
ऋषभ
गंगाजल उठवा लो. जो कभी इत्ते बड़े ज्ञान कुबेर से पाला पड़ा हो. धन कुबेर नहीं ज्ञान कुबेर. रिसर्च बताती हैं कि सबसे जायदा आइंस्टीन ने अपने दिमाग का इस्तेमाल किया था. लमसम आठ परसेंट. ये आंकड़ा ऋषभ प्रतिपक्ष से थोड़ा सा ही कम है. अर्थात ऋषभ मल्टीटास्किंग आदमी हैं. हर एरिया में इंट्रेस्ट है. तेरह खाना रिंच समझो. विकीपीडिया के पापा हैं. बस इनके सामने खड़े होकर कीवर्ड बोलना है. फिल्म हिंदी हो चाहे इंग्लिश. चाहे वो वाली. सबके बारे में खुलके पूछो. पॉलिटिक्स अखिलेश यादव की हो चाहे ट्रंप की. चाहे गद्दाफी की. सबकी जित्ती खबर ऋषभ को है उतनी खुद उनको न होगी जिनकी पॉलिटिक्स है. इनसे किस्से सुन लो. लिखवा लो. बस गाने को न कहो. नहीं तो लिप्सिंक करेंगे. आवाज इत्ती भारी है जैसे मक्के से भरा छमनिया बोरा. लेकिन बहुत तोल के बोलते हैं. तुम्हारी घंटों की बहस पर इनका एक कमेंट फाइनल होगा, ये नोट कल्लो लिख लो. दुनिया कहती थी कि एक बिहारी सब पर भारी होता है. हम न माने. रवीश कुमार ने कहा. हम हंसकर टाल दिए. लेकिन जब ये आदमी थोड़ा सा झुककर खरामा खरामा चलते हुए आया. और कान में वजनदार हेलो बोलकर सख्त तरीके से हाथ मिलाया तब मानना पड़ा. हमारी टीम के लिए लूमिनस बैटरी हैं. जिसपर देश करे भरोसा.
तहखाना
वो धाकड़ राष्ट्रपति, जिसकी दबंगई के किस्से अक्सर सुर्खियों में रहते हैं
व्लादिमीर पुतिन. एक ऐसा नाम, जो रूस का पर्याय बन चुका है. जिसके बारे में अफवाहें चलती हैं कि वो डेढ़ सौ साल से जिंदा है. रूस की रक्षा कर रहा है. दुनिया की सबसे ठंडी जगह साइबेरिया में नंगे बदन खड़े पुतिन की फोटो खूब दिखाई देती है. सोवियत यूनियन के टूटने के बाद पुतिन … और पढ़ें वो धाकड़ राष्ट्रपति, जिसकी दबंगई के किस्से अक्सर सुर्खियों में रहते हैं
वो धाकड़ राष्ट्रपति, जिसकी दबंगई के किस्से अक्सर सुर्खियों में रहते हैं
व्लादिमीर पुतिन. एक ऐसा नाम, जो रूस का पर्याय बन चुका है. जिसके बारे में अफवाहें चलती हैं कि वो डेढ़ सौ साल से जिंदा है. रूस की रक्षा कर रहा है. दुनिया की सबसे ठंडी जगह साइबेरिया में नंगे बदन खड़े पुतिन की फोटो खूब दिखाई देती है. सोवियत यूनियन के टूटने के बाद पुतिन … और पढ़ें वो धाकड़ राष्ट्रपति, जिसकी दबंगई के किस्से अक्सर सुर्खियों में रहते हैं
तहखाना
11 जनवरी, 1966 की रात लाल बहादुर शास्त्री के साथ ताशकंद में क्या हुआ था?
2 अक्टूबर, 1904 को लाल बहादुर शास्त्री का जन्म हुआ और 11 जनवरी, 1966 को लाल बहादुर शास्त्री की मौत हुई थी. ताशकंद में उस रात को क्या हुआ था, ये आज भी हिंदुस्तान में चर्चा का विषय बना रहता है. सरकारें आईं और गईं. पर किसी ने इस मौत से पर्दा नहीं उठाया. हमेशा विपक्ष … और पढ़ें 11 जनवरी, 1966 की रात लाल बहादुर शास्त्री के साथ ताशकंद में क्या हुआ था?
11 जनवरी, 1966 की रात लाल बहादुर शास्त्री के साथ ताशकंद में क्या हुआ था?
2 अक्टूबर, 1904 को लाल बहादुर शास्त्री का जन्म हुआ और 11 जनवरी, 1966 को लाल बहादुर शास्त्री की मौत हुई थी. ताशकंद में उस रात को क्या हुआ था, ये आज भी हिंदुस्तान में चर्चा का विषय बना रहता है. सरकारें आईं और गईं. पर किसी ने इस मौत से पर्दा नहीं उठाया. हमेशा विपक्ष … और पढ़ें 11 जनवरी, 1966 की रात लाल बहादुर शास्त्री के साथ ताशकंद में क्या हुआ था?
भैरंट
शेर जैसा लड़का खरखराती आवाज में गुंडों को धमकाता तो लगता, 'अपने मोहल्ले का हीरो है'
25-30 साल पहले बॉलीवुड में माहौल एकदम लुल्ल हो गया था. हीरो तो जैसे एकदम कमजोर पड़ गए थे. अनिल कपूर, जैकी श्रॉफ, सनी देओल, संजय दत्त मिथुन पूरी कोशिश कर रहे थे गुंडों को पीटने की, पर हो नहीं पा रहा था. वो वक़्त मोगाम्बो के लिए ही जाना जाता था. नहीं तो सड़क … और पढ़ें शेर जैसा लड़का खरखराती आवाज में गुंडों को धमकाता तो लगता, ‘अपने मोहल्ले का हीरो है’
शेर जैसा लड़का खरखराती आवाज में गुंडों को धमकाता तो लगता, 'अपने मोहल्ले का हीरो है'
25-30 साल पहले बॉलीवुड में माहौल एकदम लुल्ल हो गया था. हीरो तो जैसे एकदम कमजोर पड़ गए थे. अनिल कपूर, जैकी श्रॉफ, सनी देओल, संजय दत्त मिथुन पूरी कोशिश कर रहे थे गुंडों को पीटने की, पर हो नहीं पा रहा था. वो वक़्त मोगाम्बो के लिए ही जाना जाता था. नहीं तो सड़क … और पढ़ें शेर जैसा लड़का खरखराती आवाज में गुंडों को धमकाता तो लगता, ‘अपने मोहल्ले का हीरो है’
झमाझम
गांधी के दादा, जिन्होंने अंग्रेजों की पोल-पट्टी खोल दी थी
1857 के स्वतंत्रता संग्राम के बाद भारत में चारों ओर ठंडई छा गई थी. अंग्रेज भी सहमे थे. बता नहीं रहे थे किसी को. किसी तरह का सैनिक विद्रोह नहीं चाहते थे. और अब देश में पॉलिटिक्स लाना चाहते थे. पर देश में बहुत सारे लोग ब्रिटिश कानून से परिचित नहीं थे. बहुत ही कम … और पढ़ें गांधी के दादा, जिन्होंने अंग्रेजों की पोल-पट्टी खोल दी थी
गांधी के दादा, जिन्होंने अंग्रेजों की पोल-पट्टी खोल दी थी
1857 के स्वतंत्रता संग्राम के बाद भारत में चारों ओर ठंडई छा गई थी. अंग्रेज भी सहमे थे. बता नहीं रहे थे किसी को. किसी तरह का सैनिक विद्रोह नहीं चाहते थे. और अब देश में पॉलिटिक्स लाना चाहते थे. पर देश में बहुत सारे लोग ब्रिटिश कानून से परिचित नहीं थे. बहुत ही कम … और पढ़ें गांधी के दादा, जिन्होंने अंग्रेजों की पोल-पट्टी खोल दी थी
भैरंट
गोलमाल फिल्म का वो एक्टर, जो नक्सल समर्थक था!
हमारे देश में सिनेमा के कलाकारों पर एक तोहमत मढ़ी जाती है कि वो सिर्फ अपने ही काम से काम रखते हैं. देश के मुद्दों पर नहीं बोलते. पर ऐसा है नहीं. कुछ थे, जिनको देश के मुद्दों से उतना ही प्यार था, जितना कि किसी क्रांतिकारी को होता है. शायद हम ही वैसे लोगों … और पढ़ें गोलमाल फिल्म का वो एक्टर, जो नक्सल समर्थक था!
गोलमाल फिल्म का वो एक्टर, जो नक्सल समर्थक था!
हमारे देश में सिनेमा के कलाकारों पर एक तोहमत मढ़ी जाती है कि वो सिर्फ अपने ही काम से काम रखते हैं. देश के मुद्दों पर नहीं बोलते. पर ऐसा है नहीं. कुछ थे, जिनको देश के मुद्दों से उतना ही प्यार था, जितना कि किसी क्रांतिकारी को होता है. शायद हम ही वैसे लोगों … और पढ़ें गोलमाल फिल्म का वो एक्टर, जो नक्सल समर्थक था!
भैरंट
हवा में मरा दिल्ली यूनिवर्सिटी का लड़का, जिसके नाम से पाकिस्तान थर-थर कांपता था
17 अगस्त, 1988 को पाकिस्तान के बहावलपुर में एक प्लेन क्रैश हुआ. ये प्लेन क्रैश दुनिया के जेहन में नहीं होगा. पर पाकिस्तान के लिए मायने रखता है. इसमें कुल 31 लोगों की मौत हुई थी. इन लोगों में पाकिस्तान का सबसे ज्यादा समय तक रहने वाला प्रेसिडेंट था. जिया उल हक़. वो प्रेसिडेंट, जिसने पाकिस्तान … और पढ़ें हवा में मरा दिल्ली यूनिवर्सिटी का लड़का, जिसके नाम से पाकिस्तान थर-थर कांपता था
हवा में मरा दिल्ली यूनिवर्सिटी का लड़का, जिसके नाम से पाकिस्तान थर-थर कांपता था
17 अगस्त, 1988 को पाकिस्तान के बहावलपुर में एक प्लेन क्रैश हुआ. ये प्लेन क्रैश दुनिया के जेहन में नहीं होगा. पर पाकिस्तान के लिए मायने रखता है. इसमें कुल 31 लोगों की मौत हुई थी. इन लोगों में पाकिस्तान का सबसे ज्यादा समय तक रहने वाला प्रेसिडेंट था. जिया उल हक़. वो प्रेसिडेंट, जिसने पाकिस्तान … और पढ़ें हवा में मरा दिल्ली यूनिवर्सिटी का लड़का, जिसके नाम से पाकिस्तान थर-थर कांपता था
भैरंट
श्रीदेवी को चाय बनाते देख राम गोपाल वर्मा इतने नाराज़ हुए कि बोनी को कभी माफ़ नहीं किया
1980-90 का दौर भारत में बड़ा ही उथल-पुथल वाला था. राजनीति एकदम से बदल रही थी. राम का नाम बेचा रहा था. वहीं बॉलीवुड से कूड़ा आ रहा था. सिनेमा के लिहाज से इसको बॉलीवुड का सबसे ख़राब वक़्त माना जाता है. उसी वक़्त हमारे बबलू भैया जवान हो रहे थे. राजनीति और सिनेमा में … और पढ़ें श्रीदेवी को चाय बनाते देख राम गोपाल वर्मा इतने नाराज़ हुए कि बोनी को कभी माफ़ नहीं किया
श्रीदेवी को चाय बनाते देख राम गोपाल वर्मा इतने नाराज़ हुए कि बोनी को कभी माफ़ नहीं किया
1980-90 का दौर भारत में बड़ा ही उथल-पुथल वाला था. राजनीति एकदम से बदल रही थी. राम का नाम बेचा रहा था. वहीं बॉलीवुड से कूड़ा आ रहा था. सिनेमा के लिहाज से इसको बॉलीवुड का सबसे ख़राब वक़्त माना जाता है. उसी वक़्त हमारे बबलू भैया जवान हो रहे थे. राजनीति और सिनेमा में … और पढ़ें श्रीदेवी को चाय बनाते देख राम गोपाल वर्मा इतने नाराज़ हुए कि बोनी को कभी माफ़ नहीं किया
भैरंट
लार टपकती तो पता चल जाता कि सुनील शेट्टी अब अन्हुआ सांड की तरह मारेगा
ना कजरे की धार, ना मोतियों के हार ना कोई किया सिंगार, फिर भी कितनी सुन्दर हो , तुम कितनी सुन्दर हो…. फिल्म है मोहरा. एकदम मासूमियत से ये गाना गाता हुआ पैंट की जेब में हाथ डाले एक लड़का घूमता है. उसके दोनों अंगूठे जेब से बाहर निकले रहते हैं. फिल्म के अंत में … और पढ़ें लार टपकती तो पता चल जाता कि सुनील शेट्टी अब अन्हुआ सांड की तरह मारेगा
लार टपकती तो पता चल जाता कि सुनील शेट्टी अब अन्हुआ सांड की तरह मारेगा
ना कजरे की धार, ना मोतियों के हार ना कोई किया सिंगार, फिर भी कितनी सुन्दर हो , तुम कितनी सुन्दर हो…. फिल्म है मोहरा. एकदम मासूमियत से ये गाना गाता हुआ पैंट की जेब में हाथ डाले एक लड़का घूमता है. उसके दोनों अंगूठे जेब से बाहर निकले रहते हैं. फिल्म के अंत में … और पढ़ें लार टपकती तो पता चल जाता कि सुनील शेट्टी अब अन्हुआ सांड की तरह मारेगा
तहखाना
वो नेता जिसके जीतने पर अखबारों ने छापा- बाबू ने बॉबी को हरा दिया!
एक नेता जिसके नाम भारत की संसद में लगातार 50 साल बैठने का वर्ल्ड रिकॉर्ड है, जो भारत के दलित-शोषित समाज के सबसे बड़े चेहरों में से एक था, जिसने स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर आजादी के बाद की सरकारों में बड़ी भूमिका निभाई, जिसके रक्षा मंत्री रहते भारत ने पाकिस्तान को 1971 की जंग में … और पढ़ें वो नेता जिसके जीतने पर अखबारों ने छापा- बाबू ने बॉबी को हरा दिया!
वो नेता जिसके जीतने पर अखबारों ने छापा- बाबू ने बॉबी को हरा दिया!
एक नेता जिसके नाम भारत की संसद में लगातार 50 साल बैठने का वर्ल्ड रिकॉर्ड है, जो भारत के दलित-शोषित समाज के सबसे बड़े चेहरों में से एक था, जिसने स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर आजादी के बाद की सरकारों में बड़ी भूमिका निभाई, जिसके रक्षा मंत्री रहते भारत ने पाकिस्तान को 1971 की जंग में … और पढ़ें वो नेता जिसके जीतने पर अखबारों ने छापा- बाबू ने बॉबी को हरा दिया!
तहखाना
धीरूभाई के बिज़नेस का तरीका, जिसमें अरब के शेख को हिंदुस्तान की मिट्टी बेच दी
हमारे देश में लोग कहते हैं कि रिलायंस देश के उद्योगों का वो बुलबुला है जिसमें फूटकर छा जाने की कूवत है. मैं कहता हूं कि मैं वो बुलबुला हूं जो फूट चुका है. -धीरूभाई अंबानी ने एक प्रेस कांफ्रेंस में मुस्कुराते हुए कहा था कई लोगों ने इसे धीरूभाई का एरोगेंस कहा था. आलोचकों … और पढ़ें धीरूभाई के बिज़नेस का तरीका, जिसमें अरब के शेख को हिंदुस्तान की मिट्टी बेच दी
धीरूभाई के बिज़नेस का तरीका, जिसमें अरब के शेख को हिंदुस्तान की मिट्टी बेच दी
हमारे देश में लोग कहते हैं कि रिलायंस देश के उद्योगों का वो बुलबुला है जिसमें फूटकर छा जाने की कूवत है. मैं कहता हूं कि मैं वो बुलबुला हूं जो फूट चुका है. -धीरूभाई अंबानी ने एक प्रेस कांफ्रेंस में मुस्कुराते हुए कहा था कई लोगों ने इसे धीरूभाई का एरोगेंस कहा था. आलोचकों … और पढ़ें धीरूभाई के बिज़नेस का तरीका, जिसमें अरब के शेख को हिंदुस्तान की मिट्टी बेच दी