गेम ऑफ थ्रोंस. सीजन छह, एपिसोड नौ. जॉन स्नो और रामजी बोल्टन की सेनाओं की जोरदार टक्कर के बाद लाशों का पहाड़ खड़ा है. जॉन स्नो बुरी तरह से पिस रहा है. जीत की कोई उम्मीद नहीं. दूर अपने घोड़े पर खड़ा रामजी बोल्टन अपनी जीत पक्की मान मुस्कुरा रहा है. जॉन स्नो और उसके बचे हुए लोग चारों ओर से घेरे जा चुके हैं.
सब सेट था. बोल्टन जश्न की तैयारी में था. तभी दूर से एक भोंपू की आवाज आई और चंद सेकेंड्स में बोल्टन की मुस्कान जा चुकी थी. वह अपनी जान बचाने के लिए भाग रहा था. दरअसल अब जॉन स्नो की मदद के लिए आ चुके थे लॉर्ड लिटिलफिंगर और उनके साथ थे वेल के नाइट्स. दोनों ने मिलकर काम बना दिया और बोल्टन की सेना हार गई. ऐसा ही कुछ हुआ IPL 2020 के मैच नंबर 10 में. बस यहां जॉन स्नो की टीम जीत नहीं पाई.
बेंगलुरु रॉयल चैलेंजर्स ने टॉस हार पहले बैटिंग की और 201 रन बना डाले. जवाब में मुंबई के चार मुख्य बल्लेबाज 78 रन पर वापस जा चुके थे. रोहित शर्मा 8 रन, सूर्य कुमार यादव ज़ीरो रन, क्विंटन डि कॉक 14 रन और हार्दिक पंड्या 15 रन बनाकर आउट हो चुके थे. टीम अब भी 123 रन पीछे थी. सिर्फ 52 गेंदें फेंकी जानी थी. क्रीज़ पर आए कायरन पोलार्ड. सामने खड़े थे ईशान किशन. पहले दो मैच में ना खेले ईशान 29 बॉल्स में 38 रन बना चुके थे.
# खतरनाक बोलिंग
ईशान और पोलार्ड के आने के वक्त तक बेंगलुरु की जीत का बिगुल बज चुका था. लगभग सारे लोग उन्हें जीता हुआ मान चुके थे. कई लोगों ने लिखना शुरू कर दिया था,
‘बेंगलुरु का बोलिंग अटैक बेहद खतरनाक दिख रहा है. हाल के सालों में ऐसा कभी नहीं हुआ लेकिन अब ऐसा लग रहा कि बेंगलुरु की बोलिंग डरावनी है.’
12वां ओवर खत्म हुआ और अब मुंबई को जीत के लिए 48 बॉल्स में 119 रन चाहिए थे. ऐसे में कोहली ने इसुरु उदाना को वापस बुलाया. अपने पहले दो ओवर्स में 21 रन देने वाला उदाना ने कमाल की बोलिंग की और इस ओवर में सिर्फ छह रन दिए. रोहित की टीम को अब 42 में 113 रनों की जरूरत थी. इस बीच कहीं लिखा दिखा,
‘एक RCB फैन के तौर पर RCB बनाम MI मैचों की यादों में पोलार्ड ऐसा व्यक्ति के रूप में शामिल हैं जिन्होंने चिन्नास्वामी या वानखेड़े जैसे छोटे स्टेडियमों में कई बार बेंगलुरु से जीत छीनी है. लेकिन एक बार के लिए, बड़े मैदान के चलते आज स्थिति कुछ हद तक समान है.’
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— IndianPremierLeague (@IPL) September 28, 2020
13वां ओवर एडम ज़ाम्पा ने फेंका और इस ओवर की आखिरी बॉल पर छक्का आने से पहले उन्होंने सिर्फ तीन रन दिए. आखिरी बॉल पर छक्का मार ईशान ने 39 बॉल्स में अपनी फिफ्टी पूरी की. सीजन के पहले दो मैचों से बाहर रहने वाले ईशान के लिए यह फिफ्टी बेहद जरूरी थी. अगले दो ओवर्स में मुंबई सिर्फ 24 रन बटोर पाई. मैच फिर बेंगलुरु की ओर झुक गया. अब उन्हें जीत के लिए 24 बॉल्स में 80 रन चाहिए थे.
बस यहीं कोहली से मिस्टेक हो गई. 17वां ओवर लेकर ज़ाम्पा आए और पोलार्ड ने इसमें तीन छक्के और एक चौका मार 27 रन बटोर लिए. अगला ओवर युज़वेंद्र चहल ने फेंका और पोलार्ड ने ईशान के साथ मिलकर इसमें 22 रन कूट दिए. अब मुंबई को जीत के लिए दो ओवर में 31 रन चाहिए थे.
# हल्के में मत लो
यहां नवदीप सैनी ने मामला संभालने की कोशिश की. 19वें ओवर की पहली चार गेंदों पर उन्होंने सिर्फ चार सिंगल दिए और एक बॉल वॉइड रही. लेकिन पांचवीं गेंद पर ईशान ने कोहली के ऊपर से छक्का जड़ दिया. लास्ट बॉल पर सिंगल लेकर वह स्ट्राइक पर लौटे. अब मुंबई को आखिरी ओवर में 19 रन चाहिए थे.
लोगों ने सोचा,
‘शायद मुंबई इस वक्त ईशान को नॉन-स्ट्राइक एंड पर देखना चाहती थी.’
ख़ैर, ईशान ने सिंगल लिया, नॉन स्ट्राइकर एंड पर पहुंच गए. उदाना की अगली बॉल पर पोलार्ड भी सिंगल ही ले पाए. अब उन्हें आखिरी चार बॉल्स पर 17 रन चाहिए थे और स्ट्राइक पर फिर ईशान किशन. उदाना की लो फुलटॉस ऑफस्टंप के बाहर थी और ईशान ने इसे स्लॉग कर दिया. बॉल उड़ी लॉन्ग-ऑन बाउंड्री की ओर जहां गुरकीरत मान फील्डिंग कर रहे थे. गुरकीरत ने इसे लपकने की पूरी कोशिश की लेकिन बॉल उनकी उंगलियों से लगकर बाउंड्री पार चली गई.
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अगली गेंद, ओवरपिच. ईशान ने इसे बेहद आसानी के साथ बाउंड्री के पार उड़ा गिया, हालात बदल चुके थे. अब मुंबई को दो गेंदों पर पांच रन चाहिए थे. ईशान ने अगली बॉल को फिर उड़ा दिया. लेकिन इस बार बॉल डीप मिडविकेट पर खड़े देवदत्त पडिक्कल के हाथ में जाकर गिरी. ईशान, अपनी सेंचुरी और जीत से कुछ यार्ड दूर ही रह गए. ईशान इस शॉट से बेहद फ्रस्ट्रेट हुए और अपने हेलमेट पर मुक्का मारते हुए वापस गए. ओवर की आखिरी बॉल पर पोलार्ड ने चौका जमाकर मैच सुपर ओवर में पहुंचा दिया. बाद में सुपर ओवर में मुंबई की टीम हार गई.