पुनीत शर्मा फ़िल्मों में गाने-वाने लिखते हैं. फेसबुक पर इनका रौला है. इन्होंने पाब्लो नेरुदा की एक कविता If You Forget Me का हिन्दी में अनुवाद किया है. पढ़ो. मजा न आए तो पइसा वापस.
मैं चाहता हूं तुझे पता हो
एक बात
तू तो जानती ही है ना;
अगर मैं देखूं
उस बिल्लौरी चांद की तरफ़, मेरी खिड़की पर आहिस्ता से गुज़रते पतझड़ की लाल शाख को,
अगर मैं छुउं
आग के करीब
उस छू ना जा सकने वाली राख़
या शहतीर के झुर्री भरे बदन को,
हर एक चीज़ मुझे तुझ तक ले जाती है,
मानों सबकुछ जो वजूद में है,
खुशबुएं, रोशनी, धातुएं,
वो सब नौकाएं हैं
बहती हुईं
तुम्हारे उन टापुओं की तरफ़
जो मेरे इंतज़ार में हैं
ख़ैर, अब,
अगर थोड़ा-थोड़ा करके तू मुझे चाहना बंद कर दे,
मैं तुझे चाहना बंद कर दूंगा थोड़ा-थोड़ा करके
अगर,
अचानक
तू मुझे भूल जाए
मुझे ढूंढना मत
क्योंकि मैं पहले ही तुझे भुला चुका होऊंगा
अगर तू देर तक पागलों की तरह सोचे,
उन परचमों की हवाओं के बारे में
जो मेरी ज़िंदगी से गुज़रीं,
और तू तय कर ले
मुझे छोड़ देगी दिल के उस किनारे पर
जहां मेरी जड़ें हैं,
याद रखना
कि उस दिन,
उसी वक्त,
मैं अपनी बाहें उठाऊंगा
और मेरी जड़ें निकल पड़ेंगी
किसी दूसरी ज़मीन की तलाश में
लेकिन
अगर हर दिन
हर वक्त
तुझे लगे कि तू मेरे लिए बनी है
अपनी सख़्त मिठास के साथ,
अगर हर एक दिन
एक फूल आता हो तेरे होंठों तक
मुझे ढूंढने के लिए,
ओ मेरे इश्क़, ओ मेरी जान
मुझमे वही सारी आग दोहरा रही है,
मुझमें कुछ भी बुझा या बिसरा नहीं है,
मेरा इश्क़ तो तेरे इश्क़ पर पलता है
मेरी जान,
और जब तक तू है ये तेरी बांहों में होगा
छोड़े बिना मेरी बांहें.
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