एक आदमी कितना स्वस्थ है, आप इस बात से तय कर सकते हैं कि वो दिन में कितनी गोलियां खाता है या कितनी सीढ़ियां चढ़ता है.
अमेरिकी हेल्थ एक्सपर्ट जोन विल्स का कोट है. ये सिर्फ अकेला कोट नहीं है जो इंसान के स्वास्थ पर बात करता हो, आसपास नजर उठाकर देखिए स्वास्थ्य पर ज्ञान बंटता नजर आ जाएगा. गूगल से लेकर पड़ोस वाली चाची जी तक, सब स्वास्थ्य पर ज्ञान गंगा बहा रहे हैं. दो साल पहले आए कोरोना ने तो हमारे स्वास्थ की कलई ही खोल दी, जब हमें पता चला कि एक स्वस्थ शरीर कितना जरूरी है किसी बीमारी से लड़ने के लिए. आप कहेंगे कि शरीर स्वस्थ है तो फिर बीमारी कैसे, तो भई बीमारी तो आएगी ही. लेकिन अगर आपका शरीर स्वस्थ है तो आप दूसरों के मुकाबले ज्यादा आसानी और जल्दी से निजात पाएंगे.
बीमारी तो कई हैं, लेकिन हम आज जिसका जिक्र कर रहें है वो है डायबिटीज या शुगर. नाम में तो मिठास है लेकिन घोलती जहर है, जो धीरे-धीरे आपके शरीर को खोखला बना देता है. हमें ये कहने में कोई मजा नहीं आ रहा, लेकिन हमारा देश दुनिया की डायबिटीज कैपिटल है. यहां तकरीबन 10 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं. और कितने ही करोड़ लोग बस एक कदम दूर है इस बीमारी के चंगुल में आने से, जिसे प्री-डायबिटीज स्टेज कहते हैं.

डायबिटीज क्या है, कितने प्रकार की होती है, इससे कैसे बचा जा सकता है और अगर आप डायबिटीज से पीड़ित हैं तो क्या इलाज है, इन सब सवालों पर हमारी सेहत सीरीज के तहत विस्तार से बात हुई है. इस रिपोर्ट में हम ये बताने की कोशिश करेंगे कि डायबिटीज होने की स्थिति में तकनीक या कहें आपका स्मार्टफोन कैसे आपकी मदद कर सकता है.
स्मार्टफोन इतने चतुर हो चुके हैं कि आपके दिल की धड़कन पर नजर रख सकते हैं. पानी कब पीना है इसके लिए घंटी बजा सकते हैं. कितनी कैलोरी खर्च करने से लेकर कितना दौड़ना भागना है, नींद कितनी लेते हैं, सब कुछ आपके स्मार्टफोन को पता है. वैसे ही बात चाहे डायबिटीज के मैनेजमेंट की हो या ब्लड शुगर चेक करने की, आपातकाल में सहायता की या फिर दवाई समय पर लेने की, आपका स्मार्टफोन ये सब कर सकता है. कैसे करता है, ये बताने के लिए हम हाजिर हैं.
मेडिकल आईडी बनाना
यदि आप डायबिटिक हैं तो सारे जरूरी काम छोड़कर अपनी पूरी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी आपके फोन के हेल्थ ऐप में डालिए. साथ में ये भी सुनिश्चित कीजिए कि इमरजेंसी कॉन्टेक्ट नंबर अपडेट हों. इससे किसी भी गंभीर परिस्थति में आपके परिजन से संपर्क किया जा सकेगा. हेल्थ ऐप आपके फोन के ऑपरेटिंग सिस्टम या कंपनी के हिसाब से अलग-अलग हो सकते हैं. लेकिन काम तकरीबन एक सा ही करते हैं.
अगर आपके फोन में ऐसा कोई ऐप नहीं है तो प्ले स्टोर पर जाकर गूगल फिट या अपनी पसंद के किसी ऐप को डाउनलोड कर लें. आप यहां अपनी डायबिटीज से जुड़ी कई जानकारी डाल सकते हैं. जैसे आपको किस का प्रकार (टाइप-1 या टाइप-2) की डायबिटीज है, इंसुलिन लेते हैं या फिर गोलियां, सब जानकारी भर सकते हैं.


मेडिकल आईडी बनाना तो बहुत जरूरी है, लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी है स्मार्टफोन के लॉक स्क्रीन पर दिखाई देने का विकल्प चालू करना. डायबिटिक मरीज के साथ ऐसा हो सकता है कि शुगर एकदम से बहुत नीचे या ऊपर हो जाए. दोनों ही स्थिति में हो सकता है कि आप सामान्य महसूस न करें. तब लॉक स्क्रीन पर दिख रहे नंबर पर फोन करके आपके परिजनों तक पहुंचा जा सकता है. आपको चिंता करने की जरूरत नहीं, क्योंकि मेडिकल आईडी यदि लॉक स्क्रीन पर दिख भी रहा है तो वहां से सिर्फ आपके परिजन या डॉक्टर को फोन किया जा सकता है. फोन के साथ कोई और छेड़छाड़ नहीं हो सकती. पावर बटन को 3 बार दबा कर मेडिकल आईडी को देखा जा सकता है. ये लगभग हर फोन का फीचर है.
मेडिसन ऐप का इस्तेमाल
दवाई मंगाने वाले कई ऐप आपको पता होंगे. लेकिन ये ऐप सिर्फ दवा भेजने का काम नहीं करते. आपकी डायबिटीज को मैनेज भी करते है. आपको दवा कब लेनी है, इसका रिमाइंडर आप इन ऐप पर सेट कर सकते हैं. दवा खत्म होने वाली है तो इसका नोटिफिकेशन भी मिल जाएगा. आप इनके एक्सपर्ट से भी बात कर सकते हैं. जरूरी हो तो. क्योंकि वो आमतौर पर पेड सर्विस होती है. बहुत से नए-नए आर्टिकल भी इन ऐप पर पब्लिश होते हैं. इनमें बताया जाता है कि डायबिटीज को लेकर दुनिया भर में क्या नया हो रहा है. एक और फायदा है इन ऐप का. इन पर आपको डायबिटीज में खाए जाने वाले बहुत से उत्पाद भी आसानी से मिल जाते हैं जो आप उपयोग कर सकते हैं.
ब्लड शुगर चेक करना
डायबिटीज में सबसे महत्वपूर्ण है ब्लड शुगर की जांच, वो भी वक्त पर. आमतौर पर हम ब्लड शुगर मॉनिटर का उपयोग करते हैं, लेकिन कितनी शुगर थी वो याद रखना एक दिक्कत ही है, भले वो मॉनिटर मेमोरी का विकल्प देता हो. अब बाजार में कई तरह के नए मॉनिटर उपलब्ध हैं जो ब्लूटूथ के सहारे या फिर आपके स्मार्टफोन के चार्जिंग पोर्ट में लगकर रीडिंग ले सकते हैं.
आकार में छोटे ये डिवाइस आसानी से साथ में लेकर कही भी ले जाए जा सकते हैं और ऐप आधारित हैं. तो रीडिंग याद रखने का झंझट भी खत्म. अगर आपकी शुगर कंट्रोल नहीं है तो आपके परिजन को संदेश भी पहुंचा देते हैं. कहने का मतलब कि आप छिपाना भी चाहो तो भी घरवालों को पता चल ही जाएगा.
आपको लगेगा कि ये सब तो महंगा होगा तो ऐसा नहीं है. एक आम शुगर मॉनिटर के आसपास के दाम में ही ये मिल जाते हैं. जैसे बीट-ओ कंपनी का ग्लूकोमीटर या फिर Accu-Chek Guide with Bluetooth. डायबिटीज मैनेजमेंट तो होता ही है साथ में मेमोरी फीचर की वजह से आप तिमाही शुगर भी एक टिप पर देख सकते हैं. डॉक्टरी बोलचाल में इसको HbA1c कहा जाता है.

थर्ड पार्टी ऐप
आपके स्मार्टफोन के हेल्थ ऐप की अपनी सीमाएं हैं, क्यूंकि वो सभी बीमारी में आपकी मदद करने की कोशिश करता है. ऐसे में यदि आप सिर्फ अपनी डायबिटीज को मैनेज करने के बारे में सोच रहे हैं तो कई थर्ड पार्टी ऐप आपके काम आ सकते हैं जो सिर्फ डायबिटीज मैनेज का काम करते हैं. डायबिटीज एम (Diabetes M) हों या फिर बीट डायबिटीज (Beat Diabetes) ऐप, आमतौर पर फ्री होते हैं. लेकिन कई पेड सर्विस भी होती हैं जिनको लेना या न लेना आप पर निर्भर है.
डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो हो गई तो इससे पूरी तरह से छुटकारा नहीं पाया जा सकता. लेकिन सतर्कता, व्यायाम, सही परहेज, दवा और नियमित तौर पर जांच करके कंट्रोल में जरूर रखा जा सकता है.
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