‘ये दुख खत्म काहे नहीं होता है बे.’
कोरोना को लेकर हम सभी के इमोशन्स को एकदम सही से बताने के लिए विक्की कौशल का ये डायलॉग सबसे सटीक है. कोविड-19 की पहली लहर पूरी तरह खत्म नहीं हुई थी कि दूसरी प्रचंड लहर ने हमें वो भयानक दिन दिखाए जिनकी कल्पना कभी नहीं की गई थी. और दूसरी लहर के प्रभाव से देश ने उबरना शुरू ही किया था कि कोरोना का ओमिक्रॉन वेरिएंट तीसरी लहर लेकर आ गया. ऐसे में यही मन में आता है- ‘ये कोरोना खत्म काहे नहीं होता है बे’.
ये अब साफ है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट की वजह से ही एक बार फिर हर दिन लाखों की संख्या में लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो रहे हैं. बीती 27 दिसंबर से 9 जनवरी के बीच देश में कोरोना वायरस के 9 लाख 14 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं. जो लोग वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके हैं, उन्हें भी ओमिक्रॉन संक्रमित कर रहा है. ऐसे में अब वैक्सीन की बूस्टर डोज या कहें ‘प्रिकॉशन डोज’ दी जा रही है. बीती 25 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में ‘प्रिकॉशन डोज’ की घोषणा की थी. सोमवार 10 जनवरी से इस वैक्सीनेशन ड्राइव की शुरूआत हो गई है.
शुरुआत में बूस्टर डोज फ्रंटलाइन वर्कर्स, हेल्थकेयर वर्कर्स और 60 साल से ऊपर के बुजुर्गों को लगाई जाएगी. अब आपके मन में ये सवाल जरूर होगा कि जब पहले दो डोज में ही काम हो जाने की बात थी तो फिर तीसरी या बूस्टर डोज की जरूरत क्यों पड़ी? ऐसे ही और भी कई जरूरी सवालों के जवाब जानने की कोशिश करते हैं.
क्या है बूस्टर डोज?
बूस्टर डोज को लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि ये वैक्सीन का मिश्रण होगी. लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय ने साफ किया है कि तीसरी खुराक में भी वही वैक्सीन दी जाएगी जो पहली दो खुराकों में दी गई थी. सरकार ने फिलहाल देश में लगाई जा रही 8 में से 3 वैक्सीन्स के बूस्टर डोज की ही अनुमति दी है. कोवैक्सीन, कोविशील्ड और रूस की स्पूतनिक वी.

एक्सपर्ट्स के मुताबिक कोरोना की दूसरी वैक्सीन लगने के 9 महीनों या 39 हफ्तों के बाद ही बूस्टर डोज लगेगी. मतलब पिछले साल 14 अप्रैल से पहले जिसे वैक्सीन की दूसरी डोज लगी है, फिलहाल वही तीसरी डोज ले पाएंगे. इस बारे में जानकारी देते हुए नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने बताया,
जिन लोगों ने पहली दो खुराक कोविशील्ड की ली है, उन्हें कोविशील्ड टीका दिया जाएगा और जिन लोगों ने कोवैक्सीन ली है, उन्हें कोवैक्सीन दी जाएगी. वैक्सीन के मिश्रण को लेकर नई जानकारी, विज्ञान और आंकड़ों पर भी नजर रखी जा रही है.
Precautionary COVID-19 vaccine dose will be the same vaccine as has been given previously. Those who’ve received Covaxin will receive Covaxin, those who’ve received primary two doses of Covishield will receive Covishield: Dr VK Paul, Member-Health, NITI Aayog pic.twitter.com/9brCnzRWXH
— ANI (@ANI) January 5, 2022
बूस्टर डोज की जरूरत क्यों?
अलग-अलग अध्ययनों और एक्सपर्ट्स के मुताबिक वैक्सीन से शरीर में बनी इम्यूनिटी कुछ महीनों बाद कम होने लगती है. WHO ने भी यही बताया है कि दूसरे डोज के 6 महीने बाद इससे बनी इम्यूनिटी घटने लगती है. ऐसे में जिन्हें काफी महीनों पहले वैक्सीन की दूसरी डोज लगी थी, उन्हें वैक्सीन की बूस्टर डोज देना जरूरी है. कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट ने इसकी जरूरत और बढ़ा दी है.
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने ओमिक्रॉन पर वैक्सीन के असर को लेकर एक स्टडी जारी की है. इसमें बताया गया है कि ओमिक्रॉन के खिलाफ फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन कम कारगर हैं. शोधकर्ताओं ने वैक्सीन की सेकेंड डोज ले चुके लोगों में 28 दिन के बाद एंटीबॉडी लेवल चेक किया था. स्टडी के मुताबिक कई लोगों में तो एंटीबॉडी लेवल इतना कम हो गया कि उनका शरीर वायरस से को रोकने में बिल्कुल कारगर नहीं रह गया था. इस आधार पर कहा गया कि जो लोग बूस्टर डोज के लिए एलिजिबल हैं वो जल्द से जल्द इसे ले लें.
इकॉनमिक टाइम्स में छपी खबर के अनुसार भारत बायोटेक और पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) की एक स्टडी में पता लगा कि दूसरी खुराक के छह महीने बाद कोवैक्सीन की तीसरी बूस्टर डोज लेने से ज्यादा इम्यूनिटी के साथ गंभीर बीमारी से लंबे समय तक सुरक्षा मिलती है. कहा गया कि इसे लेने वाले लोगों में से 90 पर्सेंट को कोरोना के खतरनाक स्ट्रेन के खिलाफ बेहतर इम्यूनिटी मिलती है. ये दावा भी किया गया है कि बूस्टर डोज सेफ है और नए वेरियंट के खिलाफ लड़ाई में इसे लिया जाना भी बेहद जरूरी है.
वहीं NDTV की एक खबर के मुताबिक भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के डायरेक्टर जनरल डॉ. बलराम भार्गव ने बूस्टर डोज को लेकर बताया,
सभी कोविड टीके, चाहे वे भारत, इजराइल, अमेरिका, यूरोप, ब्रिटेन या चीन से हों, मुख्य रूप से संक्रमण को नहीं रोकते हैं. बूस्टर डोज मुख्य रूप से संक्रमण की गंभीरता को कम करने, अस्पताल में भर्ती होने और मौत के खतरे को कम करता है.
Third dose of COVAXIN holds promise. Detail information is accessible at https://t.co/WPCKxjdaKS@MoHFW_INDIA @DeptHealthRes @PIB_India @mygovindia @COVIDNewsByMIB #ICMRFIGHTSCOVID19 #IndiaFightsCOVID19 #CoronaUpdatesInIndia #COVID19 #Unite2FightCorona #COVAXIN pic.twitter.com/1MtcV6Xn0g — ICMR (@ICMRDELHI) January 9, 2022
इसका प्रोसेस क्या होगा?
फ्रंटलाइन वर्कर्स और हेल्थ केयर वर्कर्स लगातार कोरोना संक्रमितों के संपर्क में रहते हैं, इसीलिए उन्हें संक्रमण का खतरा ज्यादा है. बूस्टर डोज लगाने के प्रोसेस में इन लोगों का नंबर सबसे पहले आता है. वहीं 60 साल से ऊपर की उम्र के बुजुर्गों की इम्यूनिटी तुलनात्मक रूप से कमजोर होने का डर रहता है, इसीलिए इन्हें भी पहले बूस्टर डोज दिया जा रहा है.
केंद्र सरकार ने साफ किया है कि बूस्टर डोज के लिए रजिस्ट्रेशन करने की जरूरत नहीं होगी. पहले ही दो डोज ले चुके हैं तो CoWin पर आपका अकाउंट बन ही चुका है. अब बस आपके रजिस्टर्ड नंबर पर मैसेज आने के बाद आप CoWin के जरिए बूस्टर डोज के लिए स्लॉट बुक कर सकते हैं, या सीधे किसी भी सेंटर में जा सकते हैं.
आजतक की खबरके मुताबिक बूस्टर डोज के लिए जरूरी डॉक्युमेंट और इसके सर्टीफिकेट को लेकर नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के सीईओ डॉ. आरएस शर्मा ने बताया है,
जैसे पहले दो डोज में आप कोई एक पहचान पत्र लेकर वैक्सीनेशन सेंटर जाते थे, वैसे ही इस बार भी आपको वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस में से कोई एक पहचान पत्र साथ लेकर जाना होगा. जिस तरह वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज लगने पर वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट मिला है, उसी तरह बूस्टर डोज का सर्टिफिकेट भी मिलेगा.
#PrecautionDose for healthcare workers, frontline workers & senior citizens aged 60 years or above with comorbidities, being administered from today, 10th January, 2022. ️The fight is still on, it’s time to defeat #Omicron.#IndiaFightsCorona #We4Vaccine #LargestVaccineDrive pic.twitter.com/Nzitfr2WN7 — #IndiaFightsCorona (@COVIDNewsByMIB) January 10, 2022
जो लोग बूस्टर डोज लगवा चुके हैं, उन्हें पहली दो डोज के बाद की ही तरह कॉमन रिएक्शन दिख सकते हैं. लिहाजा घबराने की कोई जरूरत नहीं है. वहीं बाकी लोगों को कब तीसरी डोज मिलेगी, फिलहाल इसे लेकर केंद्र सरकार ने कोई जानकारी नहीं दी है.
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