साल 2017, इंडिया का मुकाबला इंग्लैंड से था. वीमन्स वर्ल्ड कप फाइनल में. लॉर्ड्स के मैदान पर. मिताली मैच से पहले ग्राउंड पर कुछ इस अंदाज में पहुंची थीं. एक हाथ में किताब और दूसरे में अपनी क्रिकेट किट. अपने हर प्रेशर को ऐसे ही रिलीज करती है हमारी ये क्रिकेट लेजेंड. 12 साल बाद इंडिया की वीमन्स टीम वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंची और इसका क्रेडिट भी मिताली को ही गया. मिताली पहली भारतीय खिलाड़ी हैं जो बतौर कप्तान दो वर्ल्ड कप फाइनल खेल चुकी हैं. साथ ही 7000 से ज्यादा रन बनाने वाली पहली महिला क्रिकेटर भी हैं.

किताब और किक्रेट की शौकीन कप्तान:
ट्विटर पर एक तस्वीर खूब सर्कुलेट हुई. पैड-अप किए हुए भारत की वीमन्स क्रिकेट कैप्टन. अपनी पारी के इंतजार में बैठीं मिताली राज. बैठकर एक किताब पढ़ रही हैं. आईसीसी वीमन्स वर्ल्ड कप में अपना पहला मुकाबला. इंग्लैंड के खिलाफ. मिताली को अपना किसी भी मेल क्रिकेटर से कंपैरिजन पसंद नहीं और हमारे इस क्रिकेट-क्रेजी देश को किसी भी महिला खिलाड़ी के बारे में बिना सचिन, द्रविड़, धोनी या फिर कोहली से तुलना किए कुछ समझ ही नहीं आता है. एक कोशिश करते हैं मिताली राज को सिर्फ वीमन क्रिकेटर के तौर पर जानने की.

किताब में आखिर था क्या?
24 जून को इग्लैंड में चल रहे वर्ल्ड कप का दूसरा मैच इंडिया और इंग्लैंड के बीच था. क्रीज पर भारत की ओपनर्स सॉलिड खेल रहीं थी. पूनम राउत और स्मृति मंधना. अपनी पारी के इंतजार में टीम की कप्तान मिताली राज पैडअप किए एक किताब पढ़ रहीं थीं. वो किताब पढ़ने में इतनी डूबी हुई दिख रहीं थीं, जैसे जीवन का कोई सत्य खोज लिया हो. किताब थी – Essential Rumi. रुमी की कविताओं का इंग्लिश अनुवाद. अब मिताली बैटिंग करने गईं और 71 रन की पारी खेली. ये एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है. क्योंकि ये मिताली की सातवीं लगातार वनडे हाफ सेंचुरी थी. दुनिया भर में किसी भी महिला बल्लेबाज के नाम ये रिकॉर्ड नहीं है. इससे पहले मिताली ने अपने पिछले 6 वनडे मैचों में नाबाद 70, 64, नाबाद 73, नाबाद 51, 54 और नाबाद 62 रन की पारियां खेली थीं. भारत की टीम ने 281/3 का स्कोर बनाया. जवाब में इंग्लैंड की टीम 35 रनों से हार गई.
What did @M_Raj03 think of our #MithaliRaj emoji? And what book was she reading while waiting to come on and bat? #ENGvIND #WWC17 pic.twitter.com/uw0scakrBh
— Cricket World Cup (@cricketworldcup) June 25, 2017
मैच के बाद ये तस्वीर कई लोगों ने रीट्वीट की. और एक दिन बाद यानी संडे को एक वीडियो इंटरव्यू में खुद मिताली ने बताया कि उन्हें किताबों का कितना शौक है और ये किताब उन्हें कहां से मिली थी. मिताली को बैंटिंग से पहले किताब पढ़ना अच्छा लगता है और एक नया कॉन्फिडेंस आता है. इससे पहले एक इंटरव्यू में इस महान क्रिकेटर ने एक सवाल, कि अगर मिताली राज क्रिकेटर नहीं होती तो क्या कर रही होती, के जवाब में बताया था कि ‘मैं सिविल सर्वेंट होती. क्योंकि मुझे पढ़ने का काफी शौक रहा है और भारत के जिस हिस्से से आती हूं, वहां ज्यादातर बच्चे पढ़कर यही जॉब करना चाहते हैं.’
तेजाबी तेवर वाली मिताली

वर्ल्ड कप शुरू होने से पहले हुई एक ऑफिशियल प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक पत्रकार ने मिताली राज से पूछा कि उनका फेवरेट मेल क्रिकेटर कौन है. यूं तो मिताली का भी जवाब सचिन, पॉन्टिंग या फिर कोई और हो सकता था. और होगा भी. मगर यहां मिताली ने बेहद गंभीर तरीके से जवाब देते हुए उस पत्रकार से कहा- क्या ये सवाल आप मर्द क्रिकेटरों से भी करते हैं? क्या कभी पूछा है उनकी फेवरेट फीमेल क्रिकेटर कौन है? मिताली की ये बात हम सबके जहन में उतर गई. पढ़िए पूरा किस्सा यहां: पलटकर पूछे गए एक सवाल से मैं सबसे ज्यादा सम्मान इस क्रिकेटर का करने लगा हूं करीब 21 साल से इंडियन टीम के लिए खेल रही मिताली राज के करियर पर कितने ही लोगों का ध्यान गया होगा. देश में हर कोई क्रिकेट एक्सपर्ट है, बावजूद इसके कितने ही लोग एक बार में बता सकते हैं कि मिताली राज कौन है? झूलन गोस्वामी कौन है? अंजुम चोपड़ा कौन है? डायना एडुल्जी कौन है? एक या दो मैच खेले किसी भी मर्द क्रिकेटर का नाम हमारी क्रिकेट मैमोरी में मिल जाएगा. जिम्मेदार क्रिकेट बोर्ड, मीडिया, बाजार और खुद को क्रिकेट क्रेजी कहने वाले हम सब हैं. मिताली ने तो महज आईना भर दिखाया है.
Superb response from Indian skipper Mithali Raj. Asked by a reporter who her favourite male player is: “Would you ask a man that?” 👊🏻 #WWC17 pic.twitter.com/RqgVLzXp46 — Adam Collins (@collinsadam) June 22, 2017
अब थोड़े रिकॉर्ड्स…
# 1999 में टीम इंडिया के लिए वनडे में डेब्यू करने वाली मिताली ने अपने पहले ही मैच में आयरलैंड के खिलाफ 114 रन की पारी खेली. पहली विकेट के लिए रेशमा गांधी (104) के साथ 258 रन की पार्टनरशिप की.
# 2002 में इंडिया की वीमन टेस्ट टीम का हिस्सा बनी औऱ अपने तीसरे ही मैच में इंग्लैंड के खिलाफ 209 रन की पारी खेली. ये उस समय की सबसे बड़ी टेस्ट पारी थी, जो 2004 तक मिताली के ही नाम रही. बाद में पाकिस्तान की किरन बलूच ने 242 रन की पारी के साथ ये रिकॉ़र्ड तोड़ा.
# मिताली के नाम 59 हाफ सेंचुरी हैं, जो किसी भी वीमन क्रिकेटर के नाम नहीं हैं.
# मिताली एवरेज के मामले में भी अव्वल रही हैं. 51.32 का औसत है, जो किसी भी इंटरनेशनल वीमन प्लेयर, जिसने 100 से ज्यादा वनडे खेले हैं, से ज्यादा है.
# दुनिया में 7000 से ज्यादा वनडे रन बनाने वाली इकलौती खिलाड़ी हैं.
# अप्रैल 2005 में आईसीसी रैंकिंग्स में नंबर एक पर थीं मिताली.
# साल 2003 में अर्जुन अवॉर्ड और साल 2015 में पदमश्री से सम्मानित हुईं.
क्रिकेट, किताब से पहले कथक…
10 साल की थी जब क्रिकेट खेलना शुरू किया. 17 की हुई तो इंडियन टीम में आ गई. मगर इन सब के बीच एक पैशन जो मिताली के हिसाब से क्रिकेट और किताबों से भी ऊपर रहा, वो है कथक. क्लासिकल डांस फॉर्म कथक. क्रिकेट तो पिता के कहने पर खेलना शुरू किया और इंडिया टीम में शामिल हो जाने के 10 साल तक इस खेल को सिर्फ पिता की तरफ से दिए गए आदेश की तरह ही समझा. मगर खुद मिताली ने एक इंटरव्यू में कहा कि साल 2009 के वर्ल्ड कप तक क्रिकेट को वे महज एक जिम्मेदारी ही समझ रहीं थी. मगर इसके बाद ही महसूस हुआ कि ये भी बेहद इंटरेस्टिंग चीज है. इस वर्ल्ड कप में पहली बार भारतीय वीमन्स टीम फाइनल तक पहुंची थी. कप्तान मिताली राज थी. ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार गए थे.
2014 में इंडिया टुडे के प्रोग्रैम माइंड रॉक्स में मिताली ने बताया और दिखाया भी कि वे खुद को आज भी कथक डांसर मानती हैं और जिंदगी के 8 साल उन्होंने इसे सीखने में लगाए हैं.
वीडियो देखें-
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