अपनी गाड़ी से है प्यार और डलवा रहे E20 पेट्रोल, तो स्मार्ट बनने का टाइम आ गया है
E20 Fuel Compatibility: सभी पेट्रोल पंप पर E20 फ्यूल मिल रहा है. लोगों को टेंशन है कि इससे उनकी गाड़ी का माइलेज खराब हो सकता है. अगर आप भी E20 फ्यूल का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
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सरकार पेट्रोल में एथेनॉल मिलाने लगी, तो इससे लोगों की चिंता बढ़ने लगी. लोग दावे करने लगे कि E20 फ्यूल से उनकी गाड़ी का माइलेज 15-20% तक गिर गया. इससे उनकी गाड़ी के इंजन की उम्र घट जाएगी आदि. दूसरी तरफ, ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ARAI) का कहना है कि E20 पेट्रोल से गाड़ी के माइलेज में 1-6 फीसदी तक की मामूली गिरावट दिखी.
बाकी, इंजन की सुरक्षा और लोगों की चिंताओं को देखते हुए कुछ ऑटो कंपनियां भी सामने आईं. किसी ने कहा कि पेट्रोल में फ्यूल क्लीनर मिला लो, तो कोई E20 अपग्रेड किट लॉन्च करने की बात करने लगी.
लब्बोलुआब यही है कि अब लोगों के पास E20 फ्यूल को अपनाने के अलावा, कोई दूसरा चारा नहीं है. क्योंकि पूरे भारत में ही बिकने वाले नॉर्मल पेट्रोल में एथेनॉल मिक्स किया जा रहा है. वहीं, अप्रैल 2023 से बनी कारें ही E20 फ्यूल के लायक हैं.
लेकिन आपके पास इससे पुरानी कार (E10 फ्यूल कंप्लायंट इंजन) है, तो आप भी स्मार्ट बनिए और कुछ बातों का ध्यान रखिए. माने कि कुछ चीजों पर अभी से ध्यान देने से कार का इंजन जल्द डैमेज होने से बच सकता है.
इंजन पर नजर रखनाऑटोकार इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, E20 फ्यूल का इस्तेमाल करने से गाड़ी अचानक खराब नहीं होती है. लेकिन लंबे समय तक इसका इस्तेमाल करने से धातु के पुर्जों में जंग लग सकता है. इसलिए अपनी गाड़ी के फ्यूल सिस्टम और उसके पुर्जों को समय-समय पर चेक करते हैं.
बोले तो पहले से ज्यादा चौकन्ना होते हुए अपनी गाड़ी चेक करें. जैसे- फ्यूल पंप, फ्यूल लाइन, फिल्टर, गैसकेट आदि. मामूली जंग का निशान दिखने पर भी, पुर्जों को बदल दें. E20 सर्टिफाइड इंजन में ये रिस्क कम होता है. लेकिन मैनटेनेंस उनमें भी जरूरी है.

E20 फ्यूल को सपोर्ट ना करने वाली गाड़ी में अगर इस पेट्रोल का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो लंबे समय तक कार को खड़ा ना रखें. दरअसल, एथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल के लंबे समय तक इंजन में रहने से ये हवा से नमी सोखकर फ्यूल टैंक में अलग पानी की लेयर बना देता है. इससे इंजन को नुकसान हो सकता है.
फ्यूल टैंक के पुर्जों में जंग लग सकती है. एथेनॉल मिले पेट्रोल को लंबे समय तक यूं ही इंजन में पड़े रहने देना समझदारी नहीं है. इसलिए मुमकिन हो तो फुल टैंक करवाने की आदत डालें. इसके अलावा लंबे समय तक गाड़ी को बिना चलाए ना रखें, नहीं तो इंजन उम्र से पहले साथ छोड़ देगा.
फ्यूल एडिटिव्स का इस्तेमालकुछ तेल कंपनियां जंग से बचाने के लिए फ्यूल एडिटिव्स बेचती हैं. ये फ्यूल एडिटिव्स ऑक्सीडेशन को धीमा करते हैं और पेट्रोल और एथेनॉल को अलग-अलग होने से रोकते हैं. कार कंपनी की तरफ से सुझाए गए एडिटिव्स का इस्तेमाल करने से धातु के हिस्सों को जंग से बचाया जा सकता है.
लेकिन रबर की नली और सील को किसी भी तरह के एडिटिव्स से ज्यादा फायदा नहीं पहुंचता है. समय के साथ इन्हें बदलना पड़ता है. ध्यान रहे कि जिस फ्यूल एडिटिव्स का आप इस्तेमाल कर रहे हैं, वो E20-compatible हो.

अगर आप प्योर पेट्रोल चाहते हैं, माने बिल्कुल एथेनॉल फ्री पेट्रोल, तो फिर 100 ऑक्टेन वाला पेट्रोल का इस्तेमाल कर सकते हैं. लेकिन ये तेल हर जगह मिलता नहीं है. अगर कहीं मिल भी जाए, तो काफी महंगा है. इसकी कीमत करीब 160 रुपये प्रति लीटर.
लेकिन इसका इस्तेमाल करना शायद आम कार मालिकों के लिए मुफीद नहीं रहेगा, क्योंकि पार्ट रिप्लेस करने के मुकाबले लंबे समय तक महंगा पेट्रोल डलवाना घाटे का सौदा हो सकता है.
बाकी, सरकार के फैसले के साथ खुद को ढालने के अलावा कोई बेहतर ऑप्शन नहीं है. क्योंकि नॉर्मल पेट्रोल में एथेनॉल मिलेगा ही मिलेगा और पावर पेट्रोल बहुत ज्यादा महंगा है. बस कुछ सावधानी बरतकर आप अपनी पुरानी गाड़ी को लंबे समय तक के लिए सुरक्षित रख सकते हैं.
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