उन्हें नीचा दिखाने के लिए लंबे-लंबे आर्टिकल लिखे जाते.
लेकिन ये तमाम बातें मिलकर भी रिंग के अंदर सनी के सामने पड़ने वाले बॉक्सर को नहीं बचा पाती थीं. और पैटरसन के साथ भी यही हुआ. वह सनी के आगे सिर्फ 126 सेकेंड्स में नॉकआउट हो गए. लेकिन सनी की खुशी बहुत देर नहीं टिकी. टाइटल के साथ फिलाडेल्फिया लौटते वक्त उन्होंने अपने लोगों के लिए भाषण लिखा. खूब प्रैक्टिस की. सोचा था कि स्वागत में उमड़ी भीड़ से मन की बात करेंगे. लेकिन जहाज रुका तो सिवाय कुछ पत्रकारों के वहां कोई नहीं था. मानों फिलाडेल्फिया को उनसे कोई मतलब ही नहीं था और यह देखकर सनी रो पड़े.
और इसी दुख में उन्होंने फिलाडेल्फिया को हमेशा के लिए छोड़ दिया. अब सनी डेनवर आ गए. और फिर 22 जुलाई 1963 को एक बार फिर से पैटरसन उनके सामने आ खड़े हुए. इस बार रोल उल्टे थे. सनी चैंपियन तो पैटरसन चैलेंजर थे. लेकिन बस रोल ही उल्टा हुआ. रिजल्ट अब भी सेम रहा. पैटरसन पिछली बार से सिर्फ चार सेकेंड ज्यादा वक्त तक टिक पाए. सनी फिर से वर्ल्ड चैंपियन बन गए.
# Sonny Liston vs Muhammad Ali
और फिर आई 25 फरवरी 1964 की तारीख. अब सनी के सामने था कैसियस क्ले. वही क्ले, जिसने दो साल पहले धारा से उलट जाते हुए उनके वर्ल्ड चैंपियन बनने की भविष्यवाणी की थी. और इस बार क्ले उस टाइटल को अपने पाले में देखना चाहता था. मैच का दिन आया. ज्यादातर लोगों का मानना था कि मैच लिस्टन ही जीतेंगे. लेकिन ये नया लड़का अलग मिट्टी का था. उसने मैच से पहले ऐलान कर दिया,
‘अगर तुम अपना सारा पैसा हारना चाहते हो, तो मूर्ख बनो और सनी पर दांव लगाओ.’
अंत में उसकी बात सच भी हुई. अतिआत्मविश्वास का शिकार होकर थोड़ी सी ट्रेनिंग और बाएं कंधे में चोट के साथ फाइट में उतरे लिस्टन चित हो गए. छह राउंड तक उन्होंने किसी तरह क्ले का सामना किया लेकिन सातवें राउंड के बाद उनकी हिम्मत जवाब दे गई. दुनिया को नया वर्ल्ड हैविवेट चैंपियन मिल गया. लेकिन सनी लिस्टन का रौला ऐसे नहीं बना था. वह लौटे. रीमैच के लिए. और ये उनके करियर की सबसे बड़ी गलती साबित हुई.
अब इस रीमैच में वह कैसियस क्ले नहीं. मोहम्मद अली से भिड़ रहे थे. जी हां, कैसियस क्ले अब मोहम्मद अली बन चुके थे. समाज और उनके जीवन में काफी कुछ बदल चुका था. और इस बदलाव ने अली को और खतरनाक बना दिया था. और 1965 के इस रीमैच ने लिस्टन की बची-खुची प्रतिष्ठा को भी मटियामेट कर दिया. मैच के 102वें सेकेंड में लिस्टन जमीन पर पसर चुके थे.
Doubted as a fluke Muhammad Ali won his rematch against Sonny Liston in emphatic fashion pic.twitter.com/sTk1U2yvAw
— Mafipe (@Mafipe) January 5, 2022
और दुनिया को मिली एक फोटो. वही फोटो जो आने वाले हजारों सालों तक किसी भी स्पोर्ट्स इवेंट का कवर बन सकती है. इस फोटो में लिस्टन जमीन पर पड़े हैं और अली वहां खड़े होकर उन पर चिल्ला रहे हैं. इस हार के बाद सनी लिस्टन का खौफ पहले जैसा नहीं रहा. अब उनकी जगह अली ने ले ली. उसी अली ने जिन्होंने खुले तौर पर स्वीकार किया था कि उन्हें सिर्फ एक बॉक्सर से डर लगता था. और वो बॉक्सर थे सनी लिस्टन.
और फिर साल 1971 की 5 जनवरी को सनी लिस्टन की फूली हुई लाश मिली. और इसके साथ ही उनकी कहानी का अंत हो गया. वो कहानी, जिसमें 84 इंच की रीच, 54 मैच में 50 जीत जिसमें 39 नॉकआउट और 19 गिरफ्तारियां थीं और थी एक अधूरी दास्तां… जिसकी शुरुआत ग़रीबी से हुई और अंत अकेलेपन में.
कहानी उस पेसर की, जिससे विवियन रिचर्ड्स भी डरते थे!