साल 2019. राजस्थान की अंडर-19 टीम के ट्रायल्स चल रहे थे. जोधपुर के एक हेडमास्टर का लड़का भी उन ट्रायल्स में आया था. लेकिन उसका सेलेक्शन नहीं हुआ. और ऐसा होते ही हेडमास्टर पापा ने फिर समझाया- पढ़ाई कर ले बेटा, क्रिकेट में कुछ नहीं रखा. और ये लड़का अगर उस वक्त अपने पापा की बात मान जाता तो आज इंडिया के पास एक कमाल का लेग स्पिनर नहीं होता.
इस लड़के की जोधपुर से इंडियन क्रिकेट टीम तक आने की जर्नी में कई लोगों का योगदान है. और ऐसे लोगों में वो दो लड़के भी शामिल हैं जिन्हें रवि बिश्नोई नाम का ये लड़का भैया बुलाता था. पेशे से क्रिकेट कोच इन दोनों ने ही ट्रायल में रिजेक्ट हुए रवि को समझा-बुझाकर क्रिकेट जारी रखने के लिए राजी किया.
और साथ ही राजस्थान अंडर-19 सेलेक्टर्स से बात कर, रवि को एक बार फिर से ट्रायल का मौका दिलाया. और इस बार रवि नहीं चूके. उन्होंने अपनी पहली दो गेंदों पर ही अंडर-19 के एक टैलेंटेड बल्लेबाज को दो बार आउट किया. और बदले में उन्हें मिला राजस्थान अंडर-19 टीम का टिकट. फिर आया साल 2020. अंडर-19 वर्ल्ड कप का साल.
रवि बिश्नोई इंडिया की ओर से इस टूर्नामेंट में खेले और सबसे ज्यादा विकेट लिए. टीम को फ़ाइनल तक ले गए और इसी के दम पर IPL 2020 में जगह भी बना ली. इस बात को दो साल बीत चुके हैं. और अब सिर्फ 21 साल की उम्र में रवि भारतीय क्रिकेट टीम में एंट्री कर चुके हैं.
Celebration outside Ravi Bishnoi’s house when he got selected for the Indian team. pic.twitter.com/r8D1YFUwFf
— Mufaddal Vohra (@mufaddal_vohra) January 27, 2022
बुधवार, 26 जनवरी को BCCI ने वेस्टइंडीज़ के खिलाफ होने वाली लिमिटेड ओवर्स सीरीज के लिए भारतीय टीम घोषित की. इसमें रवि बिश्नोई का भी नाम है. और उम्मीद है कि वह जल्दी ही भारत के लिए अपना पहला मैच खेलते भी दिख सकते हैं. और ऐसा होते ही उनके संघर्ष को एक मुकाम मिल जाएगा.
बात संघर्ष की आई तो बता दें कि मैदान के अंदर भी रवि का संघर्ष दो तरह का था. उन्हें अपनी बोलिंग के साथ मैदान बनाने पर भी मेहनत करनी पड़ती थी. क्या है ये पूरा क़िस्सा, चलिए बताते हैं.
# पिच बनाते रवि बिश्नोई
रवि ने जब खेलना शुरू किया तो जोधपुर में सुविधाएं बहुत अच्छी नहीं थी. ऐसे में उनके बचपन के कोच और दोस्त शाहरुख पठान और प्रद्योत सिंह ने अपनी अकैडमी खोलने का फैसला किया. वे अपनी नौकरियां छोड़ इसमें लग गए. अब अकैडमी तो खोल ली, लेकिन पैसे कहां से आएं? ऐसे में तय किया गया कि कुछ एक्सपर्ट्स को हायर किया जाए और बाकी मेहनत खिलाड़ियों से करवाई जाए.
इसके बारे में बिश्नोई ने क्रिकइंफो को बताया था,
‘कुछ साल पहले दोनों भैया ने डिसाइड किया कि अपने लिए एक अकैडमी बनानी है. लेकिन किसी के पास इतने पैसे नहीं थे. तो खर्चे को बचाने के लिए मैंने भी सबके साथ मिलकर अकैडमी तैयार करने में मज़दूरी की. पिच और ग्राउंड को तैयार करने के लिए कुछ एक्सपर्ट्स थे. और मैं यहां रोड़े कूटने और सीमेंट ले जाने का काम करता था. वे छह महीने बेहद कठिन थे. पता नहीं था मेहनत रंग लाएगी या नहीं, लेकिन एक बार जब अकैडमी बनी तो मेरे क्रिकेट की जर्नी शुरू हुई.’
# मीडियम पेसर से स्पिनर
रवि बिश्नोई बताते हैं कि लेग स्पिन उनकी पहली चॉइस नहीं थी. एक समय तक वे मीडियम पेसर बनना चाहते थे. लेकिन उनके कोच शाहरुख और प्रद्योत को लगता था कि बिश्नोई के पास तेज गेंदबाज बनने लायक शरीर और ताक़त नहीं है. साथ ही उन्हें ये भी लगता था कि देश में लेग स्पिनर काफी कम हैं, इसलिए उन्होंने बिश्नोई को लेग स्पिन ट्राई करने के लिए कहा.
इस बारे में बिश्नोई ने इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत करते हुए कहा था,
‘उन्होंने मुझसे लेग स्पिन ट्राई करने के लिए कहा. मैं लेग स्पिन गेंदबाज़ी करने लगा. और जल्दी ही उन्हें लगने लगा कि मुझे इसे सीरियसली लेना शुरू कर देना चाहिए.’
# कोच द्रविड़ की सटीक सलाह
लेकिन बिश्नोई को असली एक्सपर्ट एडवाइस मिली नेशनल क्रिकेट अकैडमी यानी NCA में. नेशनल टीम के मौजूदा हेड कोच राहुल द्रविड़ उस समय NCA के हेड हुआ करते थे. द्रविड़ ने बिश्नोई को सबसे पहली सलाह ये दी, कि वे अपना एक्शन कभी ना बदलें. द्रविड़ का मानना है कि बिश्नोई का बॉलिंग एक्शन कुछ-कुछ अनिल कुंबले से मेल खाता है.
✅ Fit-again Rohit Sharma to lead India
✅ Kuldeep Yadav returns
✅ Ravi Bishnoi, Deepak Hooda receive maiden call-upsWhat did you make of India’s ODI squad for the series against West Indies? #INDvWI
— ESPNcricinfo (@ESPNcricinfo) January 27, 2022
इसके अलावा द्रविड़ के पास उनके लिए एक सलाह और थी. द्रविड़ का मानना था कि बिश्नोई बल्लेबाज़ को ऑफ साइड के बाहर अतिरिक्त रूम देते थे. जिससे बल्लेबाज़ को शॉट खेलने का मौका मिल जाता था. और कई बार दबाव खुद बिश्नोई पर आ जाता था. उन्होंने बिश्नोई को समझाया कि अगर उन्हें और ज्यादा कारगर होना है, तो उन्हें विकेट टू विकेट गेंदबाज़ी करनी चाहिए.
इस बारे में बिश्नोई बताते हैं,
‘राहुल सर ने मुझसे कहा था कि कोशिश करो कि गेंद बल्लेबाज़ की तरफ जाए. बल्लेबाज़ को रूम मत दो, कि वो तुम्हे कट लगा सके या गति का इस्तेमाल करके गैप में रन बना सके. स्टंप्स पर अटैक करो. जितना हो सके सीधा फेंको और कोशिश करो कि बल्लेबाज़ तुम्हारी तरफ ही खेलें.’
बिश्नोई साल 2020 में IPL की टीम पंजाब किंग्स का हिस्सा बने थे. दो IPL खेल चुके बिश्नोई के नाम 23 मैच में 24 विकेट हैं. अब IPL2022 में वह लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए खेलेंगे. लखनऊ की टीम ने रवि को चार करोड़ रुपये में खरीदा है.
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