
अनिमेष
होमियोपैथी की विरासत में पले-बढ़े. जन्म से 'भोद्रो लोक' हैं मगर जड़ें अवध, ब्रज और बुंदेलखंड तक फ़ैली हैं. जब लगा कि 'पॉवरपॉइंट' से आगे जहां और भी हैं तो एमबीए के बाद हिंदी साहित्य पढ़ने लगे. लोग इन्हें 'नकली' बंगाली भी कहते हैं क्योंकि न तो ये अक्टूबर में स्वेटर पहने दिखाई पड़ते हैं, न ही रम के गिलास के साथ 'चारमीनार' फूंकते हैं. हाइट इतनी है कि ऑफिस की चौखट छोटी पड़ जाती है इनको. आजकल गिटार, कीबोर्ड और कैमरे के साथ पाये जाते हैं (फिर भी सिंगल हैं). फेसबुक पर दिखते हैं मगर प्यार से ढूंढेंगे तो आस पास ही दिख जायेंगे.
तहखाना
जो कंप्यूटर से बांसुरी बजा दे, सो रहमान होए!
अमेज़न ने 2010 में दुनिया के टॉप 100 एल्बम की लिस्ट निकाली थी. ‘लगान’ को इसमें 45वें पायदान पर रखा गया था. आप में से कई लोग कहेंगे कि इससे कई गुना अच्छे गाने हमारी दूसरी फिल्मों में हुए हैं. आखिर लगान ही क्यों? बाकी के तमाम कंपोजर्स की बात बाद में करेंगे अभी बस … और पढ़ें जो कंप्यूटर से बांसुरी बजा दे, सो रहमान होए!
जो कंप्यूटर से बांसुरी बजा दे, सो रहमान होए!
अमेज़न ने 2010 में दुनिया के टॉप 100 एल्बम की लिस्ट निकाली थी. ‘लगान’ को इसमें 45वें पायदान पर रखा गया था. आप में से कई लोग कहेंगे कि इससे कई गुना अच्छे गाने हमारी दूसरी फिल्मों में हुए हैं. आखिर लगान ही क्यों? बाकी के तमाम कंपोजर्स की बात बाद में करेंगे अभी बस … और पढ़ें जो कंप्यूटर से बांसुरी बजा दे, सो रहमान होए!
भैरंट
फारुख शेख: मासूमियत भरी संजीदा मोहब्बत की बात हो, तो ये आदमी चैंपियन है
1973 में एक फिल्म रिलीज़ हुई थी, ‘गर्म हवा’. 3 फिल्म फेयर और 1 नेशनल अवॉर्ड जीतने वाली इस फिल्म को हिंदी आर्ट सिनेमा की शुरुआत करने वाली फिल्म भी माना जाता है. फिल्म भारत-पाकिस्तान बंटवारे पर बनी थी और लेजेंडरी ऐक्टर बलराज साहनी की आखिरी फिल्म थी. फिल्म में सलीम मिर्ज़ा बने बलराज साहनी … और पढ़ें फारुख शेख: मासूमियत भरी संजीदा मोहब्बत की बात हो, तो ये आदमी चैंपियन है
फारुख शेख: मासूमियत भरी संजीदा मोहब्बत की बात हो, तो ये आदमी चैंपियन है
1973 में एक फिल्म रिलीज़ हुई थी, ‘गर्म हवा’. 3 फिल्म फेयर और 1 नेशनल अवॉर्ड जीतने वाली इस फिल्म को हिंदी आर्ट सिनेमा की शुरुआत करने वाली फिल्म भी माना जाता है. फिल्म भारत-पाकिस्तान बंटवारे पर बनी थी और लेजेंडरी ऐक्टर बलराज साहनी की आखिरी फिल्म थी. फिल्म में सलीम मिर्ज़ा बने बलराज साहनी … और पढ़ें फारुख शेख: मासूमियत भरी संजीदा मोहब्बत की बात हो, तो ये आदमी चैंपियन है
भैरंट
दुनिया में यहां क्रिसमस 25 दिसम्बर नहीं 6-7 जनवरी को मनाया जाता है
‘माने मकर्तच्यान’ एशिया और यूरोप की सीमा पर बसे छोटे से मगर बेहद खूबसूरत देश अर्मेनिया में पैदा हुईं. एक साल के लिए हिंदी पढ़ने दिल्ली आईं मगर देखते ही देखते, BA, MA करते हुए निर्मल वर्मा पर M Phil कर डाली. उसके बाद JNU से तुलनात्मक साहित्य में रिसर्च किया. माने अक्सर प्रसाद जी वाली … और पढ़ें दुनिया में यहां क्रिसमस 25 दिसम्बर नहीं 6-7 जनवरी को मनाया जाता है
दुनिया में यहां क्रिसमस 25 दिसम्बर नहीं 6-7 जनवरी को मनाया जाता है
‘माने मकर्तच्यान’ एशिया और यूरोप की सीमा पर बसे छोटे से मगर बेहद खूबसूरत देश अर्मेनिया में पैदा हुईं. एक साल के लिए हिंदी पढ़ने दिल्ली आईं मगर देखते ही देखते, BA, MA करते हुए निर्मल वर्मा पर M Phil कर डाली. उसके बाद JNU से तुलनात्मक साहित्य में रिसर्च किया. माने अक्सर प्रसाद जी वाली … और पढ़ें दुनिया में यहां क्रिसमस 25 दिसम्बर नहीं 6-7 जनवरी को मनाया जाता है
भैरंट
कश्मीर में ईसा मसीह की कब्र, जिसकी देखभाल सुन्नी करते हैं!
कश्मीर में श्रीनगर के डाउनटाउन इलाके में एक इमारत है. रोज़ाबल नाम की. इस जगह के इतिहास में ऐसे लोगों की भी दिलचस्पी है, जो कश्मीर के भूगोल में कोई इंट्रेस्ट नहीं रखते. दावा किया जाता है कि ये रोज़ाबल श्राइन, ईसामसीह की कब्र है. वैसे रौज़ा का अर्थ होता है कब्र और बल का … और पढ़ें कश्मीर में ईसा मसीह की कब्र, जिसकी देखभाल सुन्नी करते हैं!
कश्मीर में ईसा मसीह की कब्र, जिसकी देखभाल सुन्नी करते हैं!
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भैरंट
नयन मोंगिया : बेहतरीन विकेटकीपर या फिक्सिंग का खलनायक?
कहते हैं कि क्रिकेट में विकेटकीपर पूरी टीम के मनोबल को बढ़ा सकता है. आज की तारीख में कैप्टन कूल कहे जाने वाले धोनी इस की सबसे बड़ी मिसाल हैं. मगर इससे पहले भी एक हिंदुस्तानी विकेटकीपर हुआ है जिसे क्रिकेट के इतिहास में तमाम कारणों के साथ-साथ मैदान पर दिखने वाले जोश के लिए … और पढ़ें नयन मोंगिया : बेहतरीन विकेटकीपर या फिक्सिंग का खलनायक?
नयन मोंगिया : बेहतरीन विकेटकीपर या फिक्सिंग का खलनायक?
कहते हैं कि क्रिकेट में विकेटकीपर पूरी टीम के मनोबल को बढ़ा सकता है. आज की तारीख में कैप्टन कूल कहे जाने वाले धोनी इस की सबसे बड़ी मिसाल हैं. मगर इससे पहले भी एक हिंदुस्तानी विकेटकीपर हुआ है जिसे क्रिकेट के इतिहास में तमाम कारणों के साथ-साथ मैदान पर दिखने वाले जोश के लिए … और पढ़ें नयन मोंगिया : बेहतरीन विकेटकीपर या फिक्सिंग का खलनायक?
UP चुनाव
आज ही के दिन मार डाले गए थे 42 मुस्लिम, जिसमें 31 साल बाद सज़ा हुई
22 मई. वो तारीख, जब 1987 के हाशिमपुरा नरसंहार की बात होती है. उस घटना में 42 मुस्लिमों को गोलियों से भून दिया गया था. मरने वालों को मुस्लिम इसलिए कहा जाएगा, क्योंकि उन्हें मुस्लिम होने की वजह से ही मारा गया था. 22 मई, 1987 की रात थी. प्रांतीय सशस्त्र बलों (पीएसी) का URU1493 … और पढ़ें आज ही के दिन मार डाले गए थे 42 मुस्लिम, जिसमें 31 साल बाद सज़ा हुई
आज ही के दिन मार डाले गए थे 42 मुस्लिम, जिसमें 31 साल बाद सज़ा हुई
22 मई. वो तारीख, जब 1987 के हाशिमपुरा नरसंहार की बात होती है. उस घटना में 42 मुस्लिमों को गोलियों से भून दिया गया था. मरने वालों को मुस्लिम इसलिए कहा जाएगा, क्योंकि उन्हें मुस्लिम होने की वजह से ही मारा गया था. 22 मई, 1987 की रात थी. प्रांतीय सशस्त्र बलों (पीएसी) का URU1493 … और पढ़ें आज ही के दिन मार डाले गए थे 42 मुस्लिम, जिसमें 31 साल बाद सज़ा हुई
तहखाना
सच जान लो : हल्दीघाटी की लड़ाई हल्दीघाटी में हुई ही नहीं थी
कुछ दिन पहले एक नया इतिहास बताया गया कि हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप ने अकबर को हरा दिया था. अभी तक इससे ठीक उलटी बात बताई जाती थी. ये भी प्रचलित बात है कि महाराणा प्रताप अपनी कसम को बचाए रखने के लिए घास की रोटियां खाते रहे. जंगलों में रहते रहे. कुछ दिन पहले … और पढ़ें सच जान लो : हल्दीघाटी की लड़ाई हल्दीघाटी में हुई ही नहीं थी
सच जान लो : हल्दीघाटी की लड़ाई हल्दीघाटी में हुई ही नहीं थी
कुछ दिन पहले एक नया इतिहास बताया गया कि हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप ने अकबर को हरा दिया था. अभी तक इससे ठीक उलटी बात बताई जाती थी. ये भी प्रचलित बात है कि महाराणा प्रताप अपनी कसम को बचाए रखने के लिए घास की रोटियां खाते रहे. जंगलों में रहते रहे. कुछ दिन पहले … और पढ़ें सच जान लो : हल्दीघाटी की लड़ाई हल्दीघाटी में हुई ही नहीं थी
भैरंट
वो हिंदुस्तानी फेमिनिस्ट, जिससे विवेकानंद परेशान रहते थे
पढ़ाई-लिखाई में प्रकांड विद्वान, कई भाषाओं की जानकारी, लोगों की भलाई के लिए मठ की स्थापना, अमेरिका जाकर भारतीय संस्कृति का प्रचार और समाज सुधार की बात. ये सारे विशेषण स्वामी विवेकानंद के लिए इस्तेमाल होते हैं. लेकिन 1858 में पैदा हुईं रमा बाई सरस्वती के लिए भी लगभग सटीक बैठते हैं. खास बात ये है कि … और पढ़ें वो हिंदुस्तानी फेमिनिस्ट, जिससे विवेकानंद परेशान रहते थे
वो हिंदुस्तानी फेमिनिस्ट, जिससे विवेकानंद परेशान रहते थे
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भैरंट
इंडिया का सबसे महंगा म्यूज़िक कंपोज़र, जिसने लता के साथ कभी काम नहीं किया
संगीत के तीन हिस्से होते हैं सुर लय और ताल. हिंदी सिनेमा के संगीत में इन तीन हिस्सों को तमाम संगीतकारों ने अलग-अलग तरीके से इस्तेमाल किया है. मगर एक संगीतकार ऐसा भी है जिसके संगीत को बेहतरीन सुर और लय के साथ-साथ ताल के अद्भुत इस्तेमाल के कारण याद किया जाता है. बात हिंदी … और पढ़ें इंडिया का सबसे महंगा म्यूज़िक कंपोज़र, जिसने लता के साथ कभी काम नहीं किया
इंडिया का सबसे महंगा म्यूज़िक कंपोज़र, जिसने लता के साथ कभी काम नहीं किया
संगीत के तीन हिस्से होते हैं सुर लय और ताल. हिंदी सिनेमा के संगीत में इन तीन हिस्सों को तमाम संगीतकारों ने अलग-अलग तरीके से इस्तेमाल किया है. मगर एक संगीतकार ऐसा भी है जिसके संगीत को बेहतरीन सुर और लय के साथ-साथ ताल के अद्भुत इस्तेमाल के कारण याद किया जाता है. बात हिंदी … और पढ़ें इंडिया का सबसे महंगा म्यूज़िक कंपोज़र, जिसने लता के साथ कभी काम नहीं किया
झमाझम
ग़ालिब हम शर्मिंदा हैं, ग़ज़ल के क़ातिल ज़िंदा हैं
चाणक्य ने कहा था कि पोस्ट कलियुग काल में रात में ऐंजल प्रिया नाम से आईडी बनाने वाले क्यूट लौंडे दिन में हर बात में ग़ालिब का नाम लगाकर व्हॉटस्ऐप पर फैलाएंगे. ऐसे लोग खुद को चाहे कूलत्व की किसी भी अवस्था में गिनते हों मगर इन नादान लोगों को जहन्नुम में एंजेल ताहिर शाह के गाने … और पढ़ें ग़ालिब हम शर्मिंदा हैं, ग़ज़ल के क़ातिल ज़िंदा हैं
ग़ालिब हम शर्मिंदा हैं, ग़ज़ल के क़ातिल ज़िंदा हैं
चाणक्य ने कहा था कि पोस्ट कलियुग काल में रात में ऐंजल प्रिया नाम से आईडी बनाने वाले क्यूट लौंडे दिन में हर बात में ग़ालिब का नाम लगाकर व्हॉटस्ऐप पर फैलाएंगे. ऐसे लोग खुद को चाहे कूलत्व की किसी भी अवस्था में गिनते हों मगर इन नादान लोगों को जहन्नुम में एंजेल ताहिर शाह के गाने … और पढ़ें ग़ालिब हम शर्मिंदा हैं, ग़ज़ल के क़ातिल ज़िंदा हैं