सुनाने वाले इस तरह सुनाते हैं कि हिन्दोस्तान जन्नतनिशान में कई हज़ार बरस पहले एक आदमी था. बड़ा नेक. हमेशा अच्छे करम करता था, बुराई से कोसों दूर रहता था. मरने के बाद उसे हमेशा स्वर्ग मिलता. स्वर्ग में भगवान उसके अच्छे कर्मों से प्रसन्न होकर उसे हिन्दोस्तान भेज देते.
जब ऐसा लगातार कई बार हुआ तो आदमी उकता गया. इस बार जब भगवान ने उसे हिन्दुस्तान भेजने का हुक्म सादिर किया तो वो खीझ भरी आवाज़ में हाथ जोड़कर बोला- भगवन् ! जाने कबसे देख रहा हूं. जिन्होने मुझसे कम अच्छे कर्म किए हैं, उन्हे आप अमरीका और लंदन भेज देते हैं, और मुझे बार बार हिन्दोस्तान दिए जा रहे हैं. बाक़ी लोग जाने कहां कहां मौज काट रहे हैं, मैं बार बार यहीं आ जाता हूं, वो भी उनसे ज़्यादा लियाक़त के बावजूद. ऐसे कौन से सुरख़ाब के पर लगे हैं हिन्दोस्तान में ?

भगवान उत्तर में बोले- बेटा, जो सबसे अच्छे करम करते हैं न, उनको मैं सबसे अच्छा भाग्य प्रदान करता हूं, और जो सबसे अच्छी क़िस्मत वाले होते हैं, उन्ही को मैं हिन्दोस्तान भेजता हूं. जानना चाहते हो क्यों ? क्योंकि हिन्दुस्तान में आम है, जो स्वर्ग वालों के नसीब में भी नहीं. बक़ौल साग़र ख़य्यामी–
जो आम मैं है वो लब ए शीरीं में नहीं रस
रेशों में हैं जो शेख की दाढ़ी से मुक़द्दस
आते हैं नज़र आम, तो जाते हैं बदन कस
लंगड़े भी चले जाते हैं, खाने को बनारस
होटों मैं हसीनों के जो, अमरस का मज़ा है
ये फल किसी आशिक की, मोहब्बत का सिला है

हिमांशु बाजपेयी. क़िस्सागोई का अगर कहीं जिस्म हो, तो हिमांशु उसकी शक्ल होंगे. बेसबब भटकन की सुतवां नाक, कहन का चौड़ा माथा, चौक यूनिवर्सिटी के पके-पक्के कान और कहानियों से इश्क़ की दो डोरदार आंखें.‘क़िस्सा क़िस्सा लखनउवा’ नाम की मशहूर क़िताब के लेखक हैं. और अब The Lallantop के लिए एक ख़ास सीरीज़ लेकर आए हैं. नाम है ‘क़िस्सागोई With Himanshu Bajpai’. इसमें दुनिया जहान के वो क़िस्से होंगे जो सबके हिस्से नहीं आए. हिमांशु की इस ख़ास सीरीज़ की ये थी दसवीं खेप.
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