“कुछ कुछ होता है ‘अंजलि’, तुम नहीं समझोगी.”
शायद यही कह रहे होंगे करण जोहर काजोल से जब उनकी एक हरकत की वजह से उनको चोट पहुंची. वो हरकत जिसने काजोल और करण की 25 साल पुरानी दोस्ती का दी एंड कर दिया. अजय देवगन और करण जोहर में जारी अहम की जंग में बरसों पुरानी दोस्ती की बलि चढ़ गई है मितरों. अपने पति और दोस्त में काजोल ने टिपिकल भारतीय नारी की तरह पति को चुन लिया है.
अपनी किताब ‘ऐन अनसूटेबल बॉय’ में करण जोहर ने अपनी सालों पुरानी दोस्ती के ख़ात्मे का इकरार किया है. तमाम मामला तब शुरू हुआ जब करण की ‘ऐ दिल है मुश्किल’ और अजय की ‘शिवाय’ की रिलीज़ डेट एक दूसरे से क्लैश हो गई. उसके बाद इस टकराव में बहुत से मोड़ आए. सबसे दिलचस्प घटनाक्रम वो था जब अजय देवगन ने कमाल राशिद खान का एक ऑडियो जारी कर दिया. इस ऑडियो में केआरके अजय की फिल्म को नुकसान पहुंचाने के लिए करण से रिश्वत लेने की बात कबूल करते सुनाई देते हैं. ज़ाहिर सी बात है बवाल तो होना ही था. हुआ भी.
अजय देवगन के ट्वीट को काजोल ने शेयर करते हुए उसपर सिर्फ एक शब्द लिखा: ‘शॉक्ड’. ये इकलौता शब्द पच्चीस साला दोस्ती के ख़ात्मे की वजह बना. इस अकेले शब्द ने एक बेहद प्यारे दोस्ताने को ख़त्म कर दिया.
काजोल का ये ट्वीट देख कर करण बुरी तरह आहत हो गए. उन्होंने अपनी बायोग्राफी में लिखा है, ‘ऐ दिल है मुश्किल की रिलीज़ से पहले बहुत कुछ हो रहा था. बेतुकी बातें कही जा रही थी, अजीब इलज़ाम लगाए जा रहे थे, मेरे द्वारा किसी को रिश्वत देने के किस्से उडाये जा रहे थे. मैं ये भी नहीं कह सकता कि मैं दुखी नहीं हुआ था.”
आगे वो कहते हैं, “जब काजोल ने वो शब्द ‘शॉक्ड’ लिख कर प्रतिक्रिया दी, उसी पल मैं समझ गया कि अब सब कुछ ख़त्म हो गया है. उस शब्द ने इस पागलपन भरी बात को स्थापित कर दिया कि मैं किसी को रिश्वत देने जैसी हरकत कर सकता हूं. मुझे लगा अब बस. सब ख़त्म है. वो मेरी ज़िंदगी में कभी लौटकर नहीं आ सकती. और मुझे नहीं लगता वो आना भी चाहेगी.”
करण ने आगे बात स्पष्ट करते हुए ये भी कहा है, “काजोल और मेरे बीच कभी कोई लड़ाई नहीं थी. जो भी था मेरे और उनके पति के बीच था. ऐसा कुछ जिसके बारे में सिर्फ हम तीनों को पता था. और मैं इसे यहां तक ही सीमित रखना चाहता था”. करण कहते हैं कि उन्हें अभी भी इस दोस्ती के ख़त्म होने का दुःख है और ये बात उन्हें परेशान करती है कि उनके बहुत सारे म्यूच्यूअल फ्रेंड्स है.
म्यूच्यूअल फ्रेंड्स की बात पर लोगों का ध्यान शाहरुख़ ख़ान पर जाना लाज़मी है. दोनों के बीच की सबसे स्ट्रांग कड़ी वो ही हैं. करण की किताब का विमोचन भी शाहरुख़ के हाथों ही होना है. ऐसे में ये देखना दिलचस्प रहेगा कि क्या शाहरुख़ किसी की साइड लेंगे, चुप रहेंगे या दोस्तों को मिलाने की कोशिश में जुट जाएंगे.
कौन भुला सकता है कि करण ने ‘कुछ कुछ होता है’ से जब अपना करियर शुरू किया था तब काजोल ही उनकी हीरोइन थी! करण की ये फिल्म काजोल के करियर का माइलस्टोन है. ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ में पसंद की गई शाहरुख़-काजोल की जोड़ी को हिंदी सिनेमा की सबसे शानदार जोड़ियों में जगह दिलवाने में इस फिल्म का बड़ा हाथ है.
परदे से लम्बे ब्रेक के बाद जब काजोल ने लौटना चाहा तब भी वो करण की ही फिल्म थी, ‘कभी ख़ुशी कभी ग़म’. ‘माई नेम इज ख़ान’ में भी दोनों ने इकट्ठे काम किया और सफलता का इतिहास रचा. फिल्मों के अलावा पर्सनल लाइफ में भी करण-काजोल-शाहरुख़ का याराना मशहूर है.
इसीलिए जब इस दोस्ती के ख़त्म होने की ख़बरें आ रही है तब ज़ाहिर है तमाम सिनेप्रेमियों को बुरा ही लगेगा. हम तो उम्मीद करते हैं कि जैसे राजनीति में कोई दुश्मनी स्थाई नहीं होती, जैसे सलमान-शाहरुख़ की बहुचर्चित राइवलरी ख़त्म हो गई वैसे ही करण और काजोल का भी मेलमिलाप जल्द हो. ब्रेकअप्स होते रहते हैं लेकिन दोस्तीयां टूटती हुई अच्छी नहीं लगती.
इसीलिए कहते हैं कि दोस्तों में झगडा हो तो मिल के सुलझाओ. सोशल मीडिया पर दुकान न लगाओ.
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