सिडनी टेस्ट में भारत का बुरा हाल है. पहली पारी में टीम 244 पर सिमट गई. पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया ने 94 रन की लीड ले ली. फिर दूसरी पारी में विल पुकोव्स्की और डेविड वॉर्नर के जल्दी जाने के बाद स्टीव स्मिथ और मार्नस लाबुशेन टिक गए. दिन का खेल खत्म होने तक ऑस्ट्रेलिया ने अपनी दूसरी पारी में दो विकेट खोकर 103 रन बना लिए हैं.
टोटल बढ़त 197 रन की हो गई है. अभी टेस्ट के दो दिन बाकी हैं. कुल मिलाकर अपनी बल्लेबाजी के दम पर भारत ने एक बार फिर से खुद को परेशानी में डाल लिया है. बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का तीसरा टेस्ट चल रहा है. कुल 5 पारियां निकल चुकी हैं. इनमें भारत की महान बैटिंग लाइनअप ने कुल मिलाकर चार पचासे मारे हैं.
# Vihari की शुरुआत
विराट कोहली, शुभमन गिल, चेतेश्वर पुजारा और रविंद्र जडेजा. इन चारों के अलावा सिर्फ अजिंक्य रहाणे ही 50 या उसके पार पहुंच पाए हैं. रहाणे इस टूर में अभी तक भारत के इकलौते शतकवीर हैं. अब इन तमाम बातों के बाद, अगर आपको भारतीय बैटिंग से कोई उम्मीद नहीं बची हो तो एक खास प्लेयर की ओर चलते हैं. जिससे आपकी 0.0001 प्रतिशत उम्मीद भी खत्म हो जाए. Kidding, Sorry.
हनुमा विहारी. जिन्हें क्रिकइंफो क्लासिकली करेक्ट मिडल ऑर्डर बल्लेबाज बताता है. विहारी भारत के लिए ऋषभ पंत और रविंद्र जडेजा से ठीक पहले यानी आखिरी विशेषज्ञ बल्लेबाज के रूप में खेलते हैं. विहारी ने साल 2018 में भारत के लिए टेस्ट डेब्यू किया था. तब उनका फर्स्ट क्लास ऐवरेज 60 के क़रीब था और उन्हें बड़े स्कोर करने का मास्टर माना जाता था.
विहारी ने इंग्लैंड के खिलाफ ओवल टेस्ट से डेब्यू किया. पहली पारी में ही 56 रन बना डाले. उम्मीद जगी ही थी कि दूसरी पारी में ज़ीरो पर चले गए. ख़ैर, क्रिकेट में ये सब तो होता ही रहता है. इसके बाद टीम ऑस्ट्रेलिया टूर पर गई. वहां दो मैचों की चार पारियों में विहारी ने 69 रन बनाए.
फिर आया वेस्ट इंडीज़ टूर. यहां नॉर्थ साउंड टेस्ट की पहली पारी में उन्होंने 32 और दूसरी में 93 बनाया. लगा कि पोटेंशियल तो है लड़के में. इसके बाद अगले ही मैच में उन्होंने सेंचुरी ठोक दी. किंग्सटन में हुए इस मैच की पहली पारी में विहारी ने 111 और दूसरी पारी में 53 रन की नॉटआउट पारी खेली.
# अब वाले Hanuma
अंग्रेजी में शायद इसे ही अनाउंस्ड हिमसेल्फ ऑन बिग स्टेज कहते होंगे. लेकिन इस अनाउंसमेंट के बाद विहारी छह टेस्ट मैचों की नौ पारियों में सिर्फ एक पचासा मार पाए हैं. न्यूज़ीलैंड के खिलाफ क्राइस्टचर्च टेस्ट में. इन नौ पारियों में से चार तो मौजूदा सीरीज में ही आई हैं. एडिलेड में विहारी ने 16 और 8 रन बनाए. मेलबर्न में उन्हें एक ही पारी में बैटिंग मिली जिसमें उन्होंने 21 रन बनाए. सिडनी टेस्ट की पहली पारी में वह सिर्फ चार रन बनाकर आउट हुए.
किंग्सटन टेस्ट के बाद विहारी 10, 7, 15, 55, 9, 16, 8, 21 और 4 रन की पारियां खेली हैं. उनका ओवरऑल टेस्ट ऐवरेज 31.63 का है. लेकिन इसमें एक झोल है. इसमें से वेस्ट इंडीज़ के दो टेस्ट निकाल दें तो यह ऐवरेज 19.5 का हो जाता है. वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ 96.33 का ऐवरेज रखने वाले विहारी बाकी हर टीम के खिलाफ स्ट्रगल करते हैं. फिर चाहे वो इंग्लैंड हो, ऑस्ट्रेलिया हो, साउथ अफ्रीका हो या फिर न्यूज़ीलैंड. इतना ही नहीं, उनके इस स्ट्रगल में एक चीज और खास है- वह भारत और विदेश दोनों जगह बराबर स्ट्रगल करते हैं. ऑफकोर्स इसमें विंडीज़ शामिल नहीं है.
Hanuma Vihari in Test cricket:
vs WI: 2 Tests, 96.33 average
vs others: 10 Tests, 19.5 average#AUSvIND pic.twitter.com/hGoXAwapcF— Wisden India (@WisdenIndia) January 9, 2021
इसमें एक बात और है. विहारी ने अभी तक भारत में सिर्फ एक टेस्ट खेला है. अक्टूबर 2019 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ विशाखापत्तनम टेस्ट. जहां रोहित शर्मा और मयंक अग्रवाल ने पहले विकेट के लिए ही 317 रन जोड़ डाले थे. लेकिन इस बेहतरीन शुरुआत के बाद पूरी टीम ही ढह गई. मयंक और रोहित के बाद दूसरा सबसे बड़ा स्कोर रविंद्र जडेजा का रहा. जड्डू ने 30 रन बनाए. विहारी इस टेस्ट में 10 रन बनाकर आउट हुए थे.
इब ये सारे स्टैट्स जोड़कर आप सोच रहे होंगे- विहारी को तो बाहर कर देना चाहिए. लेकिन नहीं. प्रैक्टिकली ये संभव नहीं दिख रहा. क्योंकि टीम इंडिया के पास विहारी के रिप्लेसमेंट के रूप में मयंक अग्रवाल, पृथ्वी शॉ, ऋद्धिमान साहा बस यही तीन नाम हैं. इनमें से दो ओपनर हैं और साहा अपनी बैटिंग के लिए कभी फेमस नहीं रहे.
तो मित्रों… विहारी भले ही खुद की प्रतिभा से न्याय नहीं कर पा रहे, लेकिन हमारे पास उनका विकल्प भी नहीं है. ऐसे में रोज ट्विटर पर ट्रेंड कराकर भी कुछ खास नहीं होने वाला. अपन लोगों को इंग्लैंड सीरीज तक वेट करना ही होगा.
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