
कुलदीप सरदार
कर्ली बाल, सारस सी चाल और बातों में फंस जाने पर वाया मुस्कान शायरी की ढाल. जो करीब से नहीं जानते वो प्यार से 'शायर' बुलाते हैं. वेइंग मशीन पर चढ़ते हैं तो मशीन पइसा वापस फेंक देती है. सुलतानपुर के हैं मगर क्लेम कानपुर पर ज्यादा है. कानपुर में कोई 'चकमक चाचा' हैं, जिनके किस्से चटखारे लेकर सुनाते हैं. आते हैं दिल्ली बॉर्डर से टैंपू लेकर. तखल्लुस कुल्हाड़ी का है. काटते हैं, मगर मीठे में. कोई छेड़ता है तो मुरव्वत से पूछते हैं, 'अबे टोपा हो का?'
भैरंट
ये है सबसे बड़ा हनुमान भक्त मुसलमान
भारत वह देश है जहां रसखान जैसे कृष्ण भक्त मुस्लिम कवि होते हैं. जहां शकील बदायूंनी नाम का एक मुसलमान हिंदुओं का मशहूर फिल्मी भजन ‘मन तड़पत हरि दर्शन को’ लिखता है, जिसे खय्याम का संगीत और मोहम्मद रफी की आवाज मिलती है. गंगा-जमुनी तहजीब अगर हमारी सोसाइटी में है, तो हमारे सिनेमा में भी पहले … और पढ़ें ये है सबसे बड़ा हनुमान भक्त मुसलमान
ये है सबसे बड़ा हनुमान भक्त मुसलमान
भारत वह देश है जहां रसखान जैसे कृष्ण भक्त मुस्लिम कवि होते हैं. जहां शकील बदायूंनी नाम का एक मुसलमान हिंदुओं का मशहूर फिल्मी भजन ‘मन तड़पत हरि दर्शन को’ लिखता है, जिसे खय्याम का संगीत और मोहम्मद रफी की आवाज मिलती है. गंगा-जमुनी तहजीब अगर हमारी सोसाइटी में है, तो हमारे सिनेमा में भी पहले … और पढ़ें ये है सबसे बड़ा हनुमान भक्त मुसलमान
तहखाना
खुद को 'बदसूरत' समझती थीं इंदिरा गांधी
भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी एक सख्तमिजाज प्रशासक मानी जाती थीं. बहुत लोग उनके व्यक्तित्व और अंदाज के मुरीद थे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक समय इंदिरा खुद को बदसूरत समझती थीं? इंदिरा गांधी की करीबी दोस्त पुपुल जयकर ने इंदिरा के सहयोग से ही उनकी बायोग्राफी लिखी थी. इसके मुताबिक, … और पढ़ें खुद को ‘बदसूरत’ समझती थीं इंदिरा गांधी
खुद को 'बदसूरत' समझती थीं इंदिरा गांधी
भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी एक सख्तमिजाज प्रशासक मानी जाती थीं. बहुत लोग उनके व्यक्तित्व और अंदाज के मुरीद थे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक समय इंदिरा खुद को बदसूरत समझती थीं? इंदिरा गांधी की करीबी दोस्त पुपुल जयकर ने इंदिरा के सहयोग से ही उनकी बायोग्राफी लिखी थी. इसके मुताबिक, … और पढ़ें खुद को ‘बदसूरत’ समझती थीं इंदिरा गांधी
तहखाना
विराट कोहली को किस क्रिकेटर ने मारे थे जोरदार थप्पड़?
विराट कोहली ने किससे थप्पड़ खाए? बचपन में उनका फेवरेट शॉट क्या था? ट्रेनिंग के पहले दिन किस चीज को देख कोच हैरान रह गए थे? कामयाब होने के बाद उन्होंने अपने कोच को क्या गिफ्ट दिया? विराट कोहली के जबरा फैन लोग खुश हो जाएं. उनकी जिंदगी पर एक किताब है, ‘ड्रिवेन: द विराट कोहली … और पढ़ें विराट कोहली को किस क्रिकेटर ने मारे थे जोरदार थप्पड़?
विराट कोहली को किस क्रिकेटर ने मारे थे जोरदार थप्पड़?
विराट कोहली ने किससे थप्पड़ खाए? बचपन में उनका फेवरेट शॉट क्या था? ट्रेनिंग के पहले दिन किस चीज को देख कोच हैरान रह गए थे? कामयाब होने के बाद उन्होंने अपने कोच को क्या गिफ्ट दिया? विराट कोहली के जबरा फैन लोग खुश हो जाएं. उनकी जिंदगी पर एक किताब है, ‘ड्रिवेन: द विराट कोहली … और पढ़ें विराट कोहली को किस क्रिकेटर ने मारे थे जोरदार थप्पड़?
तहखाना
16 की उम्र में इंदिरा गांधी ने फिरोज़ का पहला प्रपोज़ल ठुकरा दिया था
देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के अपने पति से रिश्ते अच्छे नहीं थे. इंदिरा ने गुजराती पारसी फिरोज गांधी से शादी की थी, लेकिन उसके बाद जो हालात बने, उन्होंने दोनों के रिश्ते में खटास पैदा कर दी. इंदिरा इलाहाबाद से ही फिरोज को जानती थीं, लेकिन ब्रिटेन में रहने के दौरान दोनों … और पढ़ें 16 की उम्र में इंदिरा गांधी ने फिरोज़ का पहला प्रपोज़ल ठुकरा दिया था
16 की उम्र में इंदिरा गांधी ने फिरोज़ का पहला प्रपोज़ल ठुकरा दिया था
देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के अपने पति से रिश्ते अच्छे नहीं थे. इंदिरा ने गुजराती पारसी फिरोज गांधी से शादी की थी, लेकिन उसके बाद जो हालात बने, उन्होंने दोनों के रिश्ते में खटास पैदा कर दी. इंदिरा इलाहाबाद से ही फिरोज को जानती थीं, लेकिन ब्रिटेन में रहने के दौरान दोनों … और पढ़ें 16 की उम्र में इंदिरा गांधी ने फिरोज़ का पहला प्रपोज़ल ठुकरा दिया था
तहखाना
वो शायर, जो औरतों के आंचल को परचम बनाना चाहता था
ये मजाज़ जैसे शायर ही थे, जो नामुक़म्मल चीज़ों के साथ दिलनवाज़ी की चिप्पी चिपका गए और हमें अधूरेपन से भी इश्क़ हो गया. मजाज़ लखनवी 19 अक्टूबर, 1911 को जन्मे और 5 दिसंबर 1955 के दिन दुनिया से रुखसत हुए. आज उनकी बर्थ एनिवर्सरी है, तो आज उनकी बातें करते हैं. आम दिनों में तो कम ही होती हैं. मजाज़ … और पढ़ें वो शायर, जो औरतों के आंचल को परचम बनाना चाहता था
वो शायर, जो औरतों के आंचल को परचम बनाना चाहता था
ये मजाज़ जैसे शायर ही थे, जो नामुक़म्मल चीज़ों के साथ दिलनवाज़ी की चिप्पी चिपका गए और हमें अधूरेपन से भी इश्क़ हो गया. मजाज़ लखनवी 19 अक्टूबर, 1911 को जन्मे और 5 दिसंबर 1955 के दिन दुनिया से रुखसत हुए. आज उनकी बर्थ एनिवर्सरी है, तो आज उनकी बातें करते हैं. आम दिनों में तो कम ही होती हैं. मजाज़ … और पढ़ें वो शायर, जो औरतों के आंचल को परचम बनाना चाहता था
तहखाना
बागी लोगों के भगवान तो शिव ही हैं: अमीश त्रिपाठी
भारत में मिथकीय फिक्शन राजनीतिक तौर पर एक विस्फोटक सब्जेक्ट हो सकता था, लेकिन अमीश त्रिपाठी ने बिना किसी विवाद के ‘शिव’ को एक फिक्शन का किरदार बनाकर तीन उपन्यास लिख डाले. दावा है कि इस ‘शिव ट्रिलजी’ की करीब 25 लाख कॉपी बिकीं, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. अमीश त्रिपाठी से कुलदीप सरदार की 4 जुलाई,2015 … और पढ़ें बागी लोगों के भगवान तो शिव ही हैं: अमीश त्रिपाठी
बागी लोगों के भगवान तो शिव ही हैं: अमीश त्रिपाठी
भारत में मिथकीय फिक्शन राजनीतिक तौर पर एक विस्फोटक सब्जेक्ट हो सकता था, लेकिन अमीश त्रिपाठी ने बिना किसी विवाद के ‘शिव’ को एक फिक्शन का किरदार बनाकर तीन उपन्यास लिख डाले. दावा है कि इस ‘शिव ट्रिलजी’ की करीब 25 लाख कॉपी बिकीं, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. अमीश त्रिपाठी से कुलदीप सरदार की 4 जुलाई,2015 … और पढ़ें बागी लोगों के भगवान तो शिव ही हैं: अमीश त्रिपाठी
तहखाना
जब मशहूर गे एक्टिविस्ट ने महात्मा गांधी को कहा 'हरामज़ादा बनिया'
फिल्में बैन होने पर आज-कल खूब बात होती है. लेकिन 23 साल पहले एक टीवी शो के बैन का किस्सा बड़ा दिलचस्प है. 1995 में एक टीवी शो इसलिए बंद कर दिया गया क्योंकि वहां महात्मा गांधी को ‘हरामज़ादा बनिया’ कह दिया गया था. पढ़कर एक बार को कान से धुआं निकल जाता है ना! लेकिन ऐसा … और पढ़ें जब मशहूर गे एक्टिविस्ट ने महात्मा गांधी को कहा ‘हरामज़ादा बनिया’
जब मशहूर गे एक्टिविस्ट ने महात्मा गांधी को कहा 'हरामज़ादा बनिया'
फिल्में बैन होने पर आज-कल खूब बात होती है. लेकिन 23 साल पहले एक टीवी शो के बैन का किस्सा बड़ा दिलचस्प है. 1995 में एक टीवी शो इसलिए बंद कर दिया गया क्योंकि वहां महात्मा गांधी को ‘हरामज़ादा बनिया’ कह दिया गया था. पढ़कर एक बार को कान से धुआं निकल जाता है ना! लेकिन ऐसा … और पढ़ें जब मशहूर गे एक्टिविस्ट ने महात्मा गांधी को कहा ‘हरामज़ादा बनिया’
तहखाना
क्यों ज़ोहरा की बेटी उन्हें 'ज़ोहरा सहगल: फैटी हिटलर' कहती थीं?
एक टीवी इंटरव्यू में करीना कपूर से पूछा गया कि वह बॉलीवुड में कब तक काम करेंगी. करीना ने कहा, ‘ज़ोहरा आंटी की तरह बरसों तक.’ पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण एक्टर-डांसर ज़ोहरा सहगल 2014 में जब वह दुनिया छोड़ गई थीं, उनकी उम्र 102 बरस थी. टीवी इंडस्ट्री में उन्होंने सबसे ज्यादा सालों … और पढ़ें क्यों ज़ोहरा की बेटी उन्हें ‘ज़ोहरा सहगल: फैटी हिटलर’ कहती थीं?
क्यों ज़ोहरा की बेटी उन्हें 'ज़ोहरा सहगल: फैटी हिटलर' कहती थीं?
एक टीवी इंटरव्यू में करीना कपूर से पूछा गया कि वह बॉलीवुड में कब तक काम करेंगी. करीना ने कहा, ‘ज़ोहरा आंटी की तरह बरसों तक.’ पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण एक्टर-डांसर ज़ोहरा सहगल 2014 में जब वह दुनिया छोड़ गई थीं, उनकी उम्र 102 बरस थी. टीवी इंडस्ट्री में उन्होंने सबसे ज्यादा सालों … और पढ़ें क्यों ज़ोहरा की बेटी उन्हें ‘ज़ोहरा सहगल: फैटी हिटलर’ कहती थीं?
वीडियो
लता ताई के जन्मदिन पर जानिए उनके जीवन के रोचक किस्से
लता मंगेशकर आज 91 साल की हो गई हैं. अपनी अगली पीढ़ी से फख़्र से कहिएगा कि आपने लता ताई को अपनी आंखों से देखा था. दूरदर्शन देखा होगा तो महाभारत में ‘मैं समय हूं’ वाली आवाज याद होगी. वो हरीश भीमाणी की आवाज थी. हरीश ने 21 देशों के 53 शहरों में लता मंगेशकर के 123 प्रोग्राम का संचालन किया था. बाद में उन्होंने इन अनुभवों पर डायरी लिखनी शुरू कर दी. इसी डायरी के हिस्से को उन्होंने बाद में एक किताब के तौर पर छापा. नाम था, ‘इन सर्च ऑफ लता मंगेशकर.’ आज लता मंगेशकर को इसी किताब के कुछ हिस्सों से याद करते हैं. देखिए वीडियो.
तहखाना
लता ने पल्लू खोंसा और बोलीं, 'दोबारा दिखा तो गटर में फेंक दूंगी, मराठा हूं'
ग़ुलाम अली ग़ज़ल गा रहे थे. अचानक ठहरे और कहने लगे, ‘माफ कीजिएगा, सुर ज़रा बहक गया था.’ गले को भरोसा देकर वो फिर शुरू हुए और गाना पूरा किया. इन गुलाम अली के गुरु थे, बड़े गुलाम अली साहेब. आज भी वो उनका नाम लेने से कतराते हैं. लेना पड़े तो कान पर हाथ लगा लेते हैं. तो … और पढ़ें लता ने पल्लू खोंसा और बोलीं, ‘दोबारा दिखा तो गटर में फेंक दूंगी, मराठा हूं’
लता ने पल्लू खोंसा और बोलीं, 'दोबारा दिखा तो गटर में फेंक दूंगी, मराठा हूं'
ग़ुलाम अली ग़ज़ल गा रहे थे. अचानक ठहरे और कहने लगे, ‘माफ कीजिएगा, सुर ज़रा बहक गया था.’ गले को भरोसा देकर वो फिर शुरू हुए और गाना पूरा किया. इन गुलाम अली के गुरु थे, बड़े गुलाम अली साहेब. आज भी वो उनका नाम लेने से कतराते हैं. लेना पड़े तो कान पर हाथ लगा लेते हैं. तो … और पढ़ें लता ने पल्लू खोंसा और बोलीं, ‘दोबारा दिखा तो गटर में फेंक दूंगी, मराठा हूं’